अवधनामा संवाददाता
बाराबंकी । मां ही वो आईना है जिसमें मज़हरे रुबूबियत नज़र आती है ।तमाम एहसानात व कमालात के मजमुए और तमाम कुर्बानियों के मज़हर को मां कहते है ।आखेरत बखैर चाहते हो तो अपने वाल्दैन की इताअत करो और परवर दिगार की इबादत करो ।यह बात मौलाना गुलाम अस्करी हाल में बराये ईसाल ए सवाब मरहूमा सय्यदा कनीज़ बतूल बिन्ते मो0 मुस्लिम की सैयुम की मजलिस को खिताब करते हुए आली जनाब मौलाना मो0 मियां आब्दी ने कही ।मौलाना ने यह भी कहा जो अपने वाल्दैन को भूल जाते हैं उनकी औलादें उनको भी भूल जाती हैं ।परवर दिगार ने क़ुरआन के ज़रिये औलादें को नसीहत की है कि वह अपने वाल्दैन की इताअत करें।परवर दिगार ने ही मौत -हयात को पैदा किया । मौत भी नेअमते परवरदिगार है ।जो राहे खुदा मे ख़र्च करते हैं दर अस्ल वही आखेरत के लिए जमा करते है।आखिर में करबला वालों के मसायब पेश किए जिसे सुनकर मोमनीन रोने लगे।मजलिस से पहले अजमल किन्तूरी , इशरत ज़ैदपुरी , बाक़र नक़वी व ज़ाकिर इमाम ने नजरानए अकीदत पेश किया ।मजलिस का आग़ाज तिलावत ए कलाम ए इलाही से हुआ। बानिये मजलिस ने सभी का शुक्रिया अदा किया ।