आरटीआई प्रयोगकर्ताओं की समस्याओं के निराकरण की मांग

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Demand for redressal of RTI users' problemsलखनऊ:संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरटीआई एक्टिविस्ट एवं पत्रकार तनवीर अहमद सिद्दीकी, संस्था के राष्ट्रीय सचिव वरिष्ठ आरटीआई एक्टिविस्ट सलीम बेग,वरिष्ठ आरटीआई एक्टिविस्ट एवं लेखक डानीरज कुमार, वरिष्ठ आरटीआई एक्टिविस्ट डा. आलोक चांटिया, वरिष्ठ आरटीआई एक्टिविस्ट एवं पत्रकार साद उस्मानी, आरटीआई एक्टिविस्ट एवं पत्रकार हयात कादरी और आरटीआई एक्टिविस्ट एवं पत्रकार जे० बी० सिंह ने मुख्य सूचना आयुक्त भवेश कुमार सिंह के बुलावे पर भवेश से भेंटवार्ता करके यूपी के आरटीआई प्रयोगकर्ताओं अनेकों समस्याओं की ओर ध्यान आकृष्ट कराते हुए अनुरोध किया है कि वे प्राथमिकता के आधार पर कार्यवाही करके इन समस्याओं का निराकरण करायेंगे l

संस्था के प्रतिनिधिमंडल ने मांगे उठाई हैं कि आयोग की सुनवाइयों में जन सूचना अधिकारियों / विभागों की तरफ से सरकारी खजाने से फीस लेकर आने वाले अधिवक्ताओं का सुनवाई कक्षों में प्रवेश पूर्णतः प्रतिबंधित किया जाए,आयोग परिसर में मुख्य-मुख्य स्थानों पर विशाखा समिति से सम्बंधित सूचना पट तत्काल प्रदर्शित कराये जाएँ,आयोग के ‘रूल्सऑफ़बिज़नेस’ बनाकर लागू करने के साथ साथ आयोग में दाखिल होने वाली अपीलों और शिकायतों का निपटारा अधिकतम 45 दिनों में किया जाए,उच्चतम न्यायालय द्वारा Writ Petition(s)(Criminal) No(s). 99/2015 में पारित किये गए आदेशों के अनुसार आयोग के सभी 11 सुनवाई कक्षों में सीसीटीवी कैमरे स्थापित कराकर सभी सुनवाईयां सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में कराने की व्यवस्था लागू की जाए,आयोग के सभी 11 सुनवाई कक्षों में कोड ऑफ़ सिविल प्रोसीजर 1908 की धारा 153B के अनुसार खुली सुनवाई की व्यवस्था लागू की जाए,मुख्य सूचना आयुक्त व 10 सूचना आयुक्तों के मध्य नियत कार्यक्षेत्र के कारण सुनवाई कक्षों में पनप चुके भ्रष्टाचार को समाप्त करने के लिए अन्य अर्ध न्यायिक संस्थाओं की भांति आयोग के मुख्य सूचना आयुक्त व 10 सूचना आयुक्तों को आबंटित कार्यक्षेत्र के रैंडम चक्रीकरण को लागू किया जाए,सुनवाई कक्षों के स्टाफ का ट्रान्सफर नहीं होने के कारण सुनवाई कक्षों में पनप चुके भ्रष्टाचार को समाप्त करने के लिए सुनवाई कक्षों के स्टाफ का समय-समय पर रैंडम ट्रान्सफर करने की प्रक्रिया का निर्धारण करके इस व्यवस्था को लागू किया जाए,सुनवाई कक्ष संख्या S-2 के  सूचना आयुक्त का पद रिक्त चलने के कारण सुनवाई कक्ष संख्या S-2 के सूचना आयुक्त को आबंटित सभी लोक प्राधिकरणों को मुख्य सूचना आयुक्त व अन्य कार्यरत सूचना आयुक्तों को आबंटित कर सम्बंधित अपीलों और शिकायतों की नियमित सुनवाई तत्काल आरम्भ की जाए,जन सूचना अधिकारियों के खिलाफ एक्ट की धारा 20 (1) के तहत लगे अर्थदण्ड को विभाग के बजट से राजकोष में जमा करने की अनियमितता की जांच पिछले 3 साल के रिकॉर्ड के आधार पर कराई जाए,आयोग की वेबसाइट को तत्काल अपडेट कराकर एक्ट की धारा 4 (1) (b) की लेटेस्ट सूचना आयोग की वेबसाइट पर तत्काल प्रदर्शित की जाए,आयोग आने वाले आरटीआई प्रयोगकर्ताओं की समस्याओं को जानने के लिए आयोग द्वारा निर्धारित संख्या के आरटीआई प्रयोगकर्ताओं का रैंडम आधार पर चयन करके आयोग द्वारा निर्धारित समय अंतराल पर आरटीआई प्रयोगकर्ताओं, सूचना आयुक्तों व आयोग के पदाधिकारियों के मध्य बैठकों का आयोजन आरम्भ किया जाए,आयोग द्वारा पारित अंतिम व अंतरिम सभी आदेशों को आयोग की वेबसाइट पर तत्काल अपलोड किया  जाए,आयोग द्वारा पारित अंतिम व अंतरिम सभी आदेशों की नक़ल देने के लिए 10/- का कोर्ट फी स्टाम्प लेने की व्यवस्था को समाप्त करके नकलें निःशुल्क दी जाएँ,आयोग की सुनवाइयों के अचानक स्थगन की सूचना आयोग की वेबसाइट पर तुरंत अपलोड करने के साथ साथ दोनों पक्षों के मोबाइल्स पर एस.एम.एस. द्वारा दिया जाना शुरू किया जाए,डिजिटल इंडिया के मोदी जी के एजेंडे के तहत सूचना आयुक्तों की सुनवाईयां यू-ट्यूब और फेसबुक आदि पर लाइव चलाया जाए l

 प्रतिनिधिमंडल ने उम्मीद जताई है कि भवेश यूपी के सूचना आयोग में व्याप्त समस्याओं का निराकरण करते हुए प्रदेश की योगी सरकार सरकार की भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस और पारदर्शिता-उन्मुख मंशा के अनुसार आयोग की कार्यप्रणाली को और अधिक पारदर्शी और जबाबदेह बनाने के अपने पदीय दायित्व का निर्वहन अवश्य करेंगे l मुख्य सूचना आयुक्त भवेश कुमार सिंह में पूरी आशा और विश्वास होने की बात कहते हुए प्रतिनिधिमंडल ने कहा है कि मुख्य सूचना आयुक्त भवेश कुमार सिंह इन सभी मांगों का स्वयं संज्ञान लेकर विचार करके आरटीआई आवेदनकर्ताओं की उपरोक्त समस्याओं का समाधान जल्द से जल्द करके हमें तत्परतापूर्वक अवगत अवश्य करायेंगे l

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