कुरान अमन, शांति व इंसानियत का पैगाम देता है- मुफ्ती अलाउद्दीन

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अवधनामा संवाददाता

बंजारापट्टी में आयोजित हुआ जलसा गुलशने मदीना कान्फ्रेंस
हाफिज बने पांच हाफिजों का हुआ दस्तार बंदी
कुशीनगर। कुरान अमन, शांति व इंसानियत का पैगाम देता है। कुरान को तर्जुमे, अर्थ के साथ पढ़कर जीवन में कामयाबी हासिल की जा सकती है। उक्त बातें रविवार की देर शाम कसया थाना क्षेत्र के गांव बंजारा पट्टी में मदरसा अरबिया अहले सुन्नत गुलशने रजा के तत्वावधान में आयोजित गुलशने मदीना कांफ्रेंस में बोलते हुए मुख्य अतिथि मुफ़्ती अलाउद्दीन ने कही। आगे उन्होंने कहा कि कुरान के उपदेशों को आत्मसात करने की जरूरत है। तभी दुनिया में भी व आख़िरत में भी कामयाबी मिलेगी।
मौलाना शकील अख्तर निजामी ने कहा कि इस्लाम धर्म में शिक्षा हासिल करने के काफी जोर दिया गया है लेकिन हम शिक्षा से दूर होकर आज दयनीय स्थिति में है। मुसलमानों को चाहिए कि वह अपने बच्चों को मजहबी तालीम के साथ दुनिया की भी तालीम देते हुए अपने बच्चों को आईएएस, पीसीएस, डाक्टर ,इंजीनियर ,वकील बनाये जिससे वह समाज की सेवा कर सके।मौलाना आजम रजा गोरखुरी ने नात पढ़ी कि नसीब जागेगा मेरा दरूद पढ़ करके …तो पूरा मजमा झूम उठा। जबकि कारी हसनैन रजा ने दीदार कर लो लोगों सरकार आ रहे ….नात पढ़कर खूब वाहवाही लूटी।मौलाना सादिक रजा नूरी ने नात पढ़ी कि यह ऐलाने रजा है, पैगामे रजा है तो पूरा मजमा में जोश भर आया।जलसे की अध्यक्षता कर रहे मौलाना सैय्यद हिदायतुल्लाह शम्सी ने कहा कि पैगम्बर मोहम्मद साहब पूरी दुनिया के लिए रहमत बनकर आये। उनके पद चिन्हों पर चलना ही मुसलमान की पहचान है। जलसे में गंगा जमुनी तहजीब देखने को मिली यहाँ व्यवस्था में गांव मुस्लिमों के साथ हिन्दू समाज के लोग भी जूटे रहे। इसके पूर्व जलसे की शुरुआत हाफिज फारुख ने कुरान की तिवालत करके किया। हाफिज बने पांच हाफिजों का दस्तार बंदी किया गया व उन्हें प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया।जलसे की सरपरस्ती मौलाना अब्दुल शकूर ने किया।संचालन मौलाना आलमगीर ने किया।
इस अवसर पर मौलाना फकरुद्दीन निजामी,मौलाना हसमुद्दीन रिजवी, मौलाना दरवेश मिस्बाही, हाफिज इम्तियाज, हाफिज जाकिर, मु मुजम्मिल (जिला कृषि अधिकारी देवरिया), जमालुद्दीन वारसी, लियाकत अली, सिकंदर आजम, वाजिद अली, अब्दुल मजीद, जाहिद जमाल, शोलु, रामचन्द्र गुप्ता, वीरेंद्र शर्मा, रामवृक्ष गुप्ता, मुर्तुज़ा वारसी, डब्लू,आजाद, हबीबुल्लाह, शमशाद, फिरोज आदि मौजूद रहे।
इनकी हुई दस्तार बंदी
मदरसा अरबिया अहले सुन्नत के तत्वावधान में आयोजित गुलशने मदीना कान्फ्रेंस में उक्त मदरसे से शिक्षा पाकर हाफिज बने रईस आलम, एजाज अहमद, मोहम्मद कैफ रजा, अशफाक आलम, कैफ रजा इन पांच हाफिजों दस्तार बंदी हुआ। ओलमाओ ने इन्हें साफा बांधकर व प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया।
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