अवधनामा संवाददाता
उद्घाटन के अवसर पर नदी के घाट पर उपलब्ध जल की मण्डलायुक्त द्वारा की गई विधि-विधानपूवर्क पूजा-अर्चना
बरुआ नदी के मार्ग में आने वाली ग्राम पंचायतों में जल संरक्षण स्रोतों के रखरखाव कार्य के मूल्यांकन हेतु की जाए निगरानी
जल स्रोतों के रखरखाव में लापरवाही करने वाली ग्राम पंचायतों पर लगाया जाए अर्थदण्ड
अर्थदण्ड की धनराषि का सदुपयोग बरुआ नदी के जल संरक्षण कार्य में किया जाए
बरुआ नाला अब से बरुआ नदी के नाम से जाना जाएगा: मण्डलायुक्त
ललितपुर। बरुआ नदी घाट एवनी विकासखण्ड तालबेहट में पर्यावरण सम्मेलन एवं बरुआ नदी पुनर्जीवन समारोह का उद्घाटन मण्डलायुक्त झांसी मण्डल झांसी डा.अजयशंकर पाण्डेय द्वारा किया गया। शुभारंभ माँ सरस्वती जी के चित्र पर दीप प्रज्वलन एवं माल्यार्पण कर किया गया। उद्घाटन के अवसर पर मण्डलायुक्त द्वारा नदी के घाट पर नदी के जल की पूजा-अर्चना पूर्ण विधिविधान से की गई।
इसके पश्चात सदस्य परमार्थ समाजसेवी संस्थान ने बताया कि हमारे द्वारा 2008 से इस नदी की पदयात्रा का शुभारंभ किया गया था, इस नदी को पुनर्जीवित करने हेतु इस क्षेत्र के आसपास के ग्रामीणों को नदी के महत्व के बारे में बताया गया, साथ ही जिला प्रशासन के माध्यम से नदी के पुनर्जीवन का कार्य भी पूर्ण किया गया। जिला प्रशासन के सहयोग से पुनर्जीवन उपरान्त नदी के किनारे फलदार वृक्षों का भी आच्छादन किया गया। बरुआ नदी के पुनर्जीवित होने के पश्चात नदी पर घाट भी जिला प्रशासन द्वारा बनवाया गया। जिला प्रशासन से यह अनुरोध है कि नदी के आसपास स्थित क्षतिग्रस्त चैकडेमों को दुरुस्त कराया जाए, जिससे नदी के जलस्रोतों में और अधिक वृद्धि हो सके। इसके साथ ही नदी के आसपास होने वाले अवैध खनन पर भी पूर्ण रुप से नियंत्रण किया जाए। पानी के संरक्षण को लेकर हमारी संस्था की महिला सदस्यों द्वारा भी महत्वपूर्ण सहयोग किया गया है। बुन्देलखण्ड की सभी नदियां जल से सदैव छलकती रहें, जिससे बुन्देलखण्ड क्षेत्र में जल संकट की समस्या का सामना हमारी आने वाली पीढिय़ों को न करना पड़े, इसी प्रयास के साथ हमारी संस्था निरंतर जल संरक्षण की दिशा में कार्य करती रहेगी। जल सहेली इमरती ने कहा कि हमारे ग्राम में पानी की अत्यधिक समस्या थी, ग्राम में मेरे साथ मेरी अन्य साथियों द्वारा इस क्षेत्र में कुओं की खुदाई की गई, साथ ही चैकडेमों के निर्माण कार्य में भी अपना सहयोग प्रदान किया गया। धीरे-धीरे जनजागरुकता होने के पश्चात अन्य ग्रामवासियों ने भी हमारा सहयोग किया। नगर पंचायत अध्यक्षा तालबेहट ने कहा कि जल हमारे जीवन को आगे बढ़ाने के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण कारक है। इसलिए इस जल को संरक्षित करने में हमें शासन द्वारा चलायी जा रही योजनाओं में उनका पूर्ण रुप से सहयोग करना चाहिए, जिससे हमारी आने वाली पीढिय़ों को जल की कमी का सामना न करना पड़े। हमें हमारी पृथ्वी को पानीदार बनाने के लिए प्रत्येक संभव प्रयास करते रहना चाहिए। मुख्य विकास अधिकारी ने कहा कि इस बरुबा नाले की कुल लम्बाई 13 किमी. है, यह नदी जामिनी नदी में जाकर मिलती है। दिसम्बर 2021 में मनरेगा से इस