अवधनामा संवाददाता
मुनिश्री ने कहा भारतीय संस्कृति में संतों का समागम प्रभु की भक्ति
क्षेत्रपाल मंदिर भूमि तलैया पर नवीन पाण्डाल में हुआ मुनिश्री का प्रवेश
ललितपुर। क्षेत्रपाल मंदिर में धर्मसभा को सम्बोधित करते हुए निर्यापक श्रमण मुनिपुंगव सुधा सागर महाराज ने कहा भक्त जव प्रभु के चरणों में पहुचता है तो प्रभु के वैभव सुख में इतना डूब जाता है कि भक्ति में अपना दुख भूलकर आनंद में झूम उठता है। भाग्यहीन व्यक्ति भी प्रभु के चरण में पहुचकर भाग्यवान हो जाते हैं। मुनि श्री ने कहा चमत्कार भक्त की भक्ति में है जहां वह प्रभु के चरणेां में पहुचकर परमानंद में लीन होता है। भारतीय संस्कृति के गौरवशाली इतिहास का जिक्र करते हुए हमारी संस्कृति साधू संतो ंके समागम और प्रभु भक्ति में है।उन्होने कहा जब दुनिया की सारी संस्कृति खत्म होती है वहीं से भारतीय संस्कृति शुरू होती है। देश की शोभा धन दौलत में नहीं संस्कृति में है। हमारा देश वह देखना चाहता है जो दुनियां नहीं देखती। क्षेत्रपाल मंदिर मे मूलनायक अभिनंदननाथ की वेदिका पर अभिषेक उपरान्त शान्तिधारा मुनिश्री सुधासागर महाराज के मुखारविन्द से हुई। इसके उपरान्त दिव्यघोषों के साथ मुनिश्री सुधासागर महाराज नगर गौरव पूज्य सागर महाराज, एलक धैर्यसागर महाराज, क्षुल्लक गम्भीरसागर महाराज का ससंघ क्षेत्रपाल मंदिर भूमि तलैया पर बने नवीन प्रवचन पाण्डाल में प्रवेश हुआ जिसमें महिलाए मंगलकलश लेकर अनुशासित ढंग से चल रही थी। मण्डप के मुख्य द्वार पर आकर्षक ढंग से रंगोली सजाई गई।
क्षेत्रपाल मंदिर में विराजित होगी भगवान अभिनंदननाथ की रजत प्रतिमा
मुनि सुधासागर महाराज ने शुभ मर्हूत में क्षेत्रपाल मंदिर में विराजित अभिनंदननाथ भगवान के बडेवाबा मंदिर में विराजित होने के उपरान्त भव्य रजित प्रतिमा के लिए अपनी भावना जव भक्तों के बीच रखी पूरा समुदाय जयजयकारों के बीच गंूज उठा। मुनिश्री ने कहा क्षेत्रपाल मंदिर में दस वर्षो से अनवरत भक्ताम्मर पाठ से असीमित पुण्य का संचय हो रहा है। मुनि श्री ने मूर्तिकला के लिए विख्यात देवगढ के गौरवशाली इतिहास का जिक्र करते हुए कहा देवगढ में अनगिनित मूर्तियों का वैभव है जो विश्व विख्यात है इसको विकसित करने के लिए समाज को आगे आना चाहिए। देवगढ प्रबंध समिति के पदाधिकारियों ने मुनिश्री को श्रीफल अर्पित कर आर्शीवाद ग्रहण किया। मुनिश्री देवगढ को अन्र्तराष्ट्रीय स्तर पर विकसित किए जाने का आर्शीवाद दिया और कहा अब यह क्षेत्र शान्तिनाथ देवोदय तीर्थ देवगढ के नाम से जाना जाएगा। उन्होने क्षेत्र के विकास के लिए नई कार्ययोजना हेतु आर्शीवाद प्रदान किया।
संत शिरोमणि आचार्य श्रेष्ठ विद्यासागर महाराज के 50 वे आचार्य पदारोहण दिवस पर भारतीय डाक विभाग द्वारा विभिन्न शहरों से 85 स्पेशल डाक कवर लिफाफा एवं कैन्सिलेशन मुहर जारी होने पर इण्डिया बुक आफ रिकार्ड में अंकित हुआ। जिज्ञासा समाधान कार्यक्रम में मुनि सुधासागर महाराज के आशीर्वाद से रिकार्ड प्रमाण पत्र डाक विभाग ने लोकार्पित किया। इस मौके पर जैन पंचायत ने बताया कि आचार्य पदारोहण दिवस पर विभिन्न डिजायनों के कवर लिफाफा मुनि सुधासागर महाराज एवं ऐलक धैर्यसागर महाराज की प्रेरणा से जारी किए थे जो जैन समाज के लिए गौरव के क्षण रहे।