अवधनामा संवाददाता
एस.एन.वर्मा
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2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर सभी पार्टियां तैयारी में जुट रही है। इसी तैयारी को लेकर कांग्रेस उदयपुर में 13-15 की अवधि के बीच चिन्तन शिविर करने जा रही है। कांग्रेस हाल में हुये चुनावोें में अपने उपलब्धियों के लेकर चिन्तित रही है। दल के अन्दर आपसी कलह, दोषारोपण नेतृत्व को लेकर असन्तोष सभी कुछ खदबढाता रहा है। जादा मुखर जी 23 के सदस्य रहे जिनके खिलाफ कांग्रेस के अन्दर भी बहुत कुछ कहा गया। इस शिविर के पहले भी इसी तरह की बैठके हुई पर सामान्य बातो के अलावा कोई न तो असरदार नतीजा निकला न असरदार कदम उठाया गया। चिन्तन शिविर शुरू होने के पहले पार्टी में चुनाव रणनीतिकार प्रशान्त किशोर को लेकर पहले से ही चर्चा शुरू हो गई है। कुछ का मत है प्रशान्त कांग्र्रेस में शामिल हो रहे है। कुछ का कहना है कि अभी कुछ तय नहीं है, सब चिन्तन शिविर मे तय होगा।
चिन्तन शिविर के सुचारू रूप से संचालन के लिये कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कुछ निश्चित रूप रेखा तय की जिसके अन्तरगत चिन्तन होगा और उनसे निकले निष्कर्षो के आधार पर आगे की कार्यवाही बढ़ेगी। सोनिया जी ने छह ऐक्शन गु्रप बनाये है। ये ग्रुप है राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक, कृषि किसान, संगठन और युवा सशक्तीकरण। सभी समूहों को विशेषाधिकार दिया गया है। गौर करने की बात यह है कि जिन गु्रप जी-23 गु्रप के सदस्यों को असन्तुष्ट गु्रप कहा जाता है और पार्टी में जिनका मुखरविरोध भी हुआ है वे भी इन समूहो में शामिल है। चिन्तन शिविर को असरदार बनाने के लिये इसका आकार बढ़ाया गया है। सीनियर नेता, पार्टी के पदाधिकारी 400 सक्रिय कार्यकर्ता इसमें सहभागी होगे। आकार और सक्रियता के लिहाज से चिन्तन शिवर से छनकर जो विचार निकलेगे उससे कांग्रेस का भविष्य तय होगा। अगर इस लोकसभा चुनाव में प्रदर्शन प्रभावकारी और आशानुकूल नहीं हुआ तो शायद कांग्रेस फिर भविष्य में लम्बे अर्से तक हाशिये पर ही लटकती रहेगी। शिविर से पहले यह चर्चा है कि क्या प्रशान्त किशोर भी इस शिविर में शामिल होगे। यह भी प्रश्न हवा में है कि क्या प्रशान्त कांग्रेस में शामिल होगे। आम कांग्रेसी प्रशान्त को लेकर सहज नहीं है। वे प्रशान्त को पार्टी में नहीं चाहते है। उनको डर है कि प्रशान्त अगर पार्टी मे आयेगे तो स्थापित नेताओं के लिये खतरा बन जायेगे। वैसे प्रशान्त कांग्रेस में आना चाहते है। प्रशान्त एक कम्पनी की तरह रणनीतिक गतिविधियां चला रहे है। कई राज्यों में सलाहकार रह चुके है और अब भी है। उनकी कम्पनी कर्नाटक में भी रणनीति बना रही है जो कांग्रेस की विरोधी पार्टी है। कम्पनी में तो जो भी ग्राहक आयेगा उसे सेवा मिलेगी और कम्पनी को सेवा के बदले दाम मिलेगा। थोड़ा विषय से चर्चा हट गयी है पर प्रशान्त पर टिप्पणी ज़रूरी थी।
शिविर में जो छह ऐक्शन गु्रप बनाये गये है उनके मन्थन से जो नतीजा निकलेगा उसी के आधार पर कांग्रेस की आगामी रणनीति बनेगी। चिन्तन शिविर के आयोजन की घोषणा से पहले सोनिया गांधी प्रशान्त किशोर द्वारा दिये गये सुझावों पर बनी पार्टी की रिपोर्ट पर सोनिया जी ने सीनियर नेताओं के साथ तीन घन्टे तक बैठक कर चर्चा की थी। इस बैठक में प्रियंका गांधी, अम्बिका सोनी, पी चिदम्बरम, मुकुल वासनिक, केसी वेणुगोपाल द्विगविजय सिंह और कुछ दूसरे नेता भी शरीक थे।
उदयपुर मे होने वाले कांग्रेस सम्मेलन का नाम नव संकल्प चिन्तन शिविर दिया गया है। शिविर की सार्थकता तभी है जब इसमें प्रभावी और व्योहारिक चिन्तन उभरे कर बाहर आये जिसके अमल से पार्टी में नई शक्ति आये और पार्टी आगे बढे कांग्रेस ने जिस चमक को खो दिया है उस चमक की ओर बढ़ती कांग्रेस दिखे तभी इसी चिन्तन की सार्थकता है। कांग्रेस खासकर सोनिया, राहुल, प्रियंका को इसकी खासी ज़रूरत है। पार्टी के प्रवक्ता रणदीप, सुरजे वाला ने कहा संगठन मजबूत करने के साथ-साथ होेने वाली लोकसभा चुनाव में पार्टी जिस रणनीति पर चलेगी इस पर शिविर में मन्थन किया जायेगा। सुरजेवाला से प्रशान्त को पार्टी में शामिल करने के बारे पूछा गया तो उनका जवाब है जब यह कार्य समूह बन जायेगा। प्रशान्त ने खुद घोषणा कर दी है वह कांग्रेस में नहीं जा रहे है। तब इस बारे में बताया जायेगा इसमें कौन कौन शामिल है और किसकी क्या भूमिका है।