नाले के जीर्णोद्धार का कार्य प्रारंभ किया गया था, इस नदी की खुदाई में प्रारंभ में 02 जल स्रोत स्फुटित हुए, साथ ही जीर्णोद्धार कार्य पूर्ण होने के पश्चात नदी के किनारे दोनो तरफ 1500 फलदार वक्षों के पौधों का रोपण भी किया गया था। जिलाधिकारी के निर्देशानुसार इस क्षेत्र में अवैध खनन का पूर्ण रुप से नियंत्रण किया जा रहा है, इसके साथ ही सिंचाई विभाग द्वारा इस नदी पर चैकडेम भी बनाये जा रहे हैं, जिससे इस नदी पर और अधिक जलस्रोतों को विकसित कर ग्रामीणों की जलापूर्ति सम्बंधी समस्याओं का समाधान किया जा सके। इस दौरान मण्डलायुक्त डा.अजयशंकर पाण्डेय ने कहा कि जल का महत्व केवल बुन्देलखण्ड में ही महसूस नहीं किया जा रहा, अपितु सम्पूर्ण विश्व में भी जल की महत्वता स्थापित हो चुकी है। साथ ही इसके भविष्य को लेकर भी विश्वपटल पर ग्लोबल चिन्तन हो रहा है। हमारे बुन्देलखण्ड के निवासी जल की समस्या को जितनी गंभीरता से समझ सकते हैं, उतना कोई नहीं समझ सकता, क्योंकि एक-एक बूंद जल के लिए आपको जो संघर्ष एवं परिश्रम करना पड़ता है तथा उसके सामाजिक और आर्थिक दुष्प्रभावों से जितना बुन्देलखण्डवासी गुजर रहे हैं, उतना कोई नहीं गुजर रहा। इसलिए इस क्षेत्र को जल संरक्षण की दिशा में नेतृत्व प्रदान करने की आवश्यकता है। मेरे इस मण्डल में एक वर्ष के कार्यकाल में मैने यह देखा है कि यहां के लोगों ने धीरे-धीरे जल के महत्व को समझना शुरु कर दिया है, साथ ही इस ओर वैज्ञानिक चिंतन करना भी प्रारंभ कर दिया है। जहां आपको प्रशासन के सहयोग की भी आवश्यकता होती है। यह एक बहुत अच्छा प्रयास है कि आप जल संरक्षण की दिशा में कार्य कर रहे हैं, इस कार्य में प्रशासन पूर्ण रुप से आपके साथ है। आज इस गांव में बरुआ नाले के कार्यक्रम का उद्घाटन हुआ है, अब यह नाला एक नदी के रुप में परिवर्तित हो चुका है, इसलिए आज से इसे ”बरुआ नदीÓÓ के रुप में जाना जाएगा। आपने इस नदी को पुनर्जीवित करने का कार्य पूर्ण कर लिया है, जीवन में कोई लक्ष्य निर्धारित करना कठिन होता है, उससे भी कठिन होता है लक्ष्य को प्राप्त करना और सबसे ज्यादा कठिन होता है उस लक्ष्य पर बने रहना। ठीक इसी प्रकार आपको भी इस नदी के पुनर्जीवित जलस्रोतों को इसी प्रकार बनाये रखते हुए इसे और अधिक वृद्धि की ओर ले जाना है।
कार्यक्रम में मुख्य विकास अधिकारी अनिल कुमार पाण्डेय, उप जिलाधिकारी तालबेहट अमित कुमार भारतीय, खण्ड विकास अधिकारी तालबेहट संदीप मिश्रा, अध्यक्षा, नगर पंचायत तालबेहट मुक्ता सोनी, परमार्थ समाजसेवी संस्थान एवं बुन्देलखण्ड जल संरक्षण समिति के सदस्यों सहित ग्रामीण उपस्थित रहे।
बरूआ नाला अब बरूआ नदी के नाम से जाना जायेगा।
मण्डलायुक्त डा.अजय शंकर पाण्डेय ने कहा कि अब इस नदी को बरूआ नाला न कहकर बरूआ नदी नाम से जाना जाये। आप लोगों द्वारा आज इस नदी का पूजन किया गया। क्या कभी किसी नाले का पूजन होते हुये आप लोगों ने देखा है? इससे स्पष्ट है कि यह नदी है और पुनरोद्धार के बाद अब इसका नाम बरूआ नदी होगा। मौके पर उपस्थित ग्रामीणों से अपेक्षा की गयी कि इस नदी के पुनरोद्धार में अपना-अपना यथाशक्ति सहयोग दें।
क्यों नाम दिया इमरती कूप?
