अवधनामा संवाददाता
08 गाँवों के लोग जमीनें देने के लिये सहमत नहीं
आजमगढ़। मन्दुरी हवाई पट्टी को अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा बनाने हेतु प्रशासन द्वारा भेजे गये सर्वे के विरोध में आशियाना बचाओ ग्रामवासी मोर्चा द्वारा कलेक्ट्रेट स्थित रिक्शा स्टैण्ड पर जनसभा करके धरना दिया गया। जनसभा के बाद ग्रामीणों ने जिलाधिकारी एवं कमिश्नर से मिलकर मुख्यमंत्री, महामहिम राज्यपाल, उड्डयन मंत्रालय एवं महामहिम राष्ट्रपति सहित प्रधानमंत्री को सम्बोधित ज्ञापन सौंपा। वक्ताओं ने कहा कि इसके पूर्व दिनांक 02 नवम्बर 2022 एवं 15 दिसम्बर, 2022 को कलेक्ट्रेट आजमगढ़ पर धरना-प्रदर्शन करके शासन को सम्बोधित ज्ञापन सौंपा गया था। इस ज्ञापन पर शासन द्वारा संज्ञान लेते हुये नागरिक उड्डयन विभाग के पत्र संख्या 1996 दिनांक 06 जनवरी द्वारा जिलाधिकारी आजमगढ़ से यह प्रस्ताव मांगा गया है कि इन 08 गाँवों के 4000 घरों एवं उससे सटी उपजाऊ जमीनों को छोड़कर अन्य कोई दूसरा विकल्प हो तो उसे शीघ्र उपलब्ध करायें।
वक्ताओं ने कहा कि दुर्भाग्य की बात यह है कि शासन के इस पत्र को जिला प्रशासन दबाकर बैठा हुआ है। जबकि जिला प्रशासन को चाहिए था कि इन 08 गाँवों के पुराने सर्वे को निरस्त करके नया विकल्प शासन को उपलब्ध कराता, किन्तु वह ऐसा न करके खिरिया की बाग स्थित धरना को समाप्त कराने की अपील कर रहा है और कह रहा है कि बिना आपकी सहमति के आपका मकान व जमीन प्रशासन नहीं लेगा। जबकि प्रशासन को मालूम है कि इन 08 गाँवों के लोग अपने मकान व उससे सटी उपजाऊ जमीनें देने के लिये सहमत नहीं है, फिर भी वह आन्दोलनरत ग्रामवासियों से सहमति लेने का कुप्रयास कर रहा है। जब शासन हवाई अड्डे के विस्तार हेतु नया विकल्प मांग रहा है, तो प्रशासन नया विकल्प क्यों नहीं बता रहा है और पुराना सर्वे निरस्त करने हेतु शासन को पत्र क्यों नहीं लिख रहा है। जाहिर है कि प्रशासन आज भी मनमानी कर रहा है और शासन को नया विकल्प नहीं भेज रहा है। इसलिए इन 08 गाँवों के ग्रामीणों द्वारा शासन के पत्र दिनांक 06 जनवरी, 2023 का अनुपालन करने एवं पुराना सर्वे निरस्त कराने हेतु पुनः कलेक्ट्रेट पर धरना देकर अपना विरोध दर्ज कराया गया।
उनके मकान तोड़े जाने से पुनर्वासन एवं पुनर्व्यस्थापन पर भी सरकारी खजाने पर अतिरिक्त व्यय भार पड़ेगा। इसके बाद भी प्रशासन अपनी मनमानी कर रहा है और खाली परती पड़ी अनुपजाऊ जमीनें होते हुये भी, उन्हें छोड़कर 08 गाँवों की घनी आबादी उजाड़ने पर तुला हुआ है तथा ग्रामीणों के साथ-साथ सरकारी खजाने को भी चूना लगाने पर आमादा है। हवाई अड्डे के विस्तार हेतु किये गये सर्वे में 90 प्रतिशत लोग भूमिहीन मजदूर है, जिनके पास मात्र दो-चार बिस्वा ही जमीनें हैं और इनके पास आशियाने के अलावा कुछ भी नहीं है। जबकि प्रशासन इन गाँवों के बहुसंख्यक मजदूरों को किसान बताकर जबरन अधिग्रहण कानून थोप रहा है। ग्रामीणों ने ज्ञापन के माध्यम से मांग किया कि प्रशासन जल्द से जल्द शासन के पत्र 06 जनवरी का अनुपालन करे एवं पुराना सर्वे निरस्त करे। धरने की अध्यक्षता डा० राधेश्याम व संचालन श्यामनरायन सिंह ने किया। सभा को ज्ञानराम शिवप्रकाश यादव, ओमहरी प्रजापति, शिवबचन, रामकवल, नीरज राय, ओमप्रकाश सिंह, जीतनरायन यादव, केदार वर्मा, मुन्नालाल, सुरेश चन्द, संगीता व सुभावती ने सम्बोधित किया।