बीडीओ जसरा पर प्रधानों ने लगाया मनरेगा के भुगतान में कमीशन मांगने का आरोप

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अवधनामा संवाददाता

प्रयागराज। खंड विकास अधिकारी के विरुद्ध ग्राम प्रधानों ने मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने खंड विकास अधिकारी पर मनरेगा के तहत कराए गए कच्चे व पक्के कार्यों पर सुविधा शुल्क मांगने का आरोप लगाया है। इसको लेकर ग्राम प्रधानों व खंड विकास अधिकारी के बीच कहासुनी भी हुई। ग्राम प्रधानों ने मुख्य विकास अधिकारी के नाम ग्राम प्रधानों ने शिकायती पत्र लिखा है।
पूरा प्रकरण जसरा विकासखंड का है जहां पर ग्राम प्रधान संघ अध्यक्ष दारा सिंह ग्राम प्रधान चितौरी व अन्य ग्राम प्रधानों के द्वारा ब्लॉक मुख्यालय पर पहुंचकर मनरेगा के तहत कराए गए कच्चे व पक्के कार्यों का भुगतान न होने की शिकायत दर्ज करा। जिस पर खंड विकास अधिकारी जसरा व ग्राम प्रधानों के बीच बहस होने लगी और बात गाली गलौज तक आ गई। जिसके बाद गुस्साए ग्राम प्रधानों ने ब्लॉक मुख्यालय परिसर में ही खंड विकास अधिकारी जसरा सपना अवस्थी मुर्दाबाद के नारे लगाने शुरू कर दिए। ब्लॉक परिसर में मौजूद प्रधान संघ अध्यक्ष दारा सिंह के द्वारा बताया गया कि उन्होंने मुख्य विकास अधिकारी प्रयागराज के नाम एक पत्र लिखकर शिकायत की खंड विकास अधिकारी जसरा के द्वारा वित्तीय स्वीकृति के बाद मनरेगा के तहत कच्चे कार्य पर भुगतान होने पर 5% एवं पक्के कार्य का भुगतान होने पर 11% की सुविधा शुल्क बीडीओ के द्वारा मांगी जाती है। जिसके कारण ग्राम पंचायत में गुणवत्ता पूर्ण तरीके से कार्य करवाने में ग्राम प्रधान असुविधा महसूस करते हैं।
मौके पर मौजूद ग्राम प्रधान देवरिया राजीव गिरी के द्वारा बताया गया कि बीडीओ जसरा आए दिन कहीं चंदे के नाम पर ग्राम प्रधानों से पैसे मांगती हैं तो कहीं ग्राम सभा में कराए गए विकास कार्यों में कमी बताकर के उसका भुगतान न करने की धमकी के नाम पर पैसे मांगती हैं। जिससे नाराज होकर ग्राम प्रधानों के द्वारा ब्लॉक मुख्यालय में जमकर हंगामा किया गया।
मुख्य विकास अधिकारी से ग्राम प्रधानों के द्वारा मांग की गई कि खंड विकास अधिकारी जसरा के विरुद्ध जांच कर विधिक कार्रवाई की जाए और उन्हें तत्काल ही जसरा के बीडीओ के पद से हटाया जाए। इस संदर्भ में खंड विकास अधिकारी जसरा डॉ सपना अवस्थी से बात करने पर उनके द्वारा बताया गया कि ग्राम प्रधानों के द्वारा लगाए गए आरोप निराधार व बेबुनियाद है। क्योंकि ग्राम प्रधान मानक के अनुसार कार्य न कराने के बाद ही उस कार्य का पैसा भुगतान कराना चाहते हैं। जिसके कारण ग्राम प्रधानों के द्वारा उन पर इस तरह का आरोप लगाया जा रहा है।

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