एस.एन.वर्मा
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अवधनामा संवाददाता
इस समय यूपी में आज़म के चाहने वालो का ग्राफ बढ़त की ओर है। भाजपा समाजवादी पार्टी पर आरोप लगाती रही है कि उसके शासन में गुन्डा और माफिया उसके चहेते बने फिरते है और हर तरह का जुल्म करते है। समाजवादी पार्टी के नेता आज़म खां समाजवादी पार्टी के टाप स्तर के नेताओं में आते है। इसके अलावा मुस्लिम समाज के सबसे असरदार नेताओं में आते है। साथ ही यूपी के कद्दावर नेताओं भी आते है। समाजवादी पार्टी के मुस्लिम यादव गठजोड़ को श्रेय आज़म को ही जाता है। आज़म 81 केसों का सामना कर रहे है और दो साल से जेल में है। एक केस छोड़ कर बाकी केस में उन्हें बेल मिली हुई है। डेढ़ साल से उनका केस जहां पर है बही अटका हुआ है। आज़म अखिलेश के प्रिय चाचा हुआ करते थे। जिस साल अखिलेश ने अपनी सरकार बनाई थी, उस साल अखिलेश ने पार्टी के प्रचार के लिये अथक दौरा पूरे प्रदेश का किया था। सरकार बनने का श्रेय उनके गहन दौरों को दिया जाता है। तब विरोधी पार्टियां अभी अपना उम्मीदवार तय नहीं कर पायी थी तब तक अखिलेश आधा यूपी छान चुके थे। उस समय प्रचार पर निकलने से पहले चाचा शिवपाल ने पांच लाख रूपये दिये थे तब आजम ने उन्हें पार्टी का झन्डा दिया था। यह रिश्ता था अखिलेश और आजम का, पर आज़म दो साल से जेल में है सिर्फ एक बार अखिलेश उनसे मिलने गये थे। आज़म को अखिलेश से आशायें थी कि उनके केस मे अखिलेश अपना जोर लगायेगे। पर अखिलेश ने इस तरफ कुछ ध्यान नहीं दिया।
आज़म को इसका गहरा दुख है। मुसलमानों का समाजवादी पार्टी से अपेक्षा अनुकूल किरदार न दिये जाने को लेकर असन्तोष है और कुछ मन्थन चल रहा है। अखिलेश ने हालाकि मुलायम सिंह सहित उनके साथ के सीनियर नेताओं के अलग थलग कर रक्खा है। पर अब उन्हें महसूस हुआ कि आज़म की उपेक्षा उनके हित में नहीं है। उन्होंने शान्ती के प्रतीक में सम्बन्धों को सुधारने के लिये अपना दूत जेल में आज़म से मिलने के लिये भेजा। पर आज़म ने मिलने से इनकार कर दिया। हालाकिं दूत का कहना है कि आज़म की तबियत ठीक नहीं है इसलिये नहीं मिल पाये।
भाजपा तो हमेशा से समाजवादी पार्टी के खिलाफ रही है। हाल के विधानसभा चुनाव के समय समाजवादी पार्टी पर गहन आरोप लगाये। अमित शाह ने कहा था अगर समाजवादी पार्टी आयी तो सभी गुन्डे, बदमाश, माफिया, जमीन हड़पने वाले जेल से बाहर आ जायेगे। पर अब मुसलमानों में अपनी पैठ बनाने के लिये जोर लगा रही है। यूपी में चूकि समाजवादी पार्टी से मुसलमानों का मोह भंग हो रहा है तो यूपी की सभी पार्टियों मुसलमानों को अपनी पक्ष में करने की तैयारी में निकल पड़ी है। इसके लिये अगर आज़म का साथ मिल जाये तो फिर कहना क्या है।
इसीलिये यूपी के हर पार्टी के लोग आज़म से सम्पर्क करने के फिराक में है। कुछ अरसा पहले जैयन्त चौधरी आज़म से मिले थे। लगा समाजवादी पार्टी से अब बात बन रही है। पर ऐसा कुछ नहीं हुआ आज़म के मीडिया प्रभारी ने अखिलेश पर आरोप लगाया कि वह मुसलमानों के लिये कुछ भी नहीं कर रहे है। वह न तो आज़म से मिलने आये न उनके केस को आगे बढ़वाने में कुछ कर रहे है, न तो उन्हें जेल से बाहर निकलवाने के लिये कुछ कर रहे है।
इस बीच भाजपा ने रामपुर में सम्भावनायें तलाशनी शुरू कर दी है, योगी भी अपने भाषणों में नरम पड़े है। शिवपाल अपनी पार्टी के लिये सम्भावनायें तलाशने मंे लगे है, आज़म से मिल भी चुके है और अखिलेश की आलोचना भी की है। कांग्रेस के एक दिग्गज भी आज़म से मिल आये है। उनका कहना है कि हम उनके परिवार के शुभचिन्तक है उनके सेहत का हाल चाल लेने गये थे। उन्होंने आज़म को गीता भेट की आज़म ने उन्हें खजूर दिया। बहराइच कैसरगढ़ के भाजपा नेत ने कहा आज़म मास लीडर है। अगर उन्हें मौका दिया गया तो वे उनसे जेल में मुलाकात करेगे। उनसे मिलने में कोई बुराई नहीं है। बीएसपी ने कहा जो कुछ हो रहा है उस पर हमारी करीबी नज़र है। यानी हर पार्टी अपने-अपने मौके की तलाश में है।
इस तरह देखने में आ रहा है आज़म के चाहने वालो की गिनती बढ़त की ओर है। आज़म ने अभी अपने पत्ते नहीं खोले है। राजनीति के चतुर खिलाड़ी है। हानि लाभ का गुणाभाग कर रहे होगे कि किस तरफ हाथ बढाया जाये। मुसलमानो के समीकरण को लेकर दिलचस्प नजारे यूपी में देखने को मिल सकते है।