आज का दौर टेक्नोलॉजी का दौर है । समाज में रहने वाले लगभग आधे से अधिक लोगों के पास स्मार्टफोन है। छोटी से छोटी चीज लेकर बड़ी से बड़ी चीज स्मार्टफोन पर उपलब्ध है । किसी को कोई मैसेज करना हो तो व्हाट्सएप उपलब्ध है । किसी को साक्षात देखना है तो फिर वीडियो कॉल उपलब्ध है । स्मार्टफोन और सोशल मीडिया की क्रांति ने इंसान के सामाजिक दायरे को पॉकेट में भर दिया है।
आज से महज 7 से 8 साल पहले लोग कुछ ना कुछ लिखा करते थे कई लोगों को डायरी लिखने का शौक रहा करता था जो अब नाम मात्र के बचे है क्योकि अब सब कुछ लिखने के लिए एप्प उपलब्ध है। कई लोगों को कहानियां लिखने का शौक हुआ करता था लेकिन इस स्मार्टफोन के आ जाने से और उस पर वॉइस टाइपिंग के आ जाने से लिखने की कोशिश धीरे-धीरे खत्म होती चली जा रही है और उसका असर हैंडराइटिंग पर पड़ रहा है । आज के माहौल में अगर देखा जाए तो कहीं किसी फॉर्म में अगर साइन करना हो तो जो साइन आप 5 साल पहले करते थे वह साइन अब आप ठीक प्रकार से नहीं कर सकेंगे कारण उसका यह है कि लिखने की आदत लोगों से धीरे-धीरे छूटती चली जा रही है। अब तो विद्यालयों में भी हैंडराइटिंग सुधारने के लिए इतना ज्यादा प्रेशर भी नहीं दिया जाता है ।पुराने समय में कहा जाता था कि अगर लिखावट अच्छी है तो कुछ गलत भी लिखा होता है तो वह पता नहीं चलता है लेकिन आज के दौर में जब लिखने की नौबत ही नहीं आ रही है तो गलत लिखा है या फिर सही लिखा है उसके बारे में कोई जानकारी नहीं हो पा रही है । आप लोगों में से कई लोगों ने इमला यानी कि डिक्टेशन के बारे में सुना होगा डिक्टेशन में एक आदमी कुछ बोल रहा होता है और आपको उसे लिखना होता है इससे आदमी की लिखने की स्पीड और मात्राओं की मिस्टेक सही करने में आसानी होती थी। लेकिन आज स्मार्टफोन और इंटरनेट ने इन दोनों चीजों को इंसानों से दूर कर दिया है और इसी स्मार्टफोन का सीधा फर्क हमारी लिखावट पर पड़ रहा है। लिखने की आदत धीरे-धीरे कम होने के कारण लोगों की हैंडराइटिंग भी बद से बदतर होती चली जा रही है । मान लीजिए आपने बैंक से कर्जा लेने का सोचा है तो बैंक के फॉर्म में कई दर्जन हस्ताक्षर करने होते हैं अगर आपकी लिखने की रेगुलर प्रैक्टिस है तो आपके सारे हस्ताक्षर समान होंगे लेकिन अगर आप भी लिखावट से कोसों दूर हो गए होंगे तो आपके हर हस्ताक्षर यानी कि साइन में बहुत अंतर होगा। स्मार्टफोन के इस युग में जरूरी है कि बच्चों से लेकर बड़ों तक में एक बार फिर से लिखने की आदत को डालना क्योंकि जब इंसान कागज पर कुछ लिखना शुरू करता है तो उसका मस्तिष्क कलम की नोक पर रहता है और इसके कारण उसकी एकाग्रता यानी कि कंसंट्रेशन पावर भी बढ़ती है । हमें आपको चाहिए किस ज्यादा न सही एक पेज ही रोज लिखना शुरू करें अच्छे ढंग से लिखना शुरू करें ताकि हमारे लिखावट और लिखने की आदत बनी रहे।
क्योकि अधपका भोजन थाली में सजाकर देने के बावजूद वाहवाही मिलती है और स्वादिष्ट भोजन बिना सलीके से परोसने पर नही अहमियत पाता है।
बच्चो से लेकर बड़ो की हर रोज़ साफ हैंड राइटिंग में कुछ न कुछ लिखते रहना चाहिए भले ही एक छोटी कविता क्यो न हो।