कुश्ती की ताल से वर्ष गूंज रहा चड़ई गांव का अखाड़ा

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The year is echoing with the beat of wrestling, the arena of Chadai village

अवधनामा संवाददाता

आजमगढ़ (Azamgarh)। नाग पंचमी के अवसर पर प्राचीन समय से चली आ रही परंपरा जो कि ग्रामीण क्षेत्रों से जुड़ी हुई हैं नाग पंचमी के दिन नाग देवता की दूध और लावा चढ़ाकर पूजा करने के बाद ग्रामीण क्षेत्र से जुड़े खेल कुश्ती, कबड्डी, दौड़ तथा अन्य खेलों को खेलने के लिए ग्रामीण एकत्र होकर बाग बगीचे तथा निर्धारित स्थानों पर पहुंचकर एक साथ जश्न मनाते हैं। किंतु आधुनिकता के दौर में यहां पर यह चीजें बस परंपरागत स्वरूप बची हैं जबकि ग्राम सभा चढ़ई में कुश्ती, कबड्डी, दौड़ तथा अन्य खेलों का संचालन राष्ट्रीय पहलवान अमरजीत यादव की देखरेख में युवा पीढ़ी को खेल से जोड़ने तथा अनुशासित बनाए रखने के लिए स्वर्गीय खरपतू पहलवान जय बजरंग अखाड़ा चढ़ाई पर पूरे वर्ष चलता रहता है, गुरु जी स्वर्गीय खरपत्तू जी के मार्गदर्शन में कुश्ती के बल पर इस क्षेत्र सैकड़ों की संख्या में युवा देश की सेवा में लगे हुए हैं अब इस विधा को कायम रखने तथा आगे बढ़ाने में रामदयाल यादव,  इंद्राज यादव, प्रकाश चंद राजभर, रामअवध, डॉक्टर हरिराम यादव तथा अरविंद कुमार के साथ-साथ क्षेत्र के अन्य सम्मानित क्षेत्रवासियों का भरपूर योगदान और सहयोग दे रहे है पहलवान अमरजीत यादव का मानना है कि क्षेत्र में छोटी बड़ी प्रतियोगिताओं के होते रहने से क्षेत्र के युवाओं का झुकाव खेल से जुड़ा रहता है, जिससे क्षेत्रीय युवा अनुशासित रहते हैं और क्षेत्र का विकास होता है।
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