अवधनामा संवाददाता
कमासिन/बांदा। क्षेत्र के ग्राम कोर्रा बुजुर्ग के अस्थाई गौशाला में गौवंश की दुर्दशा अवर्णनीय है जहां चार चार केयर टेकर नियुक्त होने के बाद भी गौवंश को कोई देखने वाला भी मौजूद नहीं रहता जिंदा गौवंश तड़प तड़प कर मर रहे हैं और कौवे उनको नोच रहे हैं। गुरुवार को अपराह्न तीन बजे कोर्रा बुजुर्ग गांव के अस्थाई गौशाला मे पहुंचने पर देखा गया कि गौशाला का फाटक बंद है एक गौवंश तड़प तड़प कर चिल्ला रही है कौवे जीवित गाय को नोच नोच कर खा रहे हैं गांव निवासी रामधनी प्रजापति व नरेश वर्मा ने बताया कि यहां रोजाना का यही हाल है गौशाला में लगे मजदूर सुबह शाम पयार डाल कर चले जाते हैं भूसा महीनों पहले एक दो दिन खाने के लिए डाला गया था इस ठंड में 35से40गौवंश की मौत हो गई है जो दो तीन दिनों तक गौशाला में ही पड़े सड़ते रहते थे भयंकर दुर्गंध आने पर ही ट्रैक्टर से घसीट कर बाहर फेंका जाता था जबकि अब ट्राली में भरकर फेंका जाता है उक्त के संबंध में प्रधान राम दयाल यादव ने बताया कि वह अभी बाहर निमंत्रण में हैं और सात सात महीने से एक पैसा नहीं मिला है गौशाला किस तरह चलाएं वहीं सचिव राकेश धर मिश्रा ने कहा कि पंद्रह दिनों पहले गांव जाकर भूसा डलवाया था सचिव ने बताया कि 250 गौवंश पंजीकृत हैं लेकिन उतनी संख्या दिखाई नहीं दी साथ ही उपस्थित गौवंश के लिए उपलब्ध टीनशैड पर्याप्त नहीं है पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ कमलेश पटेल ने कहा कि सूचना पर चिकित्सा उपलब्ध कराई जाती है उक्त के संबंध में खण्ड विकास अधिकारी अमित कुमार यादव ने कहा कि जांच करा कर दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी।