अवधनामा संवाददाता
बसपा राष्ट्रीय महासचिव सतीश मिश्रा ने लगायी रामलला के दरबार में हाजिरी, हनुमानगढ़ी में टेका माथा
अयोध्या(Ayodhya)। विधानसभा चुनाव के नजदीक आते ही सभी राजनीतिक दलों ने जनता में अपनी पैठ जमाने के लिये वोटों के तुष्टीकरण में जुट गयी है, जिसका आगाज बहुजन समाज पार्टी ने अयोध्या में ब्राह्मण सम्मेलन के जरिये दिया है। विधानसभा चुनाव के ठीक पहले रामनगरी बहुजन समाज पार्टी की ओर से आयोजित ब्राह्मण सम्मेलन की अगुवायी कर रहे बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा कि भगवान राम किसी एक नहीं है बल्कि वह आस्था के प्रतीक है, हम सभी उनकी नित्य सुबह पूजा करते हैं। उन्होंने कहा कि यदि भारतीय जनता पार्टी यह सोचती है कि भगवान राम केवल उनके हैं, तो वह उनकी भूल है। उन्होंने कहा कि बसपा ने हमेशा से ही उपेक्षित व पीडि़त ब्राह्मणों की मदद के लिये आगे आई है, उनके हक के लिये हमेशा लड़ेगी। विधानसभा चुनाव में गठबंधन को लेकर चल रही चर्चाओं पर सतीश मिश्रा ने विराम लगा दिया है, उन्होंने साफ कर दिया है कि आने वाले विधानसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी किसी भी पार्टी से गठबंधन नहीं करेगी बल्कि अकेले दम पर पूरे उत्तर प्रदेश में चुनाव लड़ेगी। उन्होंने कहा कि हमने पहले भी अकेले दम पर उत्तर प्रदेश में सरकार बनायी है और जनहित के लिये काम भी किया है।
रामलला के दरबार में भी टेका माथा
ब्राह्मण प्रबुद्ध सम्मेलन में शिकरत करने से पहले बसपा के राष्ट्रीय महासचिव ने श्रीरामजन्मभूमि परिसर में विराजमान रामलला के दरबार में हाजिरी लगायी और उनका आशीर्वाद लिया, इसके बाद वह सीधे हनुमानगढ़ी पहुंचे, जहां उन्होंने बजरंगबली के दरबार में माथा टेका। इतना ही नहीं उन्होंने अयोध्या के सरयू घाट पर पहुंचकर पतित पावनी मां सलिला सरयू में आचमन कर उनका सवा कुंटल दूध से दुग्धाभिषेक किया।
ब्राह्मण सम्मेलन का शुरू हुआ विरोध
अयोध्या में हुये बसपा के ब्राह्मण प्रबुद्ध सम्मेलन का विरोध भी शुरू हो गया है। ब्राह्मण सम्मेलन में शिकरत करते पहुंची बस्ती जनपद की बबिता शुक्ला ने बहुजन समाज पार्टी दलगत राजनीति का कड़े स्वर में विरोध किया है। उन्होंने कहा कि अपने आप को ब्राह्मण हितैषी बताने वाली बसपा सुप्रीमो मायावती को चुनाव के समय ही ब्राह्मणों की याद क्यों आयी है, बिकरू कांड के आरोपी विकास दूबे की पत्नी खुशी दूबे जो पिछले कई महीनों से जेल में बंद है उनके प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करने का अब समय मिला है, इससे पहले सतीश चंद्र मिश्रा कहां थे? उन्होंने कहा कि मैं बसपा को उसके मंसूबों में कामयाब नहीं होने दूंगी।
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