समाजवादी पार्टी तहसील-सगड़ी पर धरना आयोजित कर सरकार के विरूद्ध आन्दोलन को बाध्य

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आजमगढ़। तहसील-सगड़ी में घाघरा से प्रभावित गांगेपुर परसिया बन्धा कट जाने से हजारों एकड़ फसलें बर्बाद हो गयी। गन्ना व धान की मुख्य फसलों को नदी ने काटकर वीरान बना दिया। जो पेड़-पौधे लगे थे वह भी घाघरा में समा गये। वहाॅ के किसान परेशान हैं। उनका कोई पुरूषाहाल नहीं है। प्रदेश की सरकार संवेदनशून्य हो गयी है। योगी जी का किसानों, बेरोजगारों व गरीबों से कोई लेना-देना नहीं है। किसान एक तरफ मंहगी बिजली, मंहगे डीजल व मंहगी खाद से त्रस्त हैं। दूसरी तरफ बाढ़ की भयंकर मार से उसका सब कुछ चला गया। लेकिन सरकार बाढ़ के बारे में कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है। बाढ़ विभाग धन के अभाव में अपने हाथ खड़े कर लिये। सरकार के धन न उपलब्ध कराने के कारण प्रशासन वहाॅ लाचार पड़ा है। मनरेगा धन का दुरूपयोग हो रहा है। वहां के किसान सतिराम प्रकाश यादव, रामराज, बलराम, सुबाष सिंह, रामनाथ साहनी, रामलाल सिंह, भजुराम पटेल, राजदेव यादव ने बताया कि हम लोगों की सम्पूर्ण फसल गन्ना व धान नदी में चली गयी। हम लोगों को जीने का कोई सहारा नहीं रह गया। कटान की जानकारी मिलने पर नि0जिलाध्यक्ष के नेतृत्व में पू0प्रत्याशी जयराम सिंह पटेल, रामाश्रय राय चेयरमैन, भजुराम पटेल, जि0पं0स0शिवसागर यादव, राजेश यादव, प्रधान लाटघाट सोनू सोनकर, संदीप पटेल, हरिनरायन यादव, रामशब्द यादव ने मौके पर पहुॅचकर कटान की विभिषिका को देखा और वहाॅ पर मौजूद लोगों से बात किया वहाॅ पर सरकार की तरफ से कोई भी व्यवस्था नहीं दिखाई पड़ी।


समाजवादी पार्टी के नि0जिलाध्यक्ष हवलदार यादव ने कहा कि यदि किसानों की फसलों का मुआवजा, घर गिरने का मुआवजा, विस्थापितों को बसाने के लिए जमीन और बाढ़ग्रस्त जनपद घोषित नहीं किया गया तो समाजवादी पार्टी तहसील-सगड़ी पर धरना आयोजित कर गूॅगी बहरी सरकार के विरूद्ध आन्दोलन को बाध्य हो

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