कृषि उत्पादन तिल के कलस्टर गठन का कार्य शीघ्र करायेंः डीएम

0
91

जिलाधिकारी की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई कृषि उप्तादां के निर्यात संबंधी बैठक
महाचिन्नावर चावल व देशी अरहर को जीआई टैग के निर्देश

बांदा। जिलाधिकारी श्रीमती दीपा रंजन की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में कृषि उत्पादों के निर्यात को बढावा देने के सम्बन्ध में बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में जिलाधिकारी ने कृषि उत्पादन तिल के कलस्टर गठन का कार्य अतिशीघ्र कराये जाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि जनपद के कृषि जीन्सों जैसे-गेंहॅू, धान, अरहर एवं ताजी सब्जियों (हरे बैगन) को उत्तर प्रदेश कृषि निर्यात निति-2019 के अनुसंलग्नक-1 मे शामिल कराने हेतु कार्यवाही की जाए। जिलाधिकारी ने कृषि उत्पादों की गुणवत्ता परीक्षण हेतु बांदा कृषि एवं प्रोद्योगिकी विश्वविद्यालय बांदा में प्रयोगशाला की स्थापना हेतु प्रस्ताव प्राप्त करने हेतु निर्देश दिये। जिलाधिकारी ने जनपद बांदा से कृषि उत्पादों के निर्यात को बढावा देने एवं किसानों तथा अन्य हितधारकों की आय बढाने के लिए एफ0पी0ओ0/एस0पी0सी0 के माध्यम से कलेस्टर गठित करने हेतु सम्बन्धित विभागों को निर्देशित किया। उन्होंने जनपद बांदा से भौगोलिक उपदर्शन (जी0आई0टैग) की सम्भावित कृषि उत्पादों देशी अरहर व महाचिन्नावर चावल का (जी0आई0टैग) करने हेतु निर्देशित किया, जिससे कि कृषकों को उत्पाद का प्रीमियम मूल्य प्राप्त हो सके।
बैठक में सदस्य सचिव/वरिष्ठ कृषि विपणन निरीक्षक ने बताया कि जनपद में तिल का कलस्टर गठन की कार्यवाही जसपुरा विकास खण्ड में उन्नतशील किसानों की सहायता से की जा रही है। बैठक में उन्होंने बताया कि कृषि जीन्स गेंहॅू, धान, काली सरसों, अरहर एवं ताजी सब्जियों को उत्तर प्रदेश कृषि निर्यात निति-2019 के अनुसंलग्नक-1 मे शामिल कराने हेतु कार्यवाही की जा रही है।
बैठक में इसबिन्द कुमार ज्येष्ठ कृषि विपणन निरीक्षक बांदा (कृषि विपणन एवं कृषि विदेश व्यापार) ने उ0प्र0 कृषि निर्यात नीति-2019 के अन्तर्गत दिये जाने वाले प्रोत्साहन अनुदान के सन्दर्भ में जानकारी देते हेतु बताया कि निर्यात कलेस्टर हेतु न्यूनतम 50 से 100हे0 की भूमि विकास खण्ड सीमा अन्तर्गत होनी चाहिए, जिसके लिए विभाग द्वारा 10 लाख रूपये की अनुदान राशि निर्यात दायित्व पूर्ण होने के उपरान्त प्रदान की जायेगी। प्रथम वर्ष में 40प्रतिशत तथा उकसे पश्चात 15 प्रतिशत प्रति वर्ष के हिसाब से आगामी चार वर्षों में निर्यात होने पर राशि प्रदान की जायेगी तथा तालिका अनुसार क्षेत्रफल बढने पर धनराशि में 06 लाख रूपये की बढोत्तरी अनुमन्य होगी तथा कलेस्टर द्वारा उत्पादित कृषि जीन्स का स्थानीय उत्पादकता के आधार पर कुल उत्पादन न्यूनतम 30प्रतिशत मात्रा में निर्यात करना होगा। क्लस्टर के निकट स्थापित होने वाले नवीन प्रसंस्करण ईकाईयों/पैक हाउस/शीत गृह/राइपेनिंग चेम्बर्स आदि के लिए निर्यात के टर्नओवर की 10 प्रतिशत अथवा रू0 25 लाख जो भी कम हो निर्यात प्रारम्भ करने के वर्ष से 05 वर्षों तक प्रतिवर्ष दिया जायेगा। बैठक में उप कृषि निदेशक डॉ0 विजय कुमार, जिला कृषि अधिकारी, जिला उद्यान अधिकारी, कृषि विपणन सहित सम्बन्धित विभागों के अधिकारी एवं निर्यातक श्री अनिल तिवारी तथा प्रगतिशील किसान उपस्थित रहे।

Also read

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here