खनिज डायरेक्टर व जिलाधिकारी से की गई शिकायत
बांदा। खनिज अधिकारी बाँदा अब तक तो सिर्फ बिगडे बोल के लिये प्रसिद्भ थे परंतु अब सरकार को चूना लगाने के लिये भी प्रसिद्धि पा रहे हैं ।
एक तो सरकारी राजस्व की चोरी करते हैं और ऊपर से सीनाजोरी। जी हां उस पर विभाग के खनिज अधिकारी शैलेन्द्र मौर्या का यह तुर्रा कि उनके ही विभाग के खनिज इंस्पेक्टर ने जिन दो ओवरलोड ट्रको को पकड़कर पुलिस चैकी में खड़ा कराया था उन दोनों ट्रको को खनिज अधिकारी ने अपनी तुर्रमशाही में रिलीज कर दिया। वह भी बगैर जुर्माने के। कलेक्टर और परिवहन विभाग को सूचित करना तक मुनासिब नहीं समझा। इस बात की शिकायत खनिज महानिदेशक और जिलाधिकारी से की गई है।
गौरतलब हो कि वर्तमान समय खनिज विभाग के दो बैरियर तिन्दवारी थाना क्षेत्र के बेंंदा चैकी घाट और चिल्ला में बनाए गए हैं। खनिज अधिकारी की सह पर इन दोनों बैरियरों में खनिज प्रपत्रों की चेकिंग किए बगैर ओवरलोड ट्रकों को गुजारा जा रहा है। इसके जरिए रोजाना लाखों, करोड़ों के राजस्व की चोरी की जा रही है। इसका भंडाफोड़ तब हुआ जब बीते एक जून को खनिज इंस्पेक्टर वीरेन्द्र सिंह की ओर से पपरेन्दा पुलिस चैकी क