हमीरपुर खंड संख्या 30/2, 26/5 व 20/1 में नियमों की उड़ाई जा रही हैं धज्जियां। 

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खनन माफियाओं पर नही बाबा बुलडोजर का कोई डर।

अवधनामा संवाददाता हिफजुर्रहमान

हमीरपुर : जनपद हमीरपुर में  इन दिनों लगातार ओवरलोड ट्रको की निकासी बता रही है कि हमीरपुर मे खनन माफियाओ के हौंसले कितने बुलंद हैं। खनिज विभाग की चुप्पी भी इसी ओर इशारा कर रही है। बताते चलें कि  समाजवादी पार्टी शासन काल मे हुए अवैध खनन की अभी भी सी बी आई जांच चल रही है। 900 करोड़ से अधिक के अवैध खनन के मामले में कई सफेद पोशों को अभियुक्त बनाया गया है। कई आई. ए. एस. भी इस जांच के दायरे में हैं। बावाजूद  इसके जिले में अभी भी खनन माफिया प्रशासन की आंखों में धूल झोंककर  नदीयों का अस्तित्व बिगाड़ने में लगे हैं और जिला प्रशासन शिकायतों में कार्यवाही कर अपना पल्ला झाड़ लेता है।
उत्तर प्रदेश की दुबारा कमांन संभालने वाले मुख्य मन्त्री जो पहले से ज्यादा सख्त तैवर के साथ माफियाओं पर बुलडोजर चला रहें जिस की जद मे बड़े बड़े अधिकारी की भी आ रहे हैं लेकिन जनपद हमीरपुर में खनिज विभाग की शह पर अवैध खनन का कारो बार इस कदर फल फूल रहा है मानों इस जिले पल मुख्यमंत्री का कोई डर खौफ ही न हो।
खनन माफिया बालू व मौरंग के अवैध खनन का धड़ल्ले से कर रहे है कारोबार। खनन माफिया पट्टे की आड़ में प्रतिबंधित भारी मशीनों  का प्रयोग करके नियम और कानून की खुलेआम धज्जिया उड़ा रहे हैं। इतना ही नहीं यह माफिया खनिज अधिकारी से सांठ -गांठ कर सेटिंग-गेटिंग नमस्ते की तर्ज पर सरकार को हर दिन लाखों का चूना  लगा रहे हैं। इसके अतिरिक्त यह खनन  किसानों की जमीनों में भी जबरन कब्ज़ा करके, खनन पट्टे से अतिरिक्त  खनन करते रहते हैं।अगर किसान अवाज उठाते हैं तो दबंगई व गुंडई के दम पर किसानों को डरानें का काम भी करते हैं। खनन माफियाओं के हौसले व दादागिरी इतनी ज्यादा है कि सच्चाई लिखने व दिखाने वाले पत्र कारो को भी यह खनन माफिया धमकानें का काम करते हैं।
मौरंग खनन में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के नियम कहते हैं कि तीन मीटर से अधिक गहराई पर खनन नहीं किया जा सकता। लेकिन हमीरपुर की नदियों में इस नियम को ताक पर रखकर जमकर धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।यहां 20-30  मीटर गहरान तक खुदाई कर निकाली जा रही है मौरंग।
नियम कहते हैं  जर धारा को रोक कर तथा रात के अंधेरे में  खनन नहीं किया जाना चाहिए मगर हमीरपुर जनपद की गाटा संख्या 10/33 बेरी जो में0 न्यू प्रवीरा इन्फ्राहाईट के नाम पट्टा है 30/2  भुल्सी तहसील मौदहा तथा 20/1 टीकापुर मौदहा तहसील की इन दोनों खदानों का पट्टा श्री आनन्द कुमार गुप्ता के नाम है इसी तरह खंड संख्या 26/5 चन्द वारी घुरौली तहसील सरीला का पट्टा में0 एलपाइन रिसोर्स नमस्ते एल0 एल0 पी के आम है लेकिन इन के संचालक कोई और हैं इसीलिए यहाँ अनियमितताएं अधिक हैं।
उपर्युक्त खदान संख्याओं में वह सब किया जा रहा है जो नियम कानून के खिलाफ है।  पट्टा धारकों नें संचालन हेतु ऐसे खनन माफियाओं को दे दी हैं जो दमंगई के दम पर खदानों में प्रतिबंधित मशीनों का प्रयोग कर  खुलेआम अवैध खनन कर रहें हैं। पोकलैंड जेसेबी  जैसी भारी-भरकम मशीनों से नदी के बहाओ को रोक कर बीस से तीस मीटर गहराई से मौरंग निकाल कर पर्यावरण को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। अधिक गहराई से खनन होने से भूखंडों में पानी निकल आया है और मशीनों के खनन से जलजीव मर रहे हैं।उपर्युक्त खदानों के पट्टाधारक स्वयं खदानें न चला कर माफियाओं से संचालित करवा रहे हैं जो लोग दिन रात मनमानी कर अवैध खनन करते हैं। इन खदानों में रेवुनू स्लिप से लेकर ओवरलोडिगं में किया जा रहा है भारी खेल। स्लिम तो कटती है एक जिस को आम भाषा मे रवन्ना या रवानगी कहते है लेकिन ट्रक निकाले जातें हैं सैकड़ों।जिस से सरकार को हर दिन लाखों का नुकसान हो रहा है क्योंकि सरकार के खाते में उतनी ही रकम जाती जितनी रेवन्यूस्लिप काटी जाती हैं बाकी रकम खनिज विभाग व खनन माफियाओं की जेब में जाती है।
खनिज अधिकारी की मिली भगत से अवैध खनन व सरकारी राजस्व की भारी चोरी का यह खेल दिन रात जारी है। अवैध खनन व ओवरलोड वाहनों के चलनें से गांव वालों को भारी परेशानी हो रही है।   ओवरलोड वाहन निकलने से गांवों के अवागमन के रास्ते बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं।  भारी वाहनों से सड़क पूरी तरह से जर्जर हो गई हैं वाहनों के धूल व गुबार से क्षेत्र में बीमारी फैलनें का भी डर सता रहा है।  सैकड़ों की संख्या में चल रहे ओवरलोड ट्रकों से वातावरण भी प्रदूषित हो रहा है।

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