महामारी की नकारात्मक सूचनाये लोगों के मानसिक स्वास्थ्य पर डाल रही है दुष्प्रभाव – प्रो.संजीव शर्मा

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Negative reports of the epidemic are adversely affecting the mental health of the people - Prof. Sanjeev Sharma

अवधनामा संवाददाता

ललितपुर। (Lalitpur) कोरोना महामारी ने पूरे विश्व में करोड़ों लोगों की दिनचर्या को अस्त व्यस्त करके रख दिया है। चिंता, तनाव, अवसाद, बैचेनी व घबराहट जैसी मानसिक समस्याओं  का सामना करना पड़ रहा है। एक अध्ययन रिपोर्ट बताती कि कोविड-19 महामारी लोगों के मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर डाल रही है। अलगाव, आर्थिक परेशानी आदि के चलते लोगों में चिंता और तनाव का स्तर बढ़ा है। इन सबने लोगों के मानसिक स्वास्थ्य की स्थिति को खराब किया हैं।

पूरे विश्व में अध्ययन किया जा रहा है कि कोरोना महामारी के दौरान और उसके बाद मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है या, तो उससे कैसे निपटा जाएगा। डब्ल्यूएचओ की एक रिपोर्ट के अनुसार लगभग 7.5 प्रतिशत भारतीय किसी न किसी रूप में मानसिक रोगों से ग्रस्त हैं, साथ ही डब्ल्यूएचओ के अनुमान के अनुसार वर्ष 2020 के अंत तक भारत की 20 प्रतिशत आबादी मानसिक विकारों से पीड़ित होगी। लैंसेंट साइकियाट्री जर्नल में मानसिक स्वास्थ्य के संबंध में छपी रिपोर्ट के अनुसार अभी और भविष्य में भी कोरोना महामारी का मानसिक स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव पड़ सकता है। महामारी के कारण रोजगार छिनने का डर, बेरोजगारी, शैक्षिक अवरोध, मूलभूत आवश्यकताओं की आपूर्ति में बाधा, कमजोर अर्थव्यवस्था, लोगों के लिए अब तक अपरिचित रहे। क्वरंटाइन और सोशल डिस्टंसिंग जैसे शब्द भी लोगों में कुंठा एवं अवसाद पैदा कर सकते  है। इन सुरक्षा उपायों को लोग अपनी व्यक्तिगत स्वतंत्रता में बाधा उत्पन्न करने वाले कारक मानने लगते हैं। आर्थिक हानि और महामारी को लेकर परस्पर विरोधी बयान भी तनाव पैदा करने वाले कारक हैं। इन सभी कारको से निश्चित रूप से लोगों के मानसिक स्वास्थ्य पर दीर्घकालिक दुष्प्रभाव पड़ेगा। लोगो मे अवसाद, चिंता या उत्तराघातीय तनाव विकृति (पीटीएसडी) उत्पन्न हो सकते हैं। आर्थिक संकट के कारण देश की बहुत बड़ी आबादी का मानसिक स्वास्थ्य बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। देश के सामने अर्थव्यवस्था को बचाने के साथ-साथ लोगों के मानसिक स्वास्थ्य को बचाना भी चुनौती होगी। खराब मानसिक स्वास्थ्य के साथ यदि अर्थव्यवस्था बचा भी ली जाए तो इससे हमें कुछ ज्यादा हासिल होने वाला नहीं है। इसलिए कोरोना वायरस महामारी से आर्थिक, मानसिक एवं सामाजिक स्तरों पर लडऩा होगा।

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