स्वतंत्रता सेनानी सुभद्रा कुमारी चौहान पर आधारित प्रदर्शनी एवं संगोष्ठी का किया गया आयोजन

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अवधनामा संवाददाता

प्रयागराज :  हिन्दुस्तानी एकेडेमी उ०प्र०, प्रयागराज, राजकीय पाण्डुलिपि पुस्तकालय, संस्कृति विभाग, प्रयागराज तथा जिला प्रशासन, प्रयागराज के संयुक्त तत्वावधान में आजादी का अमृत महोत्सव में स्वतंत्रता सप्ताह (11 -17 अगस्त 2022 ) के अंतर्गत मंगलवार एकेडेमी स्थित गाँधी सभागार में स्वतंत्रता सेनानी सुभद्राकुमारी चौहान पर प्रदर्शनी एवं संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ सरस्वती जी की प्रतिमा एवं स्वतंत्रता सेनानी सुभद्राकुमारी चौहान के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। कार्यक्रम का प्रारम्भ  श्री शिपू गिरि (मुख्य विकास अधिकारी, प्रयागराज) एकेडेमी के सचिव देवेन्द्र प्रताप सिंह ,पांडुलिपि अधिकारी के द्वारा किया गया।  इस अवसर पर आजादी का अमृत महोत्सव के क्रम में स्वतंत्रता आन्दोलन में ब्रिटिश सरकार द्वारा प्रतिबंधित एवं राष्ट्रभक्ति गीतों को संकलित कर एकेडेमी से प्रकाशित पुस्तक आजादी के तराने नामक पुस्तक का विमोचन  किया गया। कार्यक्रम के अंत में आए मुख्य अतिथि इंजी हर्षवर्धन वाजपेयी ने कहा कि  2047 में आजादी का 100वां वर्षगाँठ मनायेगा तब हम पूर्ण विकसित देशों की श्रेणी में आ गये होंगे । कार्यक्रम के प्रारम्भ में प्रदर्शनी का उद्घाटन करते हुए विशिष्ट अतिथि शिपू गिरि (मुख्य विकास अधिकारी, प्रयागराज ने अपने उद्बोधन में कहा कि प्रयागराज कला, संस्कृति, शिक्षा का केन्द्र रहा है। यहीं से आजादी के आंदोलन की दिशा तय की जाती थी  स्वतंत्रता सेनानी सुभद्राकुमारी चौहान के काव्य में राष्ट्रीय चेतना विषयक संगोष्ठी  की अध्यक्षता करते हुए डॉ. कल्पना वर्मा ने कहा कि ‘सुभद्रा कुमारी चौहान की कविताओं में राष्ट्रीय चेतना पूर्णतः समाहित है। यह उन्हें अपने पिता से विरासत में मिली थी। उनकी रचनाओं में जो ओज  है वह जन समूह में लोकप्रिय हो कर वह रहा है। सम्मानित वक्ता डॉ. अलका प्रकाश ने कहा कि ‘अपनी ओजपूर्ण कविताओं के लिए सुभद्रा कुमारी चौहान सदैव याद की जायेगी उन्होंने मंच पर पुरुष वर्चस्व को तोड़ा एक स्त्री को अपनी उपस्थिति दर्ज करवाने के लिए दुगुनी प्रतिभा की आवश्यकता होती है । संगोष्ठी की सम्मानित वक्ता डॉ. सरिता शुक्ला ने अपने वक्तव्य में कहा कि सुभद्रा कुमारी चौहान ने महिलाओं में राजनीतिक चेतना और परंपराओं में नहीं सांस्कृतिक चेतना के साथ ही राजनीतिक व्यंग्य चेतना को भी उजागर किया।
कार्यक्रम का संचालन एकेडेमी की प्रकाशन अधिकारी ज्योतिर्म तथा अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापन सुश्री अपराजिता सिंह (क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी, प्रयागराज ने किया। कार्यक्रम में उपस्थित विद्वानों में गुलाम सरवर (क्षेत्रीय पाण्डलिपि अधिकारी) परिश्चन्द्र दुबे डॉ. श्लेष गौतम, डॉ. अरुण कुमार त्रिपाठी, श्रीकांत मिश्र , डॉ. प्रभाकर त्रिपाठी, श्याम सुन्दर सिंह पटेल,डॉ.शकिरा तलत, डॉ राम नरेश पाल, राकेश कुमार वर्मा, विकास यादव, शैलेन्द्र यादव  एवं शहर के गणमान्य विद्वान आदि उपस्थित रहे।

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