वित्तीय के बाद आतंकी समस्या

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एस एन वर्मा

पाकिस्तान में संकटो और समस्याओं का आकार बेकाबू होता जा रहा है। पहले से ही वित्तीय समस्याओं से जूझ रहा है। हालात यह है कि पुलिस की नाक के नीचे अनाज लूटे जा रहे है। कर्ज के लिये आईएफएम के सामने घुटने टेक उसकी शर्त मानने पर मजबूर हो गया है पाक उनके मंत्री ने खुद कबूूल किया है। अब आतंकियों की समस्या पर वहां के मंत्री ने कहा हमने मुजाहिदीन बनाये पर वे आतंकी बन गये। पाकिस्तान अब चेत जाये तो बेहतर है। वह कितना इससे सीख ले आतंकियो के बारे में अपनी कार्यशैली बदलता है आगे पता चलेगा।
अभी तो पेशावर मस्जिद में हुआ। फिदायीन हमला चर्चा का विषय है। इसे सामान्य आतंकी हमला नही मना जा रहा है। वहां की प्रतिक्रिया भी सामान्य नहीं है। रक्षा मंत्री इसके खिलाफ बोल रहे है। क्योंकि पेशावर में पुलिस मुख्यालय के अन्दर जहां कड़ी सुरक्षा रहती है। कड़ी सुरक्षा के घेरे में आनेवाले मस्जिद तक आतंकवादी का नमाज के समय पहुंचना फिर खुद को उड़ा लेना। एक दिन की सोच का नतीजा नही हो सकता इसके लिये गहरी तैयारी की गई होगी। मरने वालो में 97 पुलिस कर्मी और अफसर है। यह प्रशासन का मनोबल खासकर पुलिस के मनोबल को तोड़ने की कोशिश है। इसघटना के लिये शक की सूई तहरीके तालिबान पाकिस्तान की ओरघूमी। क्योकि पिछले कुछ समयसेयह संगठन पाकिस्तान में इस तरह की कारवाईयां कर रहा है। इसके बाद इस संगठन ने हमले की जिम्मेदारी भी ले ली है। हमले का मकसद बताते हुये इस संगठन के कमान्डर ने बताया कि हमारे कमान्डर उमर खालिद खुरासानी की मौत का बदला लेना था। इसके बाद विरोधाभासी बयान में इसके अध् िाकरिक प्रवक्ता ने कहा कि मस्जिदो, धार्मिक स्थानो को निशाना बनाना हमारे संगठन की नीतियो के खिलाफ है। यह भी चे तावनी दी जिन्होंने ऐसा किया है उनके खिलाफ कारवाई हो सकती है। इससे लगता है आतंकी संगठन के अन्दर और भी ग्रुप है या तो भ्रम फैलाने के लिये कहां जा रहा है।
इस सन्दर्भ में पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ने संसद में कहा नमाज पढ़ रहे या पूजा कर रहे लोगो पर हमला तो वैसे भी कही नहीं होता पर पाकिस्तान में यह भी हो रहा है। इसमें पश्चाताप की झलक दिखती है। आगे उन्होंने कहा पाकिस्तान को अपना घर ठीक करने की जरूरत है। अगर पाकिस्तान इस तरह सोचता है तो यह भारत के लिये बड़े सकून की बात है।
क्योकि भारत बार-बार पाकिस्तान के चेताता रहा है कि आंतकबाद को बढ़ावा देने की नीति खुद पाक के लिये आत्मघाती बन जायेगा। भारत के बयान की सच्चाई देखने को मिल रही है। पाक में लगता है सरकार आतंकवाद की नीति को लेकर कुछ सोच विचार कर रही है।
अगर पाकिस्तान सचमुच इस बात को लेकर गम्भीर है तो इसकी झलक उसके सोच और कार्यो में दिखनी चाहिये। क्योकि पाकिस्तान कहता कुछ है और करता कुछ है। अगर पाक सुधार जाये और ह समन्नये और ह समन्नय े तो यह भारत के लिये बड़े सकून की बात होगी। भारत इस तरह की बाते कई बार दोहरा चुका है।
आतंकी संगठनो का स्वभाव है कि उसमें कई विरोधी गुट तैयार हो जाते है। हर गुट अपने को ऊंचा रखने के लिये दूसरे गुटो को मारता रहता है। पेशावर हमले को लेकर भी दो बयान आये है। लगतायहा कम से कम दो गुटों है।
क्योकि एक ने कहा कमान्डर के मौत का बदला लियागया है। दूसरे ने कहा मस्जिद, धार्मिक स्थानपर हमला हमारी नीति नहीं है। जिसने यह हमला किया है उसे सजा दी जायेगी। अगर पाकिस्तान सचमुच आतंकवाद की नीति से निजात चाहता है तो पहले तो इस तरह के संगठनो को शरण देना सुरक्षा देना बन्द करना चाहिये। किसी दूसरे देश पर आतंकी हमला भी नहीं करवाना चाहिये। आतंकवादियों के गुटबन्दी उठ उनकाी का लो संगठन को ही खत्म कर देना चाहिये। भारत को सबसे ज्यादा इन्जजार रहेगा वह कब ऐसा करता है। भारत सम्पन्न पाकिस्तान देखना चाहता है। नेताओं को देश और जनता की बेहतरी पर जोर देना चाालीयकुछ बदही करा सकती है जनता से।

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