इमरती ने बुन्देली भाषा में जानकारी देते हुए बताया कि सर्वप्रथम गांव में पानी की बहुत समस्या थी, उनके द्वारा बरूआ नदी के पास कूप की खुदाई सर्वप्रथम अकेले की गयी। लोगों द्वारा इस कार्य को किये जाने के समय काफी उपहास किया गया और यह कहा गया कि एक महिला कुएं को कैसे खोद सकती है? इमरती देवी की मेहनत कुछ दिनों के बाद रंग लायी। गांव के अन्य महिला एवं पुरूषों द्वारा इनके कार्य में सहयोग दिया गया। परिणामस्वरूप आज इस कुएं से काफी लोग पीने का पानी लेते हैं। इमरती देवी द्वारा की गयी पहल इसलिए अनुकरणीय है क्यों कि यदि इनके द्वारा कर्मठता, लगन एवं मेहनत से कूप खोदने का प्रयास न किया जाता तो यह कूप बनकर तैयार नहीं हो सकता था। इसलिए इस कूप का नाम इमरती कूप रखा जाय और इसका एक शिलालेख भी बनवाया जाय, जिसमें श्रीमती इमरती देवी के बारे में लोगों को जानकारी मिले और यह प्रेरणा श्रोत बने।
बरूआ नदी मित्र योजना
बरूआ नदी ग्राम पंचायत चुरावनी के मजरा करेंगा से प्रारम्भ होता हुआ, ग्राम पंचायत एवनी से चुरावनी होते हुए हसाकरलॉ, विजयपुरा, नत्थीखेड़ा से होता जामुनी नदी में जाकर मिल जाता है, जिसकी कुल लम्बाई 13 किमी. है। मण्डलायुक्त डॉ0 अजय शंकर पाण्डेय ने अपने उद्बोधन में यह कहा कि उपरोक्त सभी गांव को मिलाकर एक ‘बरूआ नदी मित्र योजनाÓ लागू की जाय, उक्त ग्रामों में से जिस ग्राम से नदी निकलने के बाद उसका पानी स्वच्छ और निर्मल होगा उस ग्राम पंचायत को पुरस्कृत किया जायेगा तथा उक्त गांवों में से जिस गांव के निवासी इस नदी को दूषित/गंदा करेंगे उसको दण्डित किया जायेगा और दण्ड स्वरूप प्राप्त धनराशि को नदी के जीर्णोद्धार में लगाया जायेगा। मुख्य विकास अधिकारी, ललितपुर को निर्देशित किया गया कि उक्त कार्ययोजना बनाकर तत्काल उसका क्रियान्वयन सुनिश्चित करायें।
अवैध खनन पर पूर्णत: प्रतिबन्ध लगाने के निर्देश
ग्राम एवनी में कतिपय व्यक्तियों द्वारा यह शिकायत की गयी कि बरूआ नदी से पूर्व में अवैध खनन काफी किया जाता था। वर्तमान समय में भी इस नदी में से कहीं कहीं पर अवैध खनन किया जा रहा है। मण्डलायुक्त डा.अजय शंकर पाण्डेय ने मौके पर उपस्थित अधिकारियों को निर्देशित किया कि अवैध खनन को रोकने के लिए तत्काल प्रभावी एवं कठोर कार्यवाही सुनिश्चित की जाय। यदि स्पष्ट निर्देशों के बावजूद भी अवैध खनन की शिकायतें प्राप्त हुई तो उत्तरदायी अधिकारियों के विरूद्ध सख्त से सख्त कार्यवाही की जायेगी।
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