अवधनामा संवाददाता
पीडि़ता से मिलकर घटना की जानकारी ली
दोषियों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही का दिया आश्वासन
ललितपुर। जिले के थाना पाली अंतर्गत नाबालिग युवती के साथ सामूहिक रेप की घटना का संज्ञान लेते हुए राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग सदस्य श्याम त्रिपाठी, (सी.एल.-विधि) अरुणिमा मिश्रा, करिश्मा (सी.एल.-एजुकेशन) सदस्य, राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग, नई दिल्ली एवं सदस्या, उ.प्र. राज्य महिला आयोग डा.कंचन जायसवाल ने पीडि़ता एवं उनके परिवारजनों से मिलकर घटना की जानकारी ली। मौके पर उन्होंने पीडि़ता से बातचीत कर घटना की सम्पूर्ण जानकारी ली, साथ ही पीडि़ता एवं उसके परिवार को भावपूर्वक सान्त्वना देते हुए यह विश्वास दिलाया कि उक्त प्रकरण जांचोपरान्त दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्यवाही अमल में लायी जाएगी। उन्होंने कहा कि शासन-प्रशासन की संवेदनाएं पीडि़ता एवं उनके परिवार के साथ हैं तथा दोषियों के विरुद्ध कठोर से कठोर कार्यवाही की जाएगी। मौके पर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग, नई दिल्ली के सदस्यों को मामले की जानकारी देते हुए बताया गया कि बताया गया कि नाबालिग की मां ने तहरीर में लिखा कि गांव के चार युवकों द्वारा 13 वर्षीय नाबालिग पुत्री को बहला-फुसलाकर भोपाल ले गए थे, जहां 3 दिन तक उसका बलात्कार किया गया। उसके बाद उसे थाने के पास छोड़ कर चले गए थे। लड़की की मौसी पीडि़ता का बयान दर्ज कराने के लिए थाने ले गई, जहां मौसी द्वारा नाबालिग को थाना अध्यक्ष के पास छोड़ दिया गया, वहीं थानाध्यक्ष तिलकधारी सरोज ने पीडि़ता के साथ दुष्कर्म किया। नाबालिग ने चाइल्ड लाइन में काउंसलिंग के दौरान आरोप लगाया। पुलिस अधीक्षक द्वारा इस मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए थानाध्यक्ष को सस्पेंड कर दिया गया है और पुलिस ने इस मामले में 6 लोगों पर मामला दर्ज किया है। इसके साथ मामले की जांच डी0आईजी0 झांसी को सौंपी गई है। मामले में आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है। इसके उपरान्त राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग, नई दिल्ली के सदस्यों ने जनपद के प्रिंट एवं इलैक्ट्रॉनिक मीडिया के प्रतिनिधियों से उक्त प्रकरण के सम्बंध में प्रेस वार्ता की। उन्होंने बताया कि जनपद में ललितपुर के थाना पाली में घटित सामूहिक दुष्कर्म की घटना का संज्ञान लेकर मौके पर जाकर घटना का अवलोकन करने के निर्देश शासन स्तर से दिये गए थे, जिसके क्रम में आज हमारे द्वारा पीडि़ता एवं उसके परिवार से मुलाकात कर घटना के बारे में जानकारी ली गई, जिसका रिपोर्ट तैयार कर आयोग को उपलब्ध करायी जाएगी, जिससे घटना की जांच निष्पक्ष एवं पारदर्शी रुप से पूर्ण हो सके तथा दोषियों के विरुद्ध सुसंगत धाराओं में आवश्यक कार्यवाही की जा सके। उन्होंने कहा कि केन्द्र एवं राज्य सरकार महिलाओं के प्रति हो रही आपराधिक घटनाओं की रोकथाम हेतु अनेक योजनाएं संचालित करते हुए महिलाओं को त्वरित न्याय दिलाये जाने के लिए पूर्ण रुप से तत्पर है। पाली में हुई घटना के प्रति शासन-प्रशासन गंभीर है, जिसके फलस्वरुप उक्त मामले में आरोपियों के विरुद्ध निलंबन एवं गिरफ्तारी की गई है।