इमाम हज़रत अली नक़ी अस के शहादत पर हुई मजलिस

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जब तक कुरान और अहलेबैत का दामन थामे रहोगे गुमराह न् होंगे : जमाल हैदर

अवधनामा संवाददाता

डुमरियागंज सिद्धार्थनगर। शिया मुसलमानों के दसवें इमाम हज़रत अली नक़ी अलैहिस्सलाम के शहादत दिवस के मौके पर क्षेत्र के हल्लौर स्थित जामा मस्जिद में नमाज़े फ़ज़्र के बाद मजलिस आयोजित की गई। जिसमें सबसे पहले हैदरे कर्रार व हमनवा ने मर्सिया पेश किया। इस दौरान काफी संख्या में लोग मौजूद रहे।
मजलिस को संबोधित करते हुए ज़ाकिरे अहलेबैत जमाल हैदर करबलाई ने कहा कि रजब का महीना अल्लाह का है। ख्वाहिश से ज़्यादा रहमत अता करता है। इमाम हज़रत अली नक़ी ने अपनी जिंदगी अल्लाह की इबादत में गुज़ारी। हमेशा गरीब मज़लूमों की मदद करते रहे। उन्होंने कहा कि इंसान के लिए हिदायत दो जगहों से आती है एक कुरान और दूसरे अहलेबैत। इसलिए रसूल ने कहा कि मैं तुम्हारी हिदायत के लिए दो चीजें छोड़कर जा रहा हूँ कुरान और अहलेबैत, तुम जब तक इनका दामन पकड़े रहोगे गुमराह नही होंगे। अल्लाह ने रसूल को शरीयत को आसान बनाने के लिए भेजा, जो कयामत तक बाकी रहेगी। लोगों को चाहिए कि वह शरीयत पर अमल करें। अंत में इमाम अली नक़ी अस की शहादत को कुछ इस अंदाज में बयान किया कि मौजूद लोग दहाड़े मारकर रोने लगे। मजलिस के बाद नौहा मातम हुआ। मजलिस के दौरान इमाम जुमा मौलाना महफूज़ हुज्जत, मोजिज़ा, दद्दू, जमाल असगर, तशबीब हसन, अलमदार हुसैन, अब्बास अली, अम्बर मेंहदी, मीसम, इक़्तेदार मेंहदी सहित तमाम लोग मौजूद रहे।

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