लखनऊ । दिन से हो रही बारिश के बाद शनिवार की दोपहर लखनऊ कमिश्नरेट के पूर्वी जोन अंतर्गत आशियाना थाना क्षेत्र के रिक्शा कॉलोनी में एक पुराना जर्जर मकान भरभरा कर गिर गया जिसके मलबे में वहां खेल रहे 4 बच्चे दब गए। जर्जर मकान गिरने की सूचना के बाद क्षेत्र में हड़कंप मच गया और लोगों ने मलबा हटाकर बच्चों को निकालने का प्रयास शुरू किया । पुलिस कंट्रोल रूम के 112 नंबर पर सूचना मिलने के बाद पुलिस के आला अफसर मौके पर पहुंचे और जेसीबी की मदद से मकान के मलबे को हटाकर मलबे में दबे 4 बच्चों को बाहर निकाल कर अस्पताल पहुंचा दिया मौके पर पहुंची डीसीपी पूर्वी प्राची सिंह ने बताया कि दोपहर करीब एक बचकर 10 मिनट पर 112 नंबर पर सूचना मिली कि निर्माणाधीन मकान गिर गया है जिसके मलबे में चार बच्चे दब गए हैं उन्हें बताया कि मलबे में 13 वर्षीय गोकुल रावत 10 वर्षीय अनिल 11 वर्षीय मनी और 22 वर्षीय शुभम दब गए थे जिन्हें मलबे से निकलवा कर लोकबंधु अस्पताल इलाज के लिए भेज दिया गया । डीसीपी प्राची सिंह ने बताया कि घायलों में अनिल की हालत गंभीर होने की वजह से उसे ट्रामा सेंटर में भर्ती करा दिया गया है उन्होंने बताया कि हादसे की सूचना मिलने के बाद पुलिस के आला अफसर मौके पर पहुंचे थे और राहत और बचाव कार्य तत्काल शुरू कर दिया गया था। बताया जा रहा है कि ये जर्जर मकान काफी पुराना था और इस मकान में कोई रहता नहीं था आसपास के बच्चे अक्सर यहां पर आकर खेलते थे । बताया जा रहा है कि इस जर्जर मकान में आज भी चारों बच्चे खेल रहे थे तभी अचानक ये मकान गिर गया और मकान के मलबे में चार बच्चे दब गए । मकान के मलबे में दबकर घायल हुए चारों बच्चे आसपास के ही रहने वाले बताए जा रहे हैं अभी ये पता नहीं चला है कि ये मकान किसका था । ट्रामा सेंटर में भर्ती कराए गए गंभीर रूप से घायल अनिल का इलाज चल रहा है और उसकी हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है। शहर लखनऊ में इस तरह के जर्जर मकान भारी संख्या में अभी भी मौजूद हैं जिनके गिरने का खतरा आसपास रहने वाले लोगों पर मंडरा रहा है लेकिन बावजूद इसके संबंधित विभाग ऐसे जर्जर खतरनाक मकानों को चिन्हित कर ध्वस्त कराने में फिलहाल पूरी तरह से कामयाब नहीं हो सका है। आपको बता दें कि गत माह कैंट थाना क्षेत्र अंतर्गत गुलिस्ता रेलवे क्रॉसिंग के पास 10 वर्ष पुरानी एक दीवार गिर गई थी जिसके मलबे में दबकर दीवार के किनारे झोपड़ी बनाकर रह रहे 9 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई थी । दीवार के मलबे में दब कर मरने वालों में 3 बच्चे और 3 महिलाएं भी शामिल थी और ये सभी लोग झांसी के रहने वाले थे।
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