टोयोटा समूह ने बड़े निवेश के लिए कर्नाटक सरकार के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए

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बेंगलुरू।  देश के "मेक इन इंडिया" विजन में योगदान करने और कार्बन उत्सर्जन में तेजी से कमी लाने के अपने प्रयास में टोयोटा समूह की कंपनियों ने 4,800 करोड़ रुपये के अपने कुल निवेश में से 4,100 करोड़ रुपये के निवेश के लिए कर्नाटक सरकार के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर दस्तखत करने की घोषणा की है। यह घोषणा लाखों ग्राहकों का दिल जीतकर भारत में 25 साल की यात्रा पूरी होने की टोयोटा किर्लोस्कर मोटर की सफलता से मेल खाती है।
टोयोटा समूह की कंपनियों में टोयोटा किर्लोस्कर मोटर और टोयोटा किर्लोस्कर ऑटो पार्ट्स शामिल हैं। स्थानीय विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने के अलावा, नया विकास रोजगार सृजन और स्थानीय सामुदायिक विकास को गति प्रदान करेगा। यह निवेश स्थानीय आपूर्तिकर्ता आधार के विस्तार को भी बढ़ावा देगा। इसके परिणामस्वरूप ज्यादा निवेश होगा तथा रोजगार सृजन भी होगा। एमओयू का आदान-प्रदान कर्नाटक के माननीय मुख्यमंत्री श्री बसवराज बोम्मई और श्री विक्रम एस किर्लोस्कर, वाइस-चेयरमैन, टोयोटा किर्लोस्कर मोटर के बीच हुआ। एमओयू हस्ताक्षर समारोह के इस महत्वपूर्ण मौके पर कर्नाटक के बड़े व मध्यम उद्योगों के माननीय मंत्री डॉ. मुरुगेश आर. निरानी, श्री रवि कुमार, आईएएस, कर्नाटक राज्य के मुख्य सचिव और कई अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
इस संबंध में हुए समझौते के भाग के रूप में टोयोटा समूह की कंपनीज भारत को एक आत्मनिर्भर विनिर्माण केंद्र बनाने की दिशा में व्यवस्थित रूप से निवेश करेगी। इस प्रकार
सरकार के मेक इन इंडिया और आत्म निर्भर भारत मिशन में योगदान देगी। निवेश का उद्देश्य हरित प्रौद्योगिकियों को बढ़ावा देना है जो जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम करने और कार्बन उत्सर्जन को कम करने में मदद करेंगे। इस निवेश से स्थानीय उत्पादन सुविधाओं के लिए इलेक्ट्रिक पावरट्रेन पार्ट्स और घटकों का निर्माण संभव होगा और इस तरह भारत में विद्युतीकृत वाहन निर्माण की जरूरत पूरी करने में योगदान होगा। टोयोटा पर्यावरण चुनौती 2050 के एक भाग के रूप में, टोयोटा टेलपाइप उत्सर्जन से परे जाकर कार्बन उत्सर्जन को कम करने पर ध्यान केंद्रित करना जारी रखेगी, ताकि 2050 तक कार्बन तटस्थता लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए विनिर्माण और जीवनचक्र में सीओ2 उत्सर्जन को कम किया जा सकेगा जैसा कि पहले घोषित किया गया था। इस शुभ अवसर पर अपने विचार रखते हुए, कर्नाटक के मुख्यमंत्री श्री बसव राज बोम्मई ने कहा “हमारा उद्देश्य 21 वीं सदी के नए औद्योगिक टाउनशिप और कॉरिडोर बनाकर ;नए भारत के लिए नया कर्नाटक; बनाना है। एक ऐसे राज्य के रूप में जो सतत विकास के लिए प्रतिबद्ध है और देश की प्रगति में योगदान कर रहा है, हम अपने बिल्ड फॉर द वर्ल्ड मिशन के तहत कर्नाटक को एक वैश्विक आपूर्ति-श्रृंखला और विनिर्माण केंद्र बनाना चाहते हैं। टोयोटा ग्रुप ऑफ कंपनीज के साथ यह समझौता ज्ञापन इस संबंध में एक बड़ी प्रगति है, और कर्नाटक सरकार कर्नाटक की प्रगति के लिए स्थायी विकास और स्थानीय विनिर्माण गुणवत्ता के प्रति टोयोटा की प्रतिबद्धता के प्रति आश्वस्त है। कर्नाटक इलेक्ट्रीक वाहनों का केंद्र है और इसलिए इस करार का स्वागत करता है जो इस क्षेत्र मेंअग्रणी राज्य के रूप में कर्नाटक की उपलब्धि को और बढ़ाता है।”
