अवधनामा संवाददाता
श्रद्धालुओं ने चढ़ाई चादर, शायरों ने पेश किये कलाम
ललितपुर। कौमी एकता के प्रतीक अजीमुश्शान हजरत बाबा सदनशाह रहमत उल्ला अलैह का इस वर्ष 103वां उर्स का मुशायरे से आगाज हो गया है। मुशायरे की अध्यक्षता उर्स कमेटी के सदर हाजी बाबूबदरुद्दीन कुरैशी ने की। उन्होंने शमआ रोशन कर आगाज किया। उन्होंने जिला प्रशासन द्वारा कोविद-19 की गाइड लाइन के बारे में बताते हुए सभी से गाइड लाइन पालन करने की अपील की।
मुशायरे में तशरीफ लाये मेहमान शायरों और कवियों ने कलाम पेश करते हुए बाबा के दरबार में खिराजे अकीदत पेश की। नौजवान शाइर विक्की साहिल और अख्तर जलील ने पहले नात शरीफ पेश की। इसके बाद मशहूर शायर असर ललितपुरी ने मशहूर जमाना कौमी तराना फूलों का गुलदस्ता प्यारा हिन्दुस्तान हमारा है, जो भी इससे प्यार करे वो हर इंसान हमारा है व कई गजलें पेश कीं और श्रोताओं ने उन्हें खूब सराहा। जहीर ललितपुरी ने कई शेर पढ़े उनका ये शेर खासतौर से पसंद किया गया रौशनी का कत्ल करने जब अंधेरे आएं तो, आप ये कोशिश करें के रौशनी जिंदा रहे। झाँसी से तशरीफ लाये मेहमान शाइर जब्बार शारिब ने शेर पेश किया कि जब उसकी आँख में देखे शिकस्त के आंसू, बदल के पेंतरा हम खुद खुशी से हार गए।
जावेद अनवर का ये शेर बहुत पसंद किया गया कि काला तो समझते थे काजल को ही हम लेकिन, किरदार तो लोगों का काजल से भी काला है। प्रमोद साहिल ने शेर पेश किया कि मैं भी सहरा में दौड़ा हिरन की तरह, दूर हर बार मुझसे नदी रह गयी। शकील कुरैशी का ये शेर बहुत पसंद किया गया कि लगता नहीं है दिल मिरा शहनाइयों के बीच में, इक जख्म सा है रूह की गहराइयों के बीच में। मौलाना अनस चिश्ती का ये शेर बहुत पसंद किया गया कि ओहदों को देखकर न तो व्यापार देखकर, रिश्ते तलाश कीजिये किरदार देखकर इनके अलावा अबरार दानिश, शकील मास्टर, वीरेंद्र विद्रोही, अख्तर जलील, विक्की साहिल, चाहत ललितपुरी आदि ने बहुत अच्छे अच्छे शेर पेश किये। मुशायरे में हाजी असरार चन्देरवी, जब्बार शारिब, शकील कुरैशी, जावेद मौलाना, अनस चिश्ती, अख्तर जलील, शकील, विक्की साहिल, वीरेंद्र विद्रोही, अनस चंदरेवी, चाहत ललितपुरी ने अपने कलाम पेश किये। महफिले मुशायरा में मौजूद श्रोताओं ने देर रात तक शायरी का लुफ्त उठाया। मुशायरे की निजामत कन्वीनर असर ललितपुरी ने की। मंच का संचालन मोहम्मद नसीम व शाकिर अली ने सयुंक्त रूप से किया।
इस मौके पर में उर्स कमिटी के नायब सदर अब्दुल रहमान कल्ला कुरैशी, समीर हाजी, साबिर अली, अख्तर मास्टर, राजू सिंधी, सेक्रेटरी हमीद खां, नायब सदर सरफर, अबरार अली पत्रकार, मीडिया प्रभारी रिजवान उज्जमा, रमजानी दादा, हाजी मोहम्मद, आसिफ कुरैशी, गिरीश पाठक सोनू, सफात खां, समीर चौबे एड., एड. शरद चौबे, खुर्शीद आलम, हाजी इरशाद, आसिफ, आसिफ पठान, मजीद खा, जमील अहमद एड., शाकिर खां, मुस्ताक खान, खालिद उर्फ कल्लू सुडेले, राजल एड., आरिफ बेग, खुर्शीद मुंशी, यूसुफ सिलगन, लियाकत अली, हाजी शहीद मंसूरी, समद खां, नदीम शबनम, हाजी अतीक अहमद, अज्जू बाबा, रहीश टेलर, शहजाद खान, यामीन बरसी, इमरान मंसूरी, सब्बीर हाजी सत्तार, मुश्ताक खान, मुशीर कुरैशी, नसीमुद्दीन बाबा कुरैशी, हासिम अली, हाजी रफीक, रिजवान कुरैशी, वसीम राजा, जानू अली, रिजबान हाजी बस, पप्पू कैलगुवां, जहीर नल फिटर, बृजेश नारायण त्यागी, मु.शकील, अब्दुल शाकिर, चौधरी मो.बरकत, अन्सार खां, रज्जब अली, शाह खदिम, अख्तर खां, फरीद बरसी, महबूब कुरैशी, सलाम शेखजी, एम.आर.खान सोज, इदरीश कुरैशी, इम्तियाज, अख्तर अहमद, शफीक अहमद, इदरीश मिस्त्री, शाखाबत अली, अमीर खान, बबलू मुंशी, कदीर खान, शकील मास्टर, रियाज खान, लईक खान, जीशान, मौलाना इकरामुद्दीन, हरिशंकर लाइट, रामगोपाल टेन्ट, पप्पू ठेकेदर, सदाकत खान, समद खान, यामीन कुरैशी आदि मौजूद रहे।