अवधनामा संवाददाता
ललितपुर। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा.अजय भाले ने बताया कि संचारी रोग नियंत्रण अभियान के तहत जुलाई माह को डेंगू जागरूकता के रूप में मनाया जा रहा है क्योंकि इस माह में बारिश के कारण जगह जगह पानी का जमाव हो जाता है और इससे डेंगू के लार्वा पनपने का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में घर के अंदर व बाहर साफ सफाई आवश्यक है। उन्होंने बताया कि एतिहाती कदम उठाते हुए नाली एवं कीचड़ वाले स्थानों पर दवा का छिड़काव कराया जा रहा है। साथ ही साफ-सफाई रखने के निर्देश दिए जा रहे हैं।
जिला मलेरिया अधिकारी डा.एम.सी.पॉल ने बताया कि डेंगू मच्छर ठहरे हुए पानी पनपता है और दिन में काटता है। इस बीमारी को फैलने से रोकने के लिए जागरूकता का सहारा लिया जा रहा है। इस अभियान में स्वास्थ्य विभाग के साथ दस विभाग मिलकर काम कर रहे हैं। इस दौरान लोगों को पूरी आस्तीन के कपडे पहनने, मच्छरदानी का इस्तेमाल करने, पानी की बाल्टियों व टंकियों को ढककर रखने, कूलर की नियमित सफाई करने, छत, बरामदों में पड़े पुराने टायरों, खाली डिब्बो में पानी इक_ा नहीं होने देने की सलाह दी जा रही है। सहायक मलेरिया अधिकारी अजब सिंह ने बताया कि मच्छरजनित बीमारिया सबसे ज्यादा बरसात के मौसम में पनपती हैं। डेंगू के लार्वा को पनपने से रोकने के लिए लार्वानाशक दवा का छिडकाव किया जा रहा है, साथ ही लोगों को बचाव के तरीके बताए जा रहे हैं। इसके अलावा स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं एवं आशा कार्यकर्ताओं की टीमें गठित की गई हैं, जो घर-घर लार्वा की जांच कर की जा रही हैं। वहीं, घरों में रखे कूलर, गमले, टूटे-फूटे बर्तन व टायर में भरे पानी को जमीन पर गिराया जा रहा है। घर के आस-पास जल भराव नहीं होने देने, सप्ताह में एक बार कूलर सुखाकर पानी भरने, मच्छरदानी लगाने की सलाह भी लोगों को दी जा रही है। कम्युनिटी मेडिसिन विशेषज्ञ डा.सौरभ सक्सेना ने बताया कि मच्छर जनित बीमारियों की रोकथाम के लिए चलाए गए अभियान में समुदाय की भागीदारी बढाने का प्रयास किया जा रहा है। तेज बुखार आने पर जांच कराकर अस्पताल से दवाई प्राप्त करें। सुबह-शाम खिड़की दरवाजे से मच्छर अंदर प्रवेश कर जाते हैं इस दौरान ध्यान रखें। शर्ट फुल आस्तीन की पहने, जिससे कि मच्छर न काट पाए।
डेंगू के लक्षण तेज बुखार, खांसी, सांस लेने में तकलीफ होना, मुंह, होंठ और जीभ का सूखना, सुस्ती कमजोरी और चिड़चिड़ापन आदि लक्षण हैं।
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