अवधनामा संवाददाता
8112 टीबी रोगियों में 75 फीसदी रोगियों का अपलोड हो चुका है डेटा
देवरिया(Devariya) क्षय रोगियों की खोज के लिए घर घर दस्तक अभियान शुरू हो गया है। इस बार मरीजों की खोज के साथ-साथ उनकी जियो टैगिंग भी की जा रही है। इसके लिए टीबी मरीजों के घर जाकर उनकी लोकेशन राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत निक्षय पोर्टल पर अपलोड की जा रही है। जिले में कुल 8112 टीबी मरीज हैं, जिनकी जियो टैगिंग की जा रही है। विभागीय लोगों का कहना है कि अब तक करीब 75 फीसदी डेटा अपलोड किया जा चुका है।जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. बी झा ने बताया जियो टैगिग ऐसी भौगोलिक जानकारी है, जो फोटो, नक्शे और वीडियो के माध्यम से दर्शाई जाती है। यह डेटा मरीज के संपर्क में रहने में बहुत मददगार साबित होता है। स्वास्थ्य कर्मियों को इसके बारे में प्रशिक्षित किया जा चुका है। जियो टैगिग के माध्यम से यह पता लगाया जाएगा कि किस क्षेत्र या गांव में क्षय रोगियों की कितनी सघनता है, ताकि किसी भी अभियान के दौरान उस क्षेत्र में विशेष फोकस किया जा सके। क्षय रोगियों की खोज के लिए 33 सुपरवाइजर सहित आशा कार्यकर्ता लगाई गईं हैं। लगातार क्षय रोगियों की जानकारी पोर्टल पर अपलोड हो रही है। जिला स्तर सुपरवाइजरों द्वारा अभियान की लगातार मानीटरिग की जा रही है,और सूचना अधिकारियों तक भेजी जा रही है। अभियान की समाप्ति तक सभी की लोकेशन अपलोड कर दी जाएगी। क्षय रोगियों की खोज के लिए 12 जुलाई से 25 जुलाई तक दस्तक अभियान के अंतर्गत आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घर-घर जाकर क्षय रोगियों की खोज कर रही हैं।
आरोग्य साथी एप पर मिलेगी टीबी से जुड़ी जानकारी
क्षय रोग कार्यक्रम के जिला समन्वयक देवेंद्र सिंह का कहना है कि मरीजों के लिए आरोग्य साथी एप विकसित किया गया है। यह एक ऐसा प्लेटफार्म होगा जिस पर टीबी से जुड़ी हर जानकारी प्राप्त होगी। टीबी का मरीज यूजर आईडी का प्रयोग कर इस एप का इस्तेमाल कर सकेंगे। यही नहीं इसके जरिए क्षय रोगी अपने इलाज से लेकर निक्षय पोषण योजना के तहत सरकार से मिलने वाली धनराशि की जानकारी प्राप्त कर सकेंगे । जो भी पंजीकृत रोगी होंगे उनके लिए यह एप एक पोर्टल की तरह कार्य करेगा। यही नहीं टीबी परीक्षण, उपचार विवरण, विभिन्न प्रोत्साहन योजनाओं के तहत देय राशि का विवरण, स्वास्थ्य प्रदाता तक पहुंचने और उपचार या किसी भी जानकारी के लिए अनुरोध भी एप पर किया जा सकता है। टीबी की जांच, उपचार की नजदीकी सुविधा, बीमारी के जोखिम का आंकलन करने के लिए स्क्रीनिग टूल, पोषण संबंधी सहायता और परामर्श भी प्राप्त किया जा सकता है।
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