गर्भवती एंबुलेंस से उतारने पर विभाग गंभीर, जांच शुरू

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अवधनामा संवाददाता हिफजुर्रहमान 

सीएमओ की अगुवाई में स्वास्थ्य अधिकारियों की टीम गांव पहुंची
प्रसूता के परिजनों के बयान लिए, गांव में कैंप लगाकर उपचार भी किया 
हमीरपुर : 102 एंबुलेंस सेवा से पैसों की मांग पूरी न होने पर उतारी गई गर्भवती महिला के मामले को गंभीरता से लेते हुए मंगलवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ.एके रावत की अगुवाई में स्वास्थ्य अधिकारियों और डॉक्टरों की टीम विकासखंड सुमेरपुर के भौंरा गांव पहुंच गई। सीएमओ ने यहां प्रसूता और उसके परिजनों से वार्ता की। उनके बयान भी लिए गए हैं। गांव में कैंप लगाकर मरीजों का उपचार करते हुए एंटी लार्वा दवा का छिड़काव कराया गया। इससे लोगों ने राहत महसूस की है।
भौंरा गांव निवासी उत्तम निषाद की पत्नी रेखा को सोमवार को 102 एंबुलेंस का स्टाफ कॉल पहुंचने पर लेना पहुंचा था। रेखा प्रसव पीड़ा से बेहाल थी। स्टाफ उसे एंबुलेंस से पंधरी अस्पताल लेकर जा रहा था, लेकिन परिजनों ने मौहर ले जाने की बात कही। इसी को लेकर विवाद हुआ। गर्भवती के परिजनों ने आरोप लगाया कि एंबुलेंस स्टाफ ने एक हजार रुपए की मांग की। रुपए न देने पर उसे बीच रास्ते में उतार दिया गया। लेकिन इन आरोपों पर स्टाफ ने सफाई देते हुए प्रसूता के ससुर पर जबरिया उसे एंबुलेंस से उतारे जाने की बात कही थी। अंतत: उसी एंबुलेंस से ही रेखा को मौहर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया गया, जहां उसका सफल प्रसव हुआ।
मंगलवार को इस मामले को लेकर सीएमओ डॉ.एके रावत, एसीएमओ डॉ.रामअवतार, जिला स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी अनिल यादव, तहसीलदार मुहम्मद असलम गांव पहुंचे। टीम ने प्रसूता के परिजनों के बयान लिए हैं। सीएमओ का कहना है कि जांच में जो भी दोषी मिलेगा, उस पर कार्रवाई होगी। दूसरी तरफ डॉक्टरों की टीम ने गांव में कैंप लगाकर मरीजों का उपचार किया। बड़ी संख्या में मरीजों ने कैंप में पहुंचकर अपना चेकअप कराया। जिला मलेरिया अधिकारी आरके यादव की टीम ने गांव में एंटी लार्वा दवा का छिड़काव भी कराया।
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