अवधनामा संवाददाता
मसौली बाराबंकी। थाना क्षेत्र के ग्राम देवकहापुरवा में बीती रात्रि देवर एव भाभी ने ट्रेन से कटकर जीवनलीला समाप्त कर ली। भोर रेलवे लाइन के किनारे शौच के लिए गये ग्रामीणों ने युवक एव युवती के क्षत विक्षत शव को देख पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची रेलवे एव मसौली पुलिस ने शवों को कब्जे में लेते हुए पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। आत्महत्या का कारण देवर भाभी के इश्क का बताया जा रहा है।
गुरुवार की भोर थाना क्षेत्र के ग्राम देवकहा पुरवा में उस समय हडकम्प मच गया जब लोग शौच के लिए रेलवे लाइन के किनारे गये ग्रामीणों ने देखा कि दोनों पटरियों के बीच एक युवक एव युवती का क्षत विक्षत शव पड़ा है पुलिस को सूचना देने पर पहुँचे चौकी प्रभारी त्रिलोकपुर कन्हैया पांडेय एव जीआरपी बुढ़वल के उपनिरीक्षक रामदेव मिश्रा ने दोनों शवों को कब्जे में लेते हुए आसपास छानबीन की तो थोड़ी दूर पर मिले आधार कार्ड के अनुसार मृतक नरेंद्र पुत्र देवीशरण एव मृतका शिखा पत्नी ललित के रूप में हुई जो सगे देवर भाभी है। मिली जानकारी के अनुसार देवकहापुरवा निवासी ललित कुमार पुत्र देवीशरण का विवाह 7 वर्ष पूर्व बदोसराय थाना क्षेत्र के ग्राम कसरैला निवासी राम कैलाश की पुत्री शिखा के साथ हुआ था। शादी के कुछ समय बाद ही देवीशरण की मौत हो गई और ललित व शिखा के बीच अनबन के कारण मामला कोर्ट में चला गया और शिखा अपने मायके में रहने लगी।
पिछले वर्ष फरवरी में परिवार परामर्श में हुए समझौते के बाद दोनों एक साथ रहने को राजी होकर दोनों पति पत्नी रहने लगे। दोनों के एक साथ रहने के बाद भी कोई संतान न होने पर शिखा का रुझान देवर नरेंद्र की ओर हो गया। जिसकी भनक कही न कही परिवारीजनों के कानों तक पहुँचने पर बीती रात्रि एक साथ रह न सकने पर एक साथ मरने की कसम खाकर ट्रेन के आगे कूदकर जीवनलीला समाप्त कर ली। पुलिस ने शवों का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। सात वर्ष पूर्व बहु की ख्वाहिश में जिस माँ ने सपना देखा था कि आँगन में बहु के आने पर पोते की चिलकारियाँ निकलेगी वह सपना बूढ़ी माँ का साकार न हो सका। बड़े बेटे ललित की शादी के दो माह बाद ही विधवा हुई माँ को बहु ने दिल को शुकुन नहीं दिया और मायके जाकर पति से सहित बूढ़ी माँ को भी दहेज उत्पीड़न में कोर्ट के चक्कर लगाने को मजबूर कर दिया। करीब 5 साल चले मुकदमे के बीच वर्ष 2021 के फरवरी माह में पुनः बहु शिखा ससुराल आयी परन्तु बूढ़ी माँ को यह बिल्कुल यकीन नही था कि इस बार बहु के चक्कर में जवान बेटा भी मौत के आगोश में चला गया। जवान बेटे की मौत से बूढ़ी माँ का रो रोकर बुरा हाल है।
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