अवधनामा संवाददाता
ग्रामीणों ने उच्चाधिकारियों से की शिकायत, भनक लगते ही शुरू हो गया काम
जयसिंहपुर सुलतानपुर- ग्राम पंचायतों के विकास के लिए शासन द्वारा करोड़ों की धनराशि अवमुक्त की जाती है जिससे ग्राम पंचायतों का विकास हो सके ग्राम पंचायतों के विकास के लिए आई धनराशि का बंदरबांट ना हो सके इसलिए शासन द्वारा कई प्रकार के नियम भी लगाए गए हैं। बावजूद प्रधान बनते ही ग्राम पंचायत सचिव की मिलीभगत से बिना कार्य कराए लाखों की धनराशि हड़प ली।ग्रामीणों ने जब मामले की शिकायत उच्च अधिकारियों से की तो इसकी भनक ग्राम प्रधान व पंचायत सचिव को लग गई तो आनन-फानन में काम को शुरू करवा दिया गया।
मामला जयसिंहपुर विकासखंड के महमूदपुर सलाहपुर ग्राम पंचायत से जुड़ा हुआ है। जहां गांव निवासी लालजी व अविनाश ने बीते 25 मई को जिलाधिकारी सुलतानपुर को शिकायती पत्र सौपते हुए आरोप लगाया था कि ग्राम पंचायत महमूदपुर सलाहपुर में टांडा बांदा राष्ट्रीय राजमार्ग से दीन दयाल के घर से होते हुए राम चरन के घर तक इंटरलॉकिंग का कार्य दिखाकर ग्राम प्रधान व पंचायत सचिव ने 184722 (एक लाख चौरासी हजार सात सौ बाइस)रुपये फर्जी ढंग से बीते 4 अगस्त को निकाल लिया था। जिसकी उसने जिला स्तरीय अधिकारियों से जांच की मांग की थी। वही ग्रामीणों द्वारा की गई शिकायत की भनक जब प्रधान व सचिव को लगी तो आनन-फानन में इंटरलॉकिंग ईट व अन्य सामग्री गिरवा कर इंटरलॉकिंग का निर्माण कार्य शुरू करवा दिया।वही हो रहे कार्य का निरीक्षण करने पहुंचे एडीओ पंचायत जयसिंहपुर अशोक वर्मा से वार्ता की गई तो उन्होंने बताया की मैं सिर्फ यह देखने आया था कार्य 15 वा वित्त से हो रहा है या मनरेगा से। फिलहाल स्टीमेट मनरेगा से कार्य होता पाया गया। पंचायत सचिव का नम्बर बन्द जा रहा है तो खंड विकास अधिकारी जयसिंहपुर संतोष कुमार व्यस्त होने की बात कह कर बाद में बात करने के लिए कहा। जिला पंचायत राज अधिकारी आरके भारती से जब इस संबंध में वार्ता की गई तो उन्होंने बताया की मामला संज्ञान में है एडीओ पंचायत को जांच के लिए भेजा गया था। पूरी जानकारी खंड विकास अधिकारी जयसिंहपुर ही बता पाएंगे।
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