बचाने दीने नबी शाहे मशराक़ैन चले

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अवधनामा संवाददाता

देर रात निकाला गया सफर ए इमाम हुसैन की याद में अलम, अमारी व ज़ुलजनाह का जुलूस

प्रयागराज। मदीने से करबला के सफर पर निकले हज़रत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम की याद में माहे रजब की अठ्ठाईस को अक़ीदत व ऐहतेराम के सात जुलूस सफर ए इमाम हुसैन निकाला गया।
रेयाज़ मिर्ज़ा व शुजा मिर्ज़ा ने ग़मगीन मर्सिया पढ़ा तो डॉ क़मर आब्दी, अम्बर वसीम ,कुमैल बींदवी व रौनक सफीपुरी ने पेशख्वानी के फरायज़ अंजाम दिए। मौलाना मोहम्मद अली गौहर ने मजलिस को खिताब करते हुए मदीने को किन मजबूरीयों में इमाम हुसैन को छोड़ना पड़ा और सन इक्सठ हिजरी को करबला के मैदान में नाना रसूल ए अकरम के दीने मोहम्मदी को बचाने को अपने दोस्त अहबाब और खानवादे को राहें हक़ में कुर्बान कर दिया। इसका ग़मगीन तज़केरा भी किया।
आयोजक बादशाह हुसैन ज़ेया की ओर से निकाले गए जुलूस में अन्जुमन ग़ुन्चा ए क़ासिमिया के नौहाख्वान शादाब ज़मन, अस्करी अब्बास, ज़हीर अब्बास, ऐजाज़ नक़वी, कामरान रिज़वी, शबीह रिज़वी आदि और अन्जुमन मज़लूमिया के नौहाख्वानो में पुरदर्द नौहा पढ़ते हुए जुलूस निकाला जो देर रात रहमत नगर स्थित इबादत खाने पर पहुंच कर सम्पन्न हुआ।
अन्जुमन के प्रवक्ता सैय्यद मोहम्मद अस्करी के मुताबिक़ रास्ते भर बड़ी संख्या में अक़ीदतमन्दों ने जहां फूल माला व सूती चादर चढ़ा कर मन्नतें व मुरादें मांगी। वहीं घर के दरवाजों पर मौजूद खवातीनों ने ज़ुलजनाह का इस्तेक़बाल दूध जलेबी वह भीगी चने की दाल खिला कर किया।
जुलूस में बादशाह हुसैन ज़ेया, यशब अब्बास, शौज़ब रिज़वी, हसन आदिल, शैदा रिज़वी, काशिफ रिज़वी, सैय्यद मोहम्मद अस्करी समेत बड़ी संख्या में अक़ीदतयन्द व अन्जुमन के सदस्य व पदाधिकारी शामिल रहे।

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