अवधनामा संवाददाता
प्रयागराज : (PrayagraJ) योग मात्र एक वैकल्पिक चिकित्सा पद्धति ही नहीं, अपितु योग का प्रमाण परिणामों पर आधारित एक ऐसा प्रमाण है जो व्याधि को निर्मूल करता है। अतः योग एक ऐसा चिकित्सा शास्त्र है, जो केवल शारीरिक रोगों का ही नहीं, बल्कि जब मानसिक रोगों का भी निवारण करता है। यह एक जीवन दर्शन है उन्होंने बताया कि योग करने से पहले 9 बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए जिसमें विधि, समय, संकल्प, निरंतरता, एकाग्रता, सकारात्मकता, श्रद्धा, विश्वास ,और समर्पण । यदि इन 9 बातों पर ध्यान रखते हुए हम नियमित योग करें तो हमारे शरीर में मानसिक और शारीरिक रूप से अलग परिवर्तन आने लगता है और व्यक्ति रोग मुक्त होकर एक स्वस्थ एवं दीर्घायु जीवन प्राप्त करता है मनुष्य ईश्वरीय शक्ति से संपन्न हो जाता है। उक्त विचार विश्व संवाद परिषद, योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष योगाचार्य डॉ रमेश चंद्रा, जय बजरंगबली योग केंद्र नैनी, के स्थापना दिवस पर व्यक्त कर रहे थे। वहीं पर प्राकृतिक चिकित्सा एवं योग के मर्मज्ञ गुरुदेव डॉ सिया प्रताप सिंह जी ने प्राकृतिक जीवन शैली अपनाने की बात कही। योग केंद्र के स्थापना दिवस पर मुख्य अतिथि संरक्षक श्री गोपाल जी रहे। वहां पर पतंजलि योग समिति एवं भारत स्वाभिमान के पदाधिकारी वीरेंद्र जी, भूपेंद्र जी, प्रवीण जी , डॉ सूर्य नाथ प्रजापति जी, जयंतीलाल श्रीवास्तव सहित कई योग शिक्षक शिक्षिकाएं एवं अन्य योग साधक भाई-बहन उपस्थित रहे।मीडिया प्रबंधन श्याम सुंदर सिंह पटेल योग प्रशिक्षक एवं मीडिया प्रभारी पतंजलि योग समिति प्रयागराज ने किया