करार पर दस्तखत के संबंध में अपने विचार साझा करते हुए राज्य के बड़े और मध्यम उद्योग मंत्री, माननीय डॉ. मुरुगेश आर. निरानी ने कहा, “टोयोटा समूह के निवेश से कर्नाटक में स्थानीय
आपूर्तिकर्ता का विकास बेहतर होगा तथा इससे और निवेश आएगा, रोजगार के मौके तैयार होंगे। स्थानीय निर्माण क्षेत्र को आगे बढ़ाने के साथ ये निवेश स्थानिय समुदाय के विकास का भी समर्थन करेगा।”
अपनी स्थापना के समय से ही, टोयोटा एक स्थिर, टिकाऊ और प्रतिस्पर्धी स्थानीय आपूर्ति श्रृंखला बनाने के लिए जुनूनी और प्रतिबद्ध रही है और सरकार के 'मेक इन इंडिया' मिशन के अनुरूप ऑटो पार्ट्स और घटकों के स्थानीयकरण को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण प्रयास किए हैं। समूह ने उच्च गुणवत्ता मानकों के साथ उत्पादन उत्कृष्टता बढ़ाने के लिए विश्व स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रदान करके, टोयोटा की सर्वोत्तम प्रथाओं, कुशल प्रक्रियाओं और जनशक्ति के कौशल को साझा करके उनकी क्षमताओं और योग्यताओं को बढ़ाने के लिए उनके साथ लगातार साझेदारी करके आपूर्तिकर्ता आधार को मजबूत करने और बढ़ाने में निवेश किया है। आपूर्तिकर्ताओं में कौशल के स्तर को बढ़ाने पर, टोयोटा ने सिस्टम, प्रबंधन, प्रशिक्षण और हार्डवेयर विकास के माध्यम से प्रक्रियाओं को बढ़ाने के लिए हर साल 40,000 मानव-घंटे खर्च किए। इसके अलावा, आपूर्तिकर्ताओं के लोगों के विकास पर प्रति वर्ष अन्य 8,500 मानव-घंटे खर्च किए जाते हैं। इस अवसर पर अपने विचार रखते हुए, श्री विक्रम एस. किर्लोस्कर, वाइस-चेयरमैन, टोयोटा किर्लोस्कर मोटर ने कहा, टोयोटा ;मेक इन इंडिया' के साथ घरेलू उत्पादन को मजबूत करने के लिए विद्युतीकरण की गति को बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। माननीय मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मईजी और सभी गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में कर्नाटक सरकार के साथ आज का समझौता ज्ञापन, बड़े पैमाने पर शुरू करने के मामले में एक बहुत ही महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। इससे कार्बन उत्सर्जन में भारी कटौती, बड़े पैमाने पर रोजगार का सृजन और स्थानीय विनिर्माण केंद्र बनाना शामिल है। यह सब न केवल घरेलू जरूरतों के लिए बल्कि वैश्विक बाजारों, स्थानीय सामुदायिक विकास और नवाचार में प्रगति के लिए भी किया जाएगा। मेरा मानना है कि वाहन गतिशीलता क्षेत्र में जीवाश्म-ईंधन-गहन प्रौद्योगिकियों के लिए इस तरह के निवेश की आवश्यकता है ।
अपने दर्शन के एक भाग के रूप में, हम हमेशा गहन अध्ययन करते हैं, विश्लेषण करते हैं और कई तकनीकी रास्ते तलाशते हैं जो जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम करने, भारत को वास्तव में
आत्मनिर्भर बनाने, कार्बन उत्सर्जन को कम करने और रोजगार पैदा करने पर राष्ट्रीय लक्ष्यों को
प्राप्त करने के लिए सबसे उपयुक्त हैं। टोयोटा हमारे देश और उस समुदाय की सेवा करने के लिए प्रतिबद्ध है जहां हम काम करते हैं।”

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