पांच वर्षीय मासूम शाद ने रखा पहला रोज़ा

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Five-year-old Masoom Shaad observed his first fast

अवधनामा संवाददाता

गर्मी, भूख और प्यास भी डिगा नहीं पाई मासूम का हौसला

देवबन्द। (Deoband) रमज़ान का मुकद्दस महीना शुरू हो गया है अकीदतमंद अल्लाह को राज़ी करने के लिए रोज़ा रख रहे हैं। मासूम बच्चे भी भूख, प्यास और गर्मी की परवाह किए बगैर रोज़े रख कर इस मुबारक महीने की बरकत हासिल कर रहे हैं।
मुकद्दस माह रमज़ान का पहला रोज़ा ख़ासा गर्म रहा लेकिन धूप और भूख-प्यास की शिद्दत अकीदतमंदों के हौसले को डिगा नहीं पाई। अकीदतमंदों ने पूरे जोश के साथ पवित्र माह रमज़ान का स्वागत किया। इबादत के इस खास महीने में बच्चे भी बड़ो से पीछे नहीं रहना चाहते हैं। नगर के मोहल्ला नेचलगढ़ निवासी सभासद प्रतिनिधि दिलशाद अहमद के पांच वर्षीय मासूम बच्चे मोहम्मद शाद ने बुधवार को अपना पहला रोज़ा रखा। मासूम की इबादत के इस जज़्बे से पूरे परिवार में खुशी की लहर है। पिता दिलशाद अहमद ने बताया कि उनके आठ वर्षीय बड़े बेटे मोहम्मद आहद का रोज़ा रखवाया गया था जिसे देख कर उनके छोटे बेटे शाद ने भी रोज़ा रख लिया। घर वालों के समझाने के बावजूद भी मासूम ने रोज़ा तोड़ने से मना कर दिया और पूरे दिन भूखा प्यासा रहकर अल्लाह की इबादत की। मासूम की श्रद्धा देख परिवार में खुशी की लहर है।

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