अवधनामा संवाददाता
ललितपुर। शासन द्वारा जारी निर्देशों के क्रम में जनपद में रामायण काव्य रचयिता महर्षि वाल्मीकिजी की जयंती का समारोहपूर्वक आयोजन किया गया। इस अवसर पर जनपद के राम-सीता मंदिरों एवं हनुमान मंदिरों में वाल्मीकि रामायण पाठ एवं कलाकारों के माध्यम से भजन सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किये गए तथा वाल्मीकि मंदिरों पर महर्षि वाल्मिकी जी की विधिविधानपूर्वक पूजा-अर्चना की गई, इसके साथ ही नगर में भव्य जुलूस/शोभा यात्रा का आयोजन किया गया, जिसमे छोटे बच्चों ने रामायण के पात्र बनकर नगरवासियों को राम चरित मानस का संदेश दिया। उक्त शोभायात्रा नगर के प्रमुख स्थलों से होते हुए जेल चौराहा स्थित महर्षि वाल्मीकि मंदिर पर समाप्त हुई। इस अवसर पर जिला सूचना अधिकारी सुरजीत सिंह, जिला पर्यटक अधिकारी हेमलता, सूचना विभाग से सुमित कुमार सहित आयोजक मंडल एवं बड़ी संख्या में भक्तगणों ने महर्षि वाल्मिकी जी की पूजा अर्चना कर पुष्प अर्पित किए। महर्षि वाल्मीकि जी की जयंती के आयोजन के सम्बंध में शासन के संस्कृति निदेशालय द्वारा निर्देश जारी किये गए थे कि प्रदेश के समस्त राम मंदिरों एवं हनुमान मंदिरों में बाल्मीकि रामायण पाठ कराया जाये, साथ ही भव्य महर्षि बाल्मीकि जयंती का आयोजन सुरुचिपूर्ण एवं भव्य रुप में कराया जाए, इसके चलते बाल्मीकि रामायण में चिन्हित मानव मूल्यों, सामाजिक मूल्यों एवं राष्ट्र मूल्यों में व्यापक प्रचार-प्रसार व जनमानस को इससे जोडऩे के लिए महार्षि वाल्मीकि से सम्बंधित स्थलों, मंदिरों पर दीप प्रज्वलन, दीप दान के साथ बाल्मीकि रामायण पाठ कराये जाने का निर्णय लिया गया है। उक्त निर्देशों के क्रम में जिलाधिकारी आलोक सिंह के निर्देशन में जनपद ललितपुर में जनपद स्तरीय, तहसील स्तरीय एवं विकास खण्ड स्तरीय समितियों का गठन कर महर्षि बाल्मीकि जयंती के आयोजन सुरूचिपूर्ण एवं भव्य रूप में सम्पन्न कराया गया। इस हेतु समस्त उप जिला मजिस्ट्रेट, खंड विकास अधिकारियों एवं, अधिशासी अधिकारी नगर पालिका/पंचायत को निदेश निर्गत किये थे। साथ ही आवश्यक जगहों पर पुलिस बल भी तैनात किया गया। जयंती के आयोजन के लिए मन्दिरों का साफ-सफाई करायी गई, साथ ही शासन के निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित कराये जाने हेतु नोडल अधिकारी, मन्दिर प्रबन्धक तथा कलाकारों को यथा आवश्यक निर्देश निर्गत किये गये थे। जिलाधिकारी के निर्देशन में जनपद के विभिन्न राम सीता, हनुमान एवं वाल्मिकी मंदिरों पर रामायण पाठ व वाल्मीकि जयंती का समारोहपूर्वक आयोजन किया गया।आयोजन के दौरान बताया गया कि महर्षि वाल्मीकि वैदिक काल के महान ऋषियों में आते हैं। महर्षि वाल्मीकि को आदि कवि के नाम से भी जाना जाता है, उनके द्वारा रचित विश्व प्रसिद्ध कालजयी कृति रामायण महाकाव्य सामाजिक मूल्यों, मानव मूल्यों एवं राष्ट्र मूल्यों की स्थापना का आदर्श है। महर्षि वाल्मीकि द्वारा अपने ग्रंथ में वर्णित स्थल जिन्हें राम जानकी मार्ग, राम वन गमन मार्ग आदि के रूप में जाना जाता है। ऐसे लगभग 280 स्थल आज भी सम्पूर्ण भारत में विद्यमान हैं। उत्तर प्रदेश में राम जानकी मार्ग, राम वन गमन मार्ग के अन्तर्गत अनेक स्थल विद्यमान हैं, जहां पर भारतीय संस्कृति के मूल तत्व एवं मान्यताएं आज भी सुरक्षित हैं ऐसे महान महर्षि वाल्मीकिजी की जयन्ती को सम्पूर्ण प्रदेश में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इसके साथ ही उपस्थित लोगों को महर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित बाल्मीकि रामायण में चिन्हित मानव मूल्यों, सामाजिक मूल्यों एवं राष्ट्र मूल्यों को अपने जीवन में अपनाने व उनका अनुसरण करने के लिए प्रेरित किया गया।