अवधनामा संवाददाता
ललितपुर जिले का कस्बा पाली अनेक विशिष्टताओं के लिये जाना जाता है। उत्तम क्वालिटी के देशी पान की खेती और विंध्यांचल पर्वत पर स्थित प्राचीन विश्व प्रसिद्ध नीलकंठेश्वर मंदिर यहाँ की खास पहचान है। शिव के साक्षात विराजमान होने के कारण यह कस्बा भोलेनाथ की नगरी के रूप में भी जाना जाता है। यूँ तो वर्ष भर यहाँ धार्मिक कार्यक्रमों की धूम मची रहती है, लेकिन महाशिवरात्रि पर आयोजित भव्य शिव बारात का अपना अलग ही महत्व है। इसकी शुरुआत भी भगवान शिव की प्रेरणा से ही हुई। उक्त विचार व्यक्त करते हुये एड. पुष्पेन्द्र सिंह चौहान से हुये विशेष वार्ता के दौरान भगवान भोलेनाथ का वेष धारण करने वाले जिले के वरिष्ठ पत्रकार अमित पाण्डेय ने बताया कि 24 फरवरी 2011 की बात है। अखबार में कही महाशिवरात्रि पर शिव बारात की तैयारियों का समाचार पढ़ रहा था। तभी मन मे विचार आया कि पाली मे शिव बारात निकाली जाये। मैने करीबी दोस्तों से चर्चा की तो सहमति तो सभी ने जताई लेकिन आगे कोई नही आना चाहता था। 2 मार्च 2011 को महाशिवरात्रि की सुवह करीब 3 या 4 बजे के बीच भगवान शिव के स्वप्न में साक्षात दर्शन हुए। ऐसा लगा मानो वे स्वयं हमे शिव बारात निकालने की प्रेरणा दे रहे हो। सुबह अमित पाण्डेय ने अपने मित्रों आशीष चौरसिया, गोलू चौरसिया, नरेन्द्र ताम्रकार, पुनीत चौरसिया, राजेश सोनी, मनीष तिवारी, आलोक चौरसिया, अन्नू रावत, राजू परिहार आदि मित्रो को सुबह के स्वप्न और शिव बारात निकालने की बात बताई तो सभी तैयार हो गए। चूंकि 10 बज चुके थे और 3 बजे बारात निकालनी थी अत: सभी तैयारियों में जुट गए। कुछ बैण्ड, डीजे लाइट बग्घी की व्यवस्था में जुट गए तो कुछ चंदा करने में। लोगो को पता चला कि 3 बजे शंकरजी की बारात निकलनी है तो नगर में खुशी की लहर दौड़ गयी और लोग दिल खोलकर सहयोग और तैयारियों में जुट गए। रामकुमार चौरसिया जो अब नगर पंचायत अध्यक्ष है और संजीव चौरसिया नेताजी आदि कई मित्रों का भी सहयोग मिला। शिवजी की पोशाक के लिये हम लोग अवध विहारी मंदिर पहुंचे जहां एक पुराने बक्से की धूल झाड़कर रामलीला की शिव पोशाक उठाई। उसे तत्काल धोकर सुखाया गया, टेढ़े हो चुके त्रिशूल को सीधा किया गया और कमंडल को लाल रंग के बर्निश से पोत दिया गया। तब तक दोपहर के 2 बज गए थे। हम लोग युद्ध स्तर पर तैयारियों में जुटे हुए थे। इसी बीच जिला परिषद इंटर कॉलेज के रिटायर्ड प्रिंसपल तुलसीराम अहिरवार बोले कि किसी को शिव स्वरूप बनाया जाये और फिर बारात निकले तो आनंद ही आनंद है। इस पर पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष मनोज राही ने कहा कि यदि अमित पाण्डेय शिव बन जाये तो हम अपने घर पर हिमांचल बनकर बारात का तिलक और स्वागत करने के लिये तैयार है। बस फिर क्या था, लोगो के अधिक जोर देने पर हमें पहली बार शिव का स्वरूप धारण करने का सौभाग्य मिला। तत्काल सभी हजारिया विश्वनाथ महादेव मंदिर पहुंचे और जल्दी जल्दी कुछ क्रीम और नील पोतकर मुझे भोले बाबा का स्वरूप दिया गया। नगर में पहली बार भूतों की टोली के साथ दूल्हा बने भोलेनाथ की बारात निकाली गयी। मनोज राही ने हिमांचल बन कर भोलेनाथ का तिलक किया और बारात की खूब आव भगत की। तब से यह परंपरा आज भी जारी है। इस तिलक की अनूठी परंपरा से हमारे और राही परिवार के बीच रिश्तों की मिठास और भी गहरी हो गयी। श्री शिव बारात आयोजन समिति के तत्वावधान में भोलेनाथ की कृपा से यह कार्यक्रम नित नई ऊंचाईयों को छू रहा है। लोगो का आर्थिक सहयोग मिला तो वर्ष 2012 में 45 हजार की पोशाक और अन्य साज सज्जा का सामान मथुरा से मंगाया गया। इसी साल से सदन बैण्ड ललितपुर ने भी बारात में जलवा बिखेरना शुरू किया। इसी साल से ही बारात में शिव के साथ ब्रम्हा विष्णु नारद इंद्र और भूतो की टोली भी शामिल हुई और भोले बाबा ने गले मे असली नाग धारण करना शुरू किया। समय के साथ कार्यक्रम में कई नये बदलाव होते रहे। आयोजन समिति में नए सदस्य सुनील नामदेव, प्रदीप टोटे, पिंकू साहू, राकेश जायसवाल, रामगोपाल साहू, मनीराम नामदेव, संजय चौरसिया, उमेश सोनी, राजू वीडियो, रानू दुबे, राजू पेंटर इंदौर, हेतराम चौरसिया इंदौर, प्रिंस सोनी धौर्रा आदि लोग भी जुड़ गए है। अब हजारिया मंदिर पर एक दिन पूर्व मंडप और भजन कीर्तन के साथ हल्दी की रस्में भी होती है। जिसमें पहले हजरिया महादेव को और बाद में मुझे हल्दी लगायी जाती है। इस बार भी भोलेनाथ के स्वरूप के गले मे असली नाग, ब्रम्हा, विष्णु, नारद इंद्र और भूत प्रेतों की टोली आदि बुंदेली झलकियां इस बारात का विशेष आकर्षण है। डीजे बैण्ड के साथ इस बार भी ड्रोन से बारात पर पुष्प वर्षा होगी। बारात 18 फरवरी को महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर हजारिया विश्व नाथ महादेव मंदिर से दोपहर 3 बजे ललितपुर के प्रसिद्ध सदन बैण्ड के साथ नगर भृमण को निकलेगी……..और हाँ , बारातियो के लिये भाँग की व्यवस्था भी है। आप सभी शिव भक्त इष्ट मित्रो समेत सपरिवार सादर आमंत्रित है।