अवधनामा संवाददाता
जनपद में पेयजल की समस्याओं दिया जाए विशेष ध्यान
योजना के अंतर्गत सभी विभाग अपनी कार्ययोजना शीघ्र ही नोडल विभाग को करायें उपलब्ध
आपदा के समय संसाधनों की कमी को दूर करने हेतु आवश्यक तैयारियां पूर्ण की जाएं
ललितपुर। जिलाधिकारी आलोक सिंह की अध्यक्षता में हीटवेब, सूखा, बाढ़ प्रबंधन योजना के सम्बंध में महत्वपूर्ण बैठक कलैक्ट्रेट सभागार में आयोजित की गई। बैठक में अपर जिलाधिकारी ने बताया कि आपदा ऐसी घटना है जो या तो मानव निर्मित अथवा प्राकृतिक, अचानक अथवा धीरे-धीरे होती है तथा जिससे व्यक्ति, वस्तु और वातावरण को बड़ा नुकसान पहुंचता है एवं जिसका सामना करना प्रभावित क्षेत्र के समुदाय की क्षमता एवं उपलब्ध संसाधनों के परे हैं। उत्तर प्रदेश प्राय: विभिन्न प्रकार की आपदाओं से प्रभावित रहा है, इस राज्य का कुछ हिस्सा बाढ़ से तो कुछ हिस्सा सूखाग्रस्त हो जाता है। ओलावृष्टि एवं अतिवृष्टि की घटनाओं से फसल क्षतिग्रस्त होने के कारण किसान गंभीर रुप से प्रभावित होता है तो कभी भूकंप के झटकों से पूरा प्रदेश हिल जाता है। उन्होंने बताया कि प्राकृतिक घटनाओं को प्राय: घटित होने से रोका नहीं जा सकता, परन्तु कुशल प्रबंधन, पूर्व तैयारी तथा आमजनमानस के बीच आपदाओं से निपटने के लिए क्या करें, क्या न करें का व्यापक प्रचार-प्रसार होने से जनधन की हानि को कम किया जा सकता है। प्रदेश में आपदा के कारण होने वाली जनहानियों को कम करने हेतु उत्तर प्रदेश सरकार निरंतर प्रयासरत है। इसी उद्देश्य के साथ प्रदेश के मा0 मुख्यमंत्री जी की अध्यक्षता में उत्तर प्रदेश राज्य आपदा प्रबंध प्राधिकरण प्रदेश की जनता को आपदा से बचाव हेतु जागरुक बनाने एवं राहत पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके दृष्टिगत उत्तर प्रदेश राज्य आपदा प्रबंध प्राधिकरण द्वारा आपदा पूर्व तैयारी एवं व्यापक स्तर पर जनजागरुकता हेतु आपदाओं के दौरान क्या करें, क्या न करें के उपायों की जानकारी प्रचार-प्रसार एवं आपदा से पूर्व प्रशासन द्वारा उपलब्ध संसाधनों को और अधिक मजबूत बनाने का कार्य किया जा रहा है, जिससे आपदा के समय जनपदवासियों को किसी भी प्रकार की संसाधनों की कमी का सामना न करना पड़े। बैठक में आपदा प्रबंधन विशेषज्ञ ने बताया कि जनपद में हीटवेब, सूखा एवं बाढ़ जैसी आपदाओं पर नियंत्रण पाने हेतु इस योजना के अंतर्गत विभिन्न माध्यमों से प्रचार-प्रसार के द्वारा जनपदवासियों को लू, सूखा एवं बाढ़ के प्रभाव की जानकारी प्रदान करते हुए उसके बचाव से सम्बंधित उपायों को जनपदवासियों तक पहुंचाया जाना है। इस कार्य में सम्बंधित विभागों का सहयोग एवं सामन्जस्य अति आवश्यक है। योजना के अंतर्गत संलग्न सभी विभाग अपने दायित्वों से सम्बंधित कार्ययोजना शीघ्र ही आपदा प्रबंधन कार्यालय को उपलब्ध करा दें। इसके साथ ही लू, सूखा एवं बाढ़ जैसी स्थिति में जिन संसाधनों की उपलब्धता में कमी पायी जाती है, उनका चिन्हांकन कर रिपोर्ट भी उपलब्ध करायें, जिससे उक्त संसाधनों की पूर्ति हेतु अभी से सभी तैयारियां पूर्ण कर ली जाएं। बैठक में जिलाधिकारी ने सम्बंधित विभागों को निर्देशित करते हुए कहा कि आपदा प्रबंधन की तैयारी हेतु सभी सम्बंधित विभाग अपने विभाग से सम्बंधित कार्ययोजना शीघ्र ही आपदा प्रबंधन कार्यालय में उपलब्ध करा दें। इसके साथ ही ब्लॉक स्तर पर आशा, ए0एन0एम0 व आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के आपदा के समय किये जाने वाले बचाव कार्यों से सम्बंधित प्रशिक्षण भी आयोजित करा लिये जाएं। तालाबों की साफ-सफाई का कार्य मनरेगा द्वारा रोस्टर तैयार कर कराया जाए। बाढ़ के सम्बंध में बाढ़ से सम्बंधित कारणों का चिन्हांकन कर अभी से आवश्यक तैयारियां पूर्ण कर ली जाए, जिससे आपातकालीन स्थिति में किसी भी प्रकार के संसाधनों की कमी न रहे। उन्होंने कहा कि जिन स्थानों पर पेयजल एवं विद्युति आपूर्ति सम्बंधी अधिक शिकायतें प्राप्त हो रही हैं, उन पर विशेष ध्यान दिया जाए। बाढ़ की स्थिति पर नियंत्रण पाने हेतु जनपद में स्थापित बांधों के पानी को समय-समय पर आवश्यकतानुरुप वरिष्ठ अधिकारियों की निगरानी में छोड़ा जाए। पीने के पानी की उपलब्धता एवं गर्मी के मौसम में स्वास्थ्य सम्बंधी दिशा-निर्देशों पर भी अधिकारी विशेष ध्यान देते हुए अपने दायित्वों की पूर्ति करें, जिससे जनपदवासियों को लू/हीटवेब जैसी समस्याओं से छुटकारा मिल सके। बैठक में सीडीओ अनिल कुमार पाण्डेय, एडीएम वि./रा.गुलशन कुमार, एसडीएम सदर मो.आवेश, एसडीएम पाली डा.संतोष कुमार उपाध्याय, एसडीएम तालबेहट अमित कुमार भारतीय, डीआईओएस रामशंकर, डीडी कृषि संतोष कुमार सविता, जिला कृषि अधिकारी, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी, अधि0अभि0 जल संस्थान संजीव कुमार, प्र. अधि.अभि.दिनेश कुमार, डीएसओ नीरज सिंह, आपदा प्रबंधन विशेषज्ञ आरती सिंह सहित अन्य सम्बंधित अधिकारी एवं कर्मचारी मौजूद रहे।
Also read