अवधनामा संवाददाता
लालगंज आजमगढ। विकासखंड तरवा के अंतर्गत सुकुलपुरा गांव जो शुकुल परिवार के नाम पर पड़ा है, बताया जाता है कि पहले एक ही परिवार था। यह परिवार समृद्ध, शिक्षित, संस्कारवान, ज्योतिष विद्या में परोपकार और इनके परिवार के लोग स्वतंत्रता संग्राम में भी भाग लिया था। शिव मूरत शुक्ला जी जिनकी उम्र 85 वर्ष हो गयी है। पूर्व मे शुक्ला स्वस्थ एवं समाजसेवी प्रवृति के व्यक्ति थे। हमेशा से उनके पास छोटे बड़े लोगो को एक तरह का सम्मान मिलता था।आम जनता की मदद धन व अनाज से करते थे। कोसों दूर तक जानकारी मिलने स्वय साइकिल से या पैदल जाकर उसकी मदद करते थे। शुक्ला जी ने उम्र भर अविवाहित रहकर जनता की सेवा के लिए स्वयं को समर्पित कर दिया, बीमार व्यक्ति की हाल-चाल जानने के लिए दिल्ली, बनारस, लखनऊ आदि जगहो पर दूर-दूर तक जाते थे, और उनकी आर्थिक मदद करते थे।उम्र के अंतिम पड़ाव मे होने के कारण उनका शरीर धीरे-धीरे अस्वस्थ रहता है।इसी बीच असम के डीआईजी आर एस राम पंडित श्री शिवमूरत शुक्ला जी मिलने गए तो बातचीत से आभास हुआ कि बाबा को सुनाई कम देता है। डीआईजी से उन्होंने बताया कि बनारस जाएंगे कान से सुनाई नही देता है, वहां से मशीन लाएंगे। डीआईजी आर एस राम ने कहा कि आप आराम करिए आपको यहीं पर मशीन फीट करवा दूंगा।उनके परिवार की उपस्थित मे डीआईजी आर एस राम ने डॉक्टर शेषनाथ को बुलाकर बीपी इत्यादि जांच कराकर परिवार की सलाह से कान से सुनने वाली मशीन कान मे लगवाया और दवा भी दिलवाया। बाबा ठहाका लगाकर हंसे और डीआईजी की सेवा भाव को देखकर भाव विभोर हो गए और अंतरात्मा से प्रसन्न हुए। उन्हेंने आशीर्वाद दिया। इस दौरान समाजसेवी ओम प्रकाश, हरीशचंद्र जसवंत आदि लोग उपस्थित थे।