विश्वशांति महायज्ञ में पूर्णाहुति देकर रथ शोभायात्रा के साथ हुआ सिद्धचक्र महामण्डल विधान का समापन

0
69

अवधनामा संवाददाता

मड़ावरा (ललितपुर)-पूज्य संत गणेश प्रसादजी वर्णी व ग्यारह भव्य जैन मंदिरों की नगरी मड़ावरा में आचार्य भगवन विद्यासागर जी की महती अनुकंपा व अष्टम निर्यापक श्रमण मुनि अभय सागर, मुनि प्रभात सागर, मुनि निरीह सागर के पावन सानिध्य एवं बाल ब्रह्मचारी मनोज भैया ललितपुर के कुशल विधिविधान पूर्वक निर्देशन में विधान पुण्यार्जक विमलेश कुमार, संतोष कुमार बजाज परिवार के सौजन्य से 1 नबम्बर से आरम्भ हुए श्री सिद्धचक्र महामण्डल विधान का विश्वशांति की कामना के साथ महायज्ञ में पूर्णाहुति देकर सानंद समापन किया गया। इस दौरान श्री जी की प्रतिमा को काष्ठ रथ पर विराजमान कर सम्पूर्ण नगर की परिक्रमा की गयी।
विधान के समापन अवसर पर कस्वे में भव्य रथ शोभायात्रा निकाली गयी जिसे आयोजन स्थल से प्रारम्भ कर डाक बंगला होते हुए पुराना बाजार बैरियल चौराहा से वापिस विद्याविहार में समाप्त किया। इस दौरान रथयात्रा में मुनि संघ का सानिध्य प्राप्त हुआ काष्ठ से बने रथ पर विराजमान भगवान जिनेन्द्र देव की प्रतिमा को श्रद्धालु चंवर डुलाते हुए चल रहे थे साथ ही डीजे की धुनों पर बज रही धार्मिक स्वर लहरियों पर युवा वर्ग बरबस ही थिरकने को मजबूर हो रहे थे। शोभायात्रा में इंद्र इंद्राणी बने पात्र शुद्ध हथकरघा वस्त्रों को पहनकर पंक्ति बद्ध होकर चल रहे थे तो वहीं जैन समाज की सभी संस्थाओं के महिला पुरुष अपने अपने नियत स्थान पर पंक्ति बद्ध होकर चल रहे थे। शोभायात्रा के विद्याविहार पहुंचने पर आयोजक मंडल द्वारा आयोजन के दौरान अपने क्रियाकलापों से निस्वार्थ सहयोग करने वाले सभी सामाजिक बंधुओं, सामाजिक संस्थाओं, पत्रकार बन्धुओं का मंच के माध्यम से आभार व्यक्त किया गया। सकल दिगम्बर जैन समाज मड़ावरा के प्रतिनिधि मंडल ने विधान करवाने वाले पुण्यार्जक परिवार का स्मृति चिन्ह,अंगवस्त्र और तिलक लगाकर स्वागत सम्मान किया गया। तत्पश्चात मड़ावरा के नगर गौरव बाल ब्रम्हचारी अनुराग भैया जो कि अपना सब कुछ छोड़कर संयम की राह पर चल पड़े हैं व आचार्य भगवन विद्यासागर जी महाराज की छांव तले डेरा डाले हुए हैं उन्होंने मंगलाचरण करते हुए मुनि संघ से आशीर्वाद प्राप्त किया।
मुनि संघ ने किया धर्मसभा को संबोधित
धर्मसभा को संबोधित करते हुए मुनि निरीह सागर ने कहा ये भगवान की भक्ति का ही अतिशय है जो हर कार्य निर्विघ्न सम्पन्न हो रहे हैं पहले 24 समोशरण बिधान हुआ। उसका अतिशय रहा कि विद्याविहार में नया संत भवन बनने की रूपरेखा बनी और अब सिद्ध भगवंतों की आराधना का फल रहा कि पूरी की पूरी गौशाला बनने का मार्ग प्रसस्त हो गया है। मुनिश्री निरीह सागर ने आवाहन करते हुए कहा कि गौशाला निर्माण में समाज का हर घर अपना सहयोग तन मन धन से करे कोई भी ऐसे महान गौ सम्बर्धन के कार्य में पीछे ना रहे। मुनिश्री प्रभात सागर जी ने कहा-कि णमोकार मंत्र में पांच पद होते है और सकल जैन समाज मड़ावरा द्वारा पांचों पदों की पूजा को बड़े ही हर्षोल्लास के साथ किया जा रहा है और आगे भी बहुत कुछ होना है निर्यापक श्रमण अभय सागर जी ने सभा को संबोधित करते हुए कहा ऐसी कोई भी वनस्पति नहीं है जो ओषधी के गुण ना लिए हो अयोग्य कोई व्यक्ति नहीं होता कोई न कोई विशेषता होती है। बस उनकी उपयोगिता को सामने लाने का प्रयास होना चाहिए। उन्होंने विधान पुण्यार्जक बजाज परिवार की प्रसंसा करते हुए कहा कि ऐसे आयोजन करवाने के भाव बनाना ही इनके पुण्य का संचय करना है। मड़ावरा में आगामी दिनों में गौशाला बनने के विषय में बोलते हुए कहा कि मड़ावरा समाज के सौजन्य से बनने वाली गौशाला आचार्य भगवन के आशीर्वाद से सम्पूर्ण देश में प्रमुख स्थान बनाएगी।
आज गुरुवार को मनाया जायगा आचार्य विद्यासागर जी महाराज का 50 वा आचार्य पदारोहण दिवस-
उल्लेखनीय है कि आचार्य भगवन विद्यासागर जी महामुनिराज जो कि जैन जगत में सर्वोच्च स्थान रखते हैं, उन्हें अपने गुरु आचार्य ज्ञानसागर जी मुनिराज से आचार्य पद प्राप्त हुए 50 वर्ष हो चुके हैं। जिसके उपलक्ष्य में सम्पूर्ण भारत देश की जैन समाज उनका आचार्य पदारोहण दिवस बड़े ही हर्षोल्लास आए मनाने जा रही है। इसी कड़ी में धर्मनगरी मड़ावरा  में मुनि अभय सागर ससंघ के सानिध्य में महावीर विद्याविहार के विशाल सभागार में गुरुवार 10 नबम्बर को प्रात:काल से ही विभिन्न धार्मिक आयोजन प्रारम्भ हो जाएंगे, जिसमें आचार्य भगवन की मुनि व आचार्य बनने से अभी तक के सफर के विषय में जानने का अवसर प्राप्त होगा।

Also read

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here