81वें से 40वें स्थान पर

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एस.एन.वर्मा
मो.7084669136

 

वैश्विक नवाचार सूचकांक के रैकिग में भारत 2015 में 81वें स्थान पर था। 2022 में यानी सात साल में नवाचार के क्षेत्र में उछलते कूदते 40वें स्थान पर पहुंच गया। भारत की प्रगति पर सभी अचम्भित है। संयुक्त राष्ट्र की एजेन्सी वर्ल्ड इन्टलेक्चुअल प्रापर्टी आर्गनाइजेशन सभी देशों के नवाचार का अध्ययन करके यह रैकिंग जारी करती है। सुखद आश्चर्य यह है कि पिछले साल भारत इस रैकिंग में 46वें स्थान पर था। इस क्षेत्र में भारत के तेजी से बढ़ते कदम का अनुमान लगाया जा सकता है। दुनियां के मध्य आप समूह वाले देशों में भारत ग्लोबल इनोवेशन इन्डेक्स में पहले पादान पर विराजमान हो गया है। इस मध्य आय समूह में दुनियां के 36 देश शामिल है।
ग्लाबेल इनोवेशन इन्डेक्स में सबसे आगे स्विटजरलैन्ड है उसके बाद अमेरिका का नम्बर आता है। स्वीडन तीसरे स्थान पर आता है। भारत रूस और ब्राजील जैसे देशों से भी इस मामले में आगे है इतना ही नहीं इन देशों की तुलना में भारत बहुत आगे है। डब्ल्यू आई पी ओ के रिपोर्ट में कहा गया है आईटी सेवा के निर्यात में भारत बिना किसी अवरोध के निरन्तर आगे बढ़ता जा रहा है। भारत के इन्टलेक्युअल अमेरिका, ब्रिटेन, गल्फ देशों की सम्पन्नता में प्रमुख भूमिका निभा रहे है। यदि इन प्रतिभाओं के लिये भारत में ही स्पेस मिल जाये तो भारत दुनियां का सर्वश्रेष्ठ हर माने में हो सकता है। इन सभी के लिये भारत में ही अभी संसाधन जुटा पाना मुश्किल है। सब है पर वेन्चर कैपिटल प्राप्त करने के मामले में भारत आगे चल रहा है। वित्तीय बढ़त स्टार्टअप के लिये भी प्रगित की ओर है। भारत के लिये रिपोर्ट में कहा गया है कि इन्जीनियरिंग और विज्ञान ग्रेजुएट तैयार करने में भी भारत आगे है आगे ही नही सबसे आगे है।

 

इन सबका नतीजा है कि भारत के उद्योग कारोबार तेजी से बदलते समय के साथ कदम मिलाकर आगे बढ़ रहे है। खुशी की बात है कि भारत नवाचार का हब बनने की ओर तेजी से बढ़ता जा रहा है। भारत ने कारोबारी विशेषज्ञता, रचनात्मकता, राजनीतिक और संचालन से जुड़ी स्थिरता, सरकार की प्रभावशीलता दिवा लियापन की समस्या हल करने में आसानी जैसे संकेतकों में अच्छा सुधार किया है। यह सब वैश्विक ग्लोबल इन्डेक्स के तहत की उपलब्धिया है। इतना ही नही भारत ने डिजिटल अर्थ व्यवस्था, घरेलू कारोबार में सफलता, स्टार्टअप, विदेशी निवेश जैसे मानकों में भी सन्तोषजनक सुधार दिखाया है।
मोदी जी ने स्मार्ट इन्डिया हैकथान के समारोह में अपने सम्बोधन में कहा है इस समय शोध और नवाचार सूचकांक में भारत रैकिंग में लगातार आगे बढ़ता जा रहा है। शोध और नवाचार की वजह से बुनियादी ढांचा, स्वास्थ्य, डिजिटल, प्रद्योगिकी, कृषि, शिक्षा रक्षा सहित विभिन्न क्षेत्रों में प्रगति हो रही है। भारत के लोग नवाचार दुनिया में सबसे प्रतियोगी, किफायती, टिकाऊ, और सुरक्षित तथा बड़े स्तर पर लागू होेने वाले समाधान प्रस्तुत कर रहे है। आज भारत में 70,000 से ज्यादा स्टार्टअप है। जिसमें 100 से ज्यादा यूनिकार्न है। भारत का भविष्य शोध और नवाचार पर निर्भर करेगा। मोदी जी का देश की दशा के बारे में बहुत सही आकलन है। क्योकि दो सितम्बर को अन्तरराष्ट्रीय मुद्दा कोष द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार भारत अर्थव्यवस्था के आकार में ब्रिटेन को पीछे छोड़ कर दुनियां की सबसे बड़ी पांचवीं अर्थव्यवस्था बन गया है। कोविड ने नये चिकित्सकीय शोध और नवाचार को बढ़ाया है। पर खुदा ऐसे अवसर से बचाये रक्खें।
देश की बड़ी आबादी को आर्थिक और सामाजिक कल्याण देने के लिये शोध और नवाचार को तेजी से आगे बढ़ाना होगा। इस समय आर एन्ड डी पर जीडीपी को तेजी से आगे बढ़ाना होगा। इस समय आर एन्ड डी पर जीडीपी का 0.67 प्रतिशत खर्च हो रहा है। योरोपीय संघ दो प्रतिशत और कई विकसित देश तीन प्रतिशत खर्च कर रहे है। भारत को जीडीपी का कम से कम दो प्रतिशत खर्च करना चाहिये। तभी आर्थिक और सामाजिक विकास की नई सम्भावनायें बनेगी। प्रधानमंत्री यो भी नवाचार पर काफी जोर देर रहे है। प्रयास स्वागत योग्य है।

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