अवधनामा संवाददाता
प्रयागराज (Prayagraj)। उत्तर मध्य रेलवे में 22 जनवरी को कोविड-19 के टीकाकरण कार्यक्रम शुरू किया गया था। वी.के. त्रिपाठी महाप्रबंधक उत्तर मध्य रेलवे के मार्गदर्शन में और भारत सरकार द्वारा जारी किए गए कोविड-19 दिशानिर्देशों के अनुसार मुख्यालय और तीन मंडलों सहित पूरे उत्तर मध्य रेलवे में यह कार्यक्रम प्रगति पर है। इस राष्ट्रव्यापी अभियान में केंद्रीय चिकित्सालय, उत्तर मध्य रेलवे, प्रयागराज सहित मंडलीय और उपमंडलीय चिकित्सालय सक्रिय रूप से भाग ले रहे हैं। ये रेलवे टीकाकरण केंद्र रेलवे कर्मचारियों और उनके परिवार के सदस्यों के अलावा गैर-रेलवे सामान्य जन को भी टीकाकरण संबंधी सेवा दे रहे हैं।
उत्तर मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी ने बताया कि रेल के फ्रंटलाइन कोरोना योद्धाओं चिकित्सा और पैरामेडिकल स्टाफ, सुरक्षा कर्मियों और अन्य विभागों के ट्रेनों के संचालन और आम जनता से सीधे संपर्क में आने वाले फ्रंटलाइन स्टाफ के टीकाकरण के साथ यह प्रक्रिया शुरू हुई थी। अब तक 90 प्रतिशत से अधिक चिकित्सा और आरपीएफ कर्मचारियों को संपूर्ण टीके की दो डोज लगाई जा चुकी है, जबकि इनमें से लगभग 99 प्रतिशत कर्मचारियों को टीके की कम से कम एक खुराक दे दी गई है। टीकाकरण अभियान के दूसरे चरण में 01 अप्रैल, 2021 से 45 वर्ष से अधिक आयु के कर्मचारियों लगाया जाने लगा। अब तक 45 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के कर्मचारियों में से लगभग 80 प्रतिशत को इस टीके की पहली खुराक दी जा चुकी है। अब जब से कोविशिल्ड वैक्सीन की दूसरी खुराक की अवधि को बढ़ाकर 84 दिन कर दिया गया है, कर्मचारियों को उनकी निर्धारित तिथियों के अनुसार दूसरी खुराक का टीका लगाया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि 1 मई 2021 से सभी वयस्कों को कवर करने के लिए इस अभियान को आगे बढ़ाया गया है और अब इसके तहत पूरे स्टाफ को आक्रामक तरीके से कवर किया जा रहा है। 45 साल से कम उम्र के लगभग बयालीस हजार कर्मचारियों में से लगभग 13500 कर्मियों को वैक्सीन की पहली खुराक दी जा चुकी है। इसी के तहत कर्मचारियों और उनके परिवार के सदस्यों के बीच जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है। उन्हें टीकाकरण के लिए पंजीकरण करने की प्रक्रिया और इसके बाद जो स्वास्थ्य संबधी सुरक्षा प्राप्त होगी उससे भी अवगत कराया जा रहा है। संगोष्ठियों और व्यक्तिगत बातचीत के माध्यम से भी टीकाकरण के बारे में उनकी शंकाओं को दूर किया जा रहा है। टीकाकरण के बाद टीकाकरण कार्यक्रम में भाग लेने वाले सभी प्रतिभागियों का रेलवे अस्पतालों में 30 मिनट की अवधि तक मानीटरिंग की जा रही है ताकि टीकाकरण के बाद किसी प्रकार का प्रतिकूल प्रभाव न पड़े। इस टीकाकरण अभियान को सुचारू रूप से चलाने के लिए राज्य सरकार के साथ सतत समन्वय बनाए रखा जा रहा है। इस टीकाकरण अभियान में रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों और उत्तर मध्य रेलवे के डाक्टरों की भागीदारी से रेल कर्मियों और आम जनता में स्वास्थ्य सुरक्षा मानकों के पालन के प्रति बड़े पैमाने पर विश्वास निर्माण में मदद मिल रही है और इस सबसे महत्वपूर्ण टीकाकरण कार्यक्रम को बल मिल रहा है।