अवधनामा संवाददाता
अलीगढ़ (Aligarh) देश में जल रही चिताओं को देखकर आज मैं बहुत दुखी हूं। जनता को इस तरह मरता देख कर मौजूदा सरकार के झूठ पर गुस्सा आ रहा है। हर तरफ चिताऐं ही चिताऐं हैं। शमशान और कब्रिस्तान पूरी तरह भर चुके हैं। लंबी लंबी लाइनें लगी हुई हैं। कोई सुनने वाला नहीं। यह बीमारी से जनता की मृत्यु नहीं मर्डर है। लगभग एक साल से सरकार को मालूम था। कि यह बीमारी हमारे देश में आ चुकी है। तब से उसको रोकने के लिए सरकार ने क्या किया। बल्कि चुनाव करा कर बीमारी को और फैला दिया। आज तक के इतिहास में भारत की ऐसी दशा कभी नहीं हुई। आज इलाज के लिए जनता के पास पैसा भी नहीं है। नोटबंदी, जीएसटी, महंगाई ने जनता को पहले ही तोड़ कर रख दिया था। बेचारी जनता इन हालातों में करे तो करे क्या? यह झूठों की सरकार बेचारी जनता के इस दुख को नहीं समझ सकती। दरअसल यह झूठों की सरकार है और झूठों को कभी किसी का दर्द महसूस नहीं हो सकता। सरकार अस्पतालों में कोरोना के इलाज के लिए दवा और ऑक्सीजन तक नहीं दे पा रही। सरकार पूरी तरह फेल हो चुकी है।
जनता को मौत में मौत के मुंह में डालकर खामोश है। और मौत का तमाशा देख रही है। अब तो ईश्वर/अल्लाह का ही आसरा है। मैं उलमा इकराम से गुजारिश करूंगा की आवाम की भलाई के लिए जो भी बेहतर कदम हो उठाएं। जकात का पैसा जनता के इलाज में लगाने की अपील करें। मुसीबत की इस घड़ी में देश के लिए दुआ करें। और जिलाधिकारी अलीगढ़ को सुझाव भी दूंगा की अलीगढ़ में मोहल्ला क्लीनिक खोले जाएं। जिससे जनता का भय, अफरा-तफरी का माहौल खत्म हो। जनता को जब मोहल्ले में इलाज मिलेगा तो इससे सरकारी अस्पतालों और प्राइवेट हॉस्पिटलों पर पड़ने वाला दबाव कम होगा। इसके लिए मैं जिला प्रशासन को अपनी तरफ से प्रस्ताव देता हूं कि ऊपरकोट स्थित मेरे आवास को मोहल्ला क्लीनिक के लिए इस्तेमाल कर लें। जिसमें 20 बैड का अस्पताल आराम से चल जाएगा। जिसका जनता को फायदा मिलेगा। ऐसे ही मोहल्ला क्लिनिक अलीगढ़ में और भी जगह खोले जाएं। इसके लिए मैंने एक पत्र जिलाधिकारी अलीगढ़ को लिखकर दिया है। मैं जनता से भी अपील करता हूं। कि अपनी संवेदना ना खोऐं, घबराए ना। इस मुसीबत की घड़ी में एक दूसरे के काम आऐं । मास्क का प्रयोग करें। उचित दूरी बनाकर रखें। घर पर ही रहें। बहुत आवश्यक होने पर ही घर से बाहर जाएं।
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