अवधनामा संवाददाता
सोनभद्र/सिंगरौली गुरुवार को नॉर्दर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एनसीएल) की जयंत परियोजना के सभागार में सिंगरौली नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति (नराकास) की सत्रहवीं बैठक संपन्न हुई । इस बैठक की अध्यक्षता एनसीएल के निदेशक (कार्मिक) मनीष कुमार ने की । बैठक में एनटीपीसी विंध्याचल, विंध्यनगर के कार्यकारी निदेशक सुभाष चन्द्र नायक, एनटीपीसी विंध्याचल, विध्यनगर के महाप्रबंधक (मानव संसाधन) पी. के. विश्वाल, महाप्रबंधक(राजभाषा), एनसीएल एस एस हसन, एनसीएल की विभिन्न परियोजनाओं के महाप्रबंधकगण, उप महाप्रबंधक (पावरग्रिड), कमाण्डेंट (के.औ.सु.बल.), विध्यनगर, मुख्य प्रबंधक (एसबीआई), वैढ़न एवं अन्य सरकारी संस्थानों के राजभाषा अधिकारी/ प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
बैठक की अध्यक्षता कर रहे एनसीएल के निदेशक (कार्मिक) मनीष कुमार ने संबोधित करते हुए कहा कि हिन्दी हमारी बोलचाल की भाषा है और इसे हमें अपने अधिक से अधिक व्यवहार व कार्यालयीन प्रयोग में लाना होगा। आज के समय में कम्प्यूटर व मोबाइल में विभिन्न तकनीक उपलब्ध हैं जिनकी मदद से हम राजभाषा में पत्राचार बहुत ही आसानी से कर सकते हैं व दैनिक कार्यालयीन कार्य में इसका प्रयोग बढ़ा सकते है।
एनटीपीसी विंध्याचल, विंध्यनगर के कार्यकारी निदेशक सुभाष चन्द्र नायक ने बताया कि पिछली नराकास की बैठक में दिये गये सुझावों का अनुपालन सुचारू रूप से किया जा रहा है । उन्होने सुझाव दिया कि भविष्य में खरीदे जाने वाले या विकसित किए जाने वाले कंप्यूटर साफ्टवेयर में द्विभाषी यूनिकोड युक्त सुविधा सुनिश्चित किये जायें।
नराकास की सत्रहवीं बैठक में उपस्थित विभिन्न सरकारी संस्थानों के राजभाषा अधिकारी/ प्रतिनिधियों ने राजभाषा के उपयोग को बढ़ाने के लिए अलग अलग सुझाव दिये,। बैठक में छ : माही हिन्दी प्रगति प्रतिवेदन कि समीक्षा की गई। साथ ही आने वाले समय में नराकास से संबन्धित विभिन्न विषयों पर मंथन किया गया।
गौरतलब है कि भारत सरकार के गृह मंत्रालय के राजभाषा विभाग द्वारा गठित सिंगरौली नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति (नराकास) में सिंगरौली जिले में स्थित एनसीएल, एनटीपीसी, पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन, बीईएमएल, एसबीआई, पोस्ट ऑफिस, सीआईएसएफ, बीएसएनएल तथा इंश्योरेंस कंपनियों सहित केंद्र सरकार के 20 से अधिक कार्यालय शामिल हैं।