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सृजन शक्ति वेलफेयर सोसायटी द्वारा एंतोन चेखव लिखित हास्य नाटक “बेसहारा औरत” की प्रस्तुति दिनांक 05 सितम्बर 2017 को शिक्षक दिवस के मौके पर लखनऊ के महिला विद्यालय डिग्री कॉलेज में किया गया।
एंतोन चेखव लिखित नाटक का हिंदी रूपांतरण बेसहारा औरत एक मजेदार हास्य नाटक है जो कि एक औरत के एक बैंक अधिकारी के घर में प्रवेश से होता है। और उसकी गुजारिश है कि उसके पति की नौकरी का बकाया पैसा उसे दिलाया जाये। बैंक अधिकारी स्वयं खुद की बीमारी से पीड़ित है और उसे असहनीय दर्द है। वो औरत की मदद करना तो चाहता है परन्तु वो ये भी बताता है कि उसके पति का बकाया रकम के हमारे बैंक से कोई मतलब नहीं है। परंतु वो औरत नहीं मानती वो तरह-तरह से अपनी मजबूरी, गुस्सा तथा अति नाटकीय स्थितियां उत्पन्न कर आखिर में बैंक अधिकारी को विवश कर देती है और बैंक अधिकारी उससे बचने के लिये उसे पैसे देकर उससे पीछा छुड़ा लेता है और उसकी हरकतों से पागलपन की स्थिति में पहुंच जाता है। हास्य संवादों से लबरेज पियूष सिंह के निर्देशन में मंचित नाटक में अभिनय के माध्यम से सीमा मोदी, गौरव कुमार, राहुल दुबे एवं पियूष सिंह ने अपने बेहतरीन अभिनय से दर्शकां को ठहाके लगाने पे मजबूर कर दिया।
https://www.youtube.com/watch?v=kMFCjzj29nE&t=1s