कागजों में चल रहे सरकारी अलाव

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अवधनामा संवाददाता

समाजसेवी विनय अग्रवाल के सहारे कट रही गरीबों की जिंदगी

शाहजहांपुर कड़ाके की शीत लहर को देखते हुए प्रशासन ने गरीबों को भीषण सर्दी में समस्या ना हो इसलिए भारी-भरकम धनराशि का बजट जारी कर दिया है लेकिन सरकारी अफसर पुरानी चाल बेधंगी जो पहले थी वह अब भी है की तर्ज पर चल रही है अलाव तो जल रहे हैं लेकिन कागजों पर अवधनामा अखबार के ब्यूरो ने जब रात के 11:00 बजे भ्रमण किया तो सच्चाई का पता चला कहीं भी सरकारी अलाव जलते नहीं मिले एक दो जगह राख पड़ी मिली जिससे लगा की रस्म अदायगी के अलावा अलाव नहीं जल सके वहीं दूसरी तरफ गरीबों की परेशानी और भीषण सर्दी में ठिठुरन को देखते हुए समाजसेवी विनय अग्रवाल ने अपने निजी खर्चे से कई जगह पर अलाव की व्यवस्था की है जिससे हाड़ कपाती सर्दी से गरीबों को राहत मिल सके ध्यान देने की बात यह है इतनी भारी धनराशि शासन द्वारा आने के बाद आखिर अधिकारी पत्थर क्यों बने हुए हैं और जिम्मेदार लोग सब कुछ देख कर खामोश क्यों हैं शासन को उच्च स्तर से जांच करा कर लापरवाही करने वाले कर्मचारी अधिकारियों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही करनी चाहिए जिससे कि कागजों पर चल रहे अलाव धरातल पर उतर कर हाड़ कपाती सर्दी से गरीबों को राहत दिला सके और जो बजट का अभी तक दुरुपयोग किया गया उसकी वसूली की जाए

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