अवधनामा संवाददाता
ललितपुर। बांदा कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय के अन्तर्गत संचालित कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा खाद्य सुरक्षा के लिए जरूरी पोषण वाटिका पर प्रसार कार्यकर्ता के लिए एक दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। विषय विशेषज्ञ-गृह विज्ञान डा.सरिता देवी द्वारा प्रसार कार्यकर्ता (आंगनवाड़ी) को विस्तृत जानकारी प्रदान करते हुए बताया कि स्वास्थ्य में सकारात्मक वृद्धि तथा दैनिक आवश्यकता की पूर्ति हेतु उगाई जाने वाली सब्जी तथा फलदार वृक्ष एक छोटी सी वाटिका में लगाने को पोषण वाटिका कहते हैं। ग्रामीण एवं शहरीय स्तर पर परिवार के सदस्यों के अच्छे स्वास्थ्य के लिए दैनिक आहार में संतुलित पोषक तत्वों का होना बहुत जरूरी है। पोषण वाटिका फल एवं सब्जियों के इसी संतुलन को बनाने में अपना सहयोग देती है। फल एवं सब्जियॉ निरन्तर खाने से रोग प्रतिरोधकता क्षमता में वृद्धि होती है, क्योंकि यह विटामिन, खनिज लवण, कार्बोहाइड्रेट के मुख्य स्रोत है। फल एवं सब्जियों की नियमित उपलब्धता बनाये रखने के लिए इन्हें घर के सामने, पिछवाड़े या बची हुई खुली जगह में लगाया जा सकता है। पोषण वाटिका में दैनिक आवश्यकता की पूर्ति के साथ-साथ आवश्यकता से अधिक प्राप्त उत्पादन को बेंचकर आय अर्जन भी किया जा सकता है। विषय विशेषज्ञ, सस्य वैज्ञानिक डा.दिनेश तिवारी द्वारा बताया गया कि गृहवाटिका, पोषण वाटिका के बगल में छायादार स्थान पर गड्ढा बनाकर या पोर्टेवल वर्मीवेड में रसोई का कचरा व पौधों का अवशेष से नाडेप कम्पोस्ट, वर्मीकम्पोस्ट खाद बनाकर पोषक तत्वों के प्रबंधन के लिए प्रयोग किया जा सकता है। कीट नियंत्रण हेतु सस्ता, सुलभ और आसानी से बनाकर दशपर्णी अर्क का प्रयोग करने के लिए भी बताया गया। प्रशिक्षण में प्रसार कार्यकर्ताओं ने प्रतिभाग किया।