हाईकोर्ट की सख्ती से प्रयागराज में हफ्ते भर में चालीस फीसदी कम हो गया कोरोना का संक्रमण

0
63

 

High court's strictness reduced corona infection in Prayagraj by forty percent in a week

अवधनामा संवाददाता

प्रयागराज: (Prayagraj)  देश के ज़्यादातर हिस्सों में जहां कोरोना के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं, तो वहीं संगम नगरी प्रयागराज में संक्रमितों की संख्या एक हफ्ते में चालीस फीसदी तक घट गई है. प्रयागराज में पिछले छह दिनों से लगातार संक्रमितों की संख्या में तेजी से गिरावट आ रही है. हफ्ते भर पहले यहां रोज़ाना तेईस सौ से चौबीस लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आती थी, लेकिन अब यह संख्या घटकर चौदह सौ के करीब पहुंच गई है. संक्रमण दर में तेजी से आ रही गिरावट यहां महामारी से जूझ रहे लोगों के लिए राहत की बड़ी खबर लेकर आई है.

हाईकोर्ट की सख्ती
वैसे तो प्रयागराज में कोरोना के काबू में आने की कई वजहें हैं, लेकिन सबसे बड़ा कारण इलाहाबाद हाईकोर्ट की सख्ती है. हाईकोर्ट यहां के हालात की लगातार मॉनीटरिंग कर रहा है और सरकारी अमले के पेंच कसे रहा है. कोर्ट कई बार जिले के डीएम – एसएसपी और सीएमओ समेत तमाम अफसरों को तलब कर चुका है. उन्हें फटकार भी लगाई है तो साथ ही ज़रूरी दिशा निर्देश भी दिए हैं. हाईकोर्ट के चाबुक से यहां का सरकारी अमला हरकत में नज़र आ रहा है. मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों के साथ ही कोरोना कर्फ्यू में भी सख्ती बरती जा रही है. इन सबका नतीजा यह हुआ कि प्रयागराज में कोरोना के हालात अब काबू में होते नज़र आ रहे हैं.

पॉजिटिव केस घटे
संक्रमितों की संख्या में कमी के साथ ही पॉजिटिव आने का अनुपात भी काफी घटा है. दो हफ्ते पहले जितनी जांचें होती थीं, उनमे करीब एक चौथाई रिपोर्ट पॉजिटिव आती थी, लेकिन अब यह रफ़्तार घटकर आधी के करीब हो गई है. पिछले दो दिनों में कुल जांचों की बारह से तेरह फीसदी रिपोर्ट ही पॉजिटिव आ रही हैं. हालांकि हाईकोर्ट की सख्ती और सरकारी अमले की सक्रियता के साथ ही जिले के लोगों ने भी अपने रवैये में बड़ा बदलाव किया है. लोग अब न सिर्फ मास्क पहनकर ही बाहर निकल रहे हैं, बल्कि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन भी कर रहे हैं. सड़कों पर निकलने वालों की संख्या भी आधी के करीब हो गई है. सड़कों और दूसरे सार्वजनिक स्थान सूने -सूने से नज़र आ रहे हैं.

इस तरह समझी जमीनी हकीकत
दरअसल इलाहाबाद हाईकोर्ट प्रयागराज जिले में ही है, लिहाजा जजेज खुद भी जब सड़कों पर बाहर निकलते हैं, तो वह ज़मीनी हकीकत से रूबरू होते रहते हैं. इतना ही नहीं कोर्ट ने कई वकीलों को कोर्ट कमिश्नर भी नियुक्त कर रखा है, जो अक्सर ही सरकारी आंकड़ों व दावों की पोल खोलते रहते हैं. हाईकोर्ट ने प्रयागराज में कई चीजों को मॉडल के तौर पर सफल प्रयोग भी कराया है. चाहे वह थाने स्तर पर कोरोना टास्क फ़ोर्स का गठन हो या फिर नाइट कर्फ्यू. ड्रोन कैमरों से निगरानी का फैसला हो या फिर कोविड प्रोटोकाल तोड़ने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आदेश. सेनेटाइजेशन हो या फिर बड़ी संख्या में सेक्टर मजिस्ट्रेटों की तैनाती के आदेश. अस्पतालों की सूरत बदलने से लेकर मेडिकल सुविधाएं बढ़ाने के आदेश भी कोर्ट ने न सिर्फ समय समय पर दिए हैं, बल्कि अक्सर ही ज़िम्मेदार लोगों को तलब कर उनसे रिपोर्ट मांगने का भी बड़ा असर पड़ा है.

19 अप्रैल से आई गिरावट
करीब एक महीने पहले प्रयागराज में संक्रमितों की संख्या रोज़ाना पचास से नीचे ही रहती थी. लेकिन एक अप्रैल से यहां कोरोना ने तेजी से रफ़्तार पकड़ी थी. दो अप्रैल को 296 मामले आए. पांच अप्रैल को यह संख्या 652 हो गई. 10 अप्रैल को 1682 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई. 16 अप्रैल को 2236, 17 को 2436 लोग संक्रमित हुए. इसके बाद 19 अप्रैल से गिरावट होने लगी. बीच में दो दिन आकंड़े मामूली तौर पर बढे, लेकिन तेईस अप्रैल से जो कमी फिर शुरू हुई, वह लगातार जारी है. 27 अप्रैल को यहां 1598 और 28 अप्रैल को 1493 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. पिछले एक हफ्ते के आंकड़ें महामारी से जूझ रहे लोगों को काफी राहत देने वाले हैं. हालांकि लोगों को यह बात समझनी होगी कि खतरा अभी सिर्फ कुछ कम हुआ है. एकदम से ख़त्म नहीं हुआ है. ऐसे में जागरूकता और ज़िम्मेदारी निभाकर ही इस महामारी से निजात पाई जा सकती है.

Also read

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here