मौलाना मंज़र सादिक ने खिताब किया वकार रिजवी की मजलिसे तरहीम
लखनऊ (Lucknow): उर्दू सहाफत के झंडाबरदार, एक मजबूत स्तंभ, एक बेहतरीन जिंदादिल इंसान ,उर्दू और हिंदी सहाफत को एक धागे में पिरोने वाले, बेहतरीन सामाजिक कार्यकर्ता, इंसानियत के मददगार सैयद वकार मेहंदी रिजवी की मजलिसे तरहीम आज संपन्न हुई है।
मजलिस का आगाज़ तिलावते कलामे पाक से मौलाना जैदूल हसन साहब ने किया निजामत जनाब आरिफ साहब ने किया। उसके बाद असद नसीराबादी, आलम रिजवी, मुमताज़, गाज़ी, और अयान ने बरगाहे इमाम में मंजूम नज़राने अकीदत पेश किया।
मजलिस को मौलाना मंज़र सादिक साहब ने खिताब किया। मौलाना ने मजलिस को खिताब करते हुए कहा कि वकार रिजवी एक ऐसा नाम था जिसके दिल में काम करने का जज्बा था कौम की तरक्की के लिए फिक्रमंद रहने वाले शख्स के दिल में क़ौम के लिए दर्द था। वकार रिजवी के इंतकाल की खबर सुनकर सिर्फ सहाफत शोबे में ही नहीं बल्कि आवाम में भी बहुत गम का माहौल था।
वकार रिजवी की शख्सियत ऐसी शख्सियत थी कि राजनीतिक गलियारे में भी शोक संवेदनाएं व्यक्त की गई विभिन्न राज्यों के राज्यपाल ने भी वकार रिजवी के इंतकाल पर शोक व्यक्त किया। विदेशों से भी वकार रिजवी के इंतकाल पर ताजियत नामे पेश किए गए।
अपनी जिंदगी में वकार रिजवी ने मुख्तलिफ इलाके में जिन लोगों की मुश्किल के समय मदद की थी जैसे-जैसे उनके इंतकाल की खबर मुल्क के गोशे गोशे में पहुंच रही है लोग ताजियत पेश कर रहे हैं। वकार रिजवी ऐसी शख्सियत थे जिन्होंने मुल्क के गोशे गोशे में बाढ़ के समय में राहत पहुंचाई है कश्मीर तक उन्होंने लोगों की खिदमत की।
मौलाना ने मजलिस में हजरत अब्बास अलैहिस्सलाम के मसायब बयान किए। मौलाना ने जनाबे अब्बास अलैहिस्सलाम की सिफात पर रोशनी डाली और बताया कि एक भाई के अंदर कौन-कौन से सिफात होने चाहिए।
मौलाना ने कहा कि एक रवायत के मुताबिक इमाम जाफर सादिक अलैहिस्सलाम की शहादत के दिन हैं उन्होंने इमाम जाफर सादिक अलैहिस्सलाम के उन बयानों को लोगों तक पहुंचाया जिसमें इमाम ने बताया कि शियो में कैसे सिफात होने चाहिए।मसाएब सुनकर मौजूद लोग गिरिया और ज़ारी करने लगे।