बाल विवाह पर पूरी तरह से रोक लगाने के लिये प्रशासन कटिबद्ध: डीएम
अवधनामा संवाददाता।
अयोध्या। जिलाधिकारी नितीश कुमार की अध्यक्षता में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा मिशन शक्ति अभियान फेज-4 के अन्तर्गत बाल विवाह निषेध जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया।
कार्यशाला में जिलाधिकारी ने उपस्थित अधिकारियों से बाल विवाह पर पूर्णतः रोकथाम लगाने के उद्देश्य से अपने स्तर से प्रयास करने, समाज को बाल विवाह के दुष्परिणामों के प्रति अधिक से अधिक लोगों को जागरूक करने के निर्देश दिए। उन्होने बाल विवाह से होने वाली हानियों के सम्बन्ध में लोगों को जानकारी देते हुये कहा कि बाल विवाह पर पूरी तरह से रोक लगाने के लिये प्रशासन कटिबद्ध है। बाल विवाह एक संज्ञेय अपराध है। जिलाधिकारी ने जनपद के समस्त सामूदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर प्रत्येक सप्ताह होने वाली मीटिंग्स में सम्मिलित होने वाले अधिकारियों कर्मचारियों को भी बाल विवाह के रोकथाम के बारे में जानकारी देने हेतु संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया। जिला प्रोबेशन अधिकारी, जिला कार्यक्रम अधिकारी व स्वास्थ्य विभाग को संबंधित अधिकारियों के साथ समन्वय कर प्रत्येक आंगनबाडी आशा आदि के माध्यम से कुछ ग्रामों में विगत चार-पांच वर्षों में हुए बाल विवाह की संख्या व उनके कारणों स्थितियों संबंधित डाटा एकत्रित कर बाल विवाह के कारणों का स्थायी समाधान करने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने जनपद के समस्त क्षेत्रों, गांवों के सभ्रान्त व्यक्तियों, आंगनवाडी वर्कर ,सुपरवाइजर, नगर पार्षदों एवं समाज सेवी से अपील की है कि अगर किसी को बाल विवाह की सूचना मिलती है तो प्रशासन/पुलिस को तत्काल अवगत कराये तथा संबंधित अधिकारी सूचना पर तत्काल प्रभावी कार्रवाई करने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने जिला प्रोबेशन अधिकारी को जनपद के समस्त थानों चौकियों, पंचायत कार्यालयों, बेसिक एवं माध्यमिक विद्यालयों, ए एन एम सब सेंटरों पर बालिकाओं से संबंधित योजनाओं व बाल विवाह की रोकथाम आदि संबंधी प्रचार साहित्यों/ पंपलेट अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराने के निर्देश दिए जिससे अधिक से अधिक लोग इस से जागरूक हो सके। इस दौरान मुख्य विकास अधिकारी द्वारा बताया गया कि जो बाल विवाह करवाता है व उसको बढ़ावा देता या बाल विवाह कराने में किसी प्रकार की सहायता करता है तो उस व्यक्ति को पाक्सो एक्ट के तहत दो साल की कैद और एक लाख तक का जुर्माना हो सकता है। उन्होने बताया कि बाल्यावस्था होने के कारण लड़का लड़की शादी की जिम्मेदारी उठाने में सक्षम नही होते। बाल विवाह होने से न तो लड़के और लड़की का शारीरिक व मानसिक विकास होता है और न ही परिवार की जिम्मेदारी उठा सकता है। जिला कार्यक्रम अधिकारी अयोध्या द्वारा बताया गया कि बाल विवाह का प्रचार प्रसार विभाग के तहत संचालित योजनाओं के माध्यम से किया जा रहा है। इस कार्यक्रम का संचालन जिला प्रोबेशन अधिकारी अश्वनी कुमार द्वारा किया गया, जिला प्रोबेशन अधिकारी द्वारा बताया गया कि बाल विवाह क्या है तथा इसके नुकसान एवं बाल विवाह की सूचना किसकों दे सकते है, से सम्बन्धित टोल फ्री नम्बर, सी0यू0जी0 नम्बर तथा बाल विवाह के लिये दण्ड का क्या प्रावधान है आदि से अवगत कराया। इस अवसर पर उपजिलाधिकारी मिल्कीपुर, बाल कल्याण समिति जनपद के समस्त थानों के बाल कल्याण अधिकारी, महिला शक्ति केन्द्र, वन स्टॉप सेन्टर, शिक्षा विभाग, खण्ड विकास अधिकारी गण, समस्त बाल विकास परियोजना अधिकारी, संरक्षण अधिकारी आदि लोग उपस्थित रहे।