यूपी में 77 हजार 989 कंटेनमेंट जोन और 349 क्वारंटाइन सेंटर

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अवधनामा ब्यूरो

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर कोरोना संक्रमण की प्रभावी रोकथाम के लिए कंटेनमेंट जोन से लेकर क्वारंटाइन सेंटर बनाए गए हैं। कंटेनमेंट जोन में कोरोना की गाइडलाइन का सख्ती से पालन कराया जा रहा है, तो दूसरे प्रदेशों से आने वाले प्रवासियों की जांच कर पॉजिटिव आने पर उन्हें क्वारंटीन सेंटर में रखा जा रहा है। इन्हें दवाईयों से लेकर खाने पीने की सुविधा भी सरकार उपलब्ध करा रही है। इसके अलावा मास्क पहनने को लेकर भी सख्ती बरती जा रही है।

प्रदेश में 77 हजार 989 कंटेनमेंट जोन बनाए गए हैं। इन कंटेनमेंट जोन में संक्रमण रोकने के लिए विभिन्न विभागों की ओर से सेनिटाइजेशन का कार्य तेजी से किया जा रहा है। इसके अलावा संक्रमितों को एक सप्ताह की दवाईयां भी दी जा रही हैं। दूसरे राज्यों से पलायन कर उत्तर प्रदेश आ रहे प्रवासियों के लिए प्रदेश में 349 क्वारंटाइन सेंटर बनाए गए हैं। जहां अन्य राज्यों से आने वाले प्रवासी मजदूरों और कामगारों को रखने की व्यवस्था की गई है।

 

एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने बताया कि प्रदेश में 77 हजार 989 कंटेनमेंट जोन बनाए गए हैं। जिनमें 7 लाख 16 हजार 775 मकान शामिल हैं। कंटेनमेंट जोन में रहने वाली जनसंख्या करीब 36 लाख है। इनमें वृहद स्तर पर फायर ब्रिगेड की गाड़ियों की मदद से सेनिटाइजेशन का कार्य तेजी से किया जा रहा है। इनमें कुल बैरिकेडिंग की संख्या 95 हजार 448 है। इसके अलावा सरकार की तरफ से 44 हजार 788 मोबाइल लाउडस्पीकर्स के माध्यम से लोगों को जागरुक किया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि पिछले 24 घंटों में मास्क न लगाने वालों पर कड़ी कार्रवाई की गई है। इस दौरान पूरे प्रदेश में 57 हजार 753 लोगों का चालान किया गया है। वहीं, प्रदेश में कुल 1276 पुलिसकर्मी अब तक कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं। रेमडेसिविर जैसी दवाओं की कालाबाजारी पर एनएसए और गैंगेस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई भी की जा रही है।

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क्वारन्टाईन सेंटर में आने वाले प्रवासियों की स्क्रीनिंग की जा रही है। साथ ही उनकी सूचनाएं वेबसाइट पर फीड भी करने के निर्देश दिए गए हैं। आयुक्त कार्यालय की वेबसाइट http://www.rahat.up.nic.in पर जनपद के लॉगइन आईडी और पासवर्ड से आगमन की तिथि को ही फीड किया जाना अनिवार्य है। राहत आयुक्त कार्यालय की वेबसाइट पर स्किल मैपिंग के लिए विभिन्न श्रेणी के कार्यों का वर्गीकरण करते हुए ड्रापडाउन में विकल्प उपलब्ध कराया गया है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर 72 जिलों में 349 क्वारंटाइन सेंटर बनाए गए हैं। जहां मूलभूत सुविधाओं के साथ-साथ खाने पीने की व्यवस्था भी की गई है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक लखनऊ में 3, कानपुर नगर में 15, महोबा में 12, गाजियाबाद में 86, गौतमबुद्ध नगर में 19, अलीगढ़ में 5, बलरामपुर में 4, शाहजहांपुर में 4, चंदौली में 27, अंबेडकरनगर में 3, अमरोहा में 3, हाथरस में 3, रायबरेली में 3, संभल में 3, मेरठ में 9, बरेली में 6, कौशांबी में 6, अमेठी में 5, खीरी में 3, बांदा में 2, बदायूं में 2, फतेहपुर में 2, जालौन में 2, सहारनपुर में 2, शामली में 2, वाराणसी में 2, सिद्धार्थनगर में 11, पीलीभीत में 10, प्रयागराज में 9, औरैया में 7, बुलंदशहर में 7, मऊ में 5 क्वारंटाइन सेंटरों की स्थापना की गई है। ऐसे ही फर्रुखाबाद में 4, रामपुर में 4, बागपत में 3, हमीरपुर में 3, हापुड़ में 3, कासगंज में 3, अयोध्या में 2 गाजीपुर में 2, गोंडा में 2, जौनपुर में 2,कन्नौज में 2, भदोही में 2, आजमगढ़ में 1, बहराइच में 1, बलिया में 1, बाराबंकी में 1, बस्ती में 1, बिजनौर में 1, देवरिया में 1, एटा में 1, इटावा में 1, फिरोजाबाद में 1, हरदोई में 1, झांसी में 1, कानपुर देहात में 1, कुशीनगर में 1, महराजगंज में 1, मैनपुरी में 1, मथुरा में 1, मिर्जापुर में 1, मुरादाबाद में 1, मुजफ्फरनगर में 1, प्रतापगढ़ में 1, संतकबीर नगर में 1, श्रावस्ती में 1, सीतापुर में 1, सोनभद्र में 1, सुलतानपुर में 1, उन्नाव में 1, गोरखपुर में 5 क्वारंटाइन सेंटरों की स्थापना की गई है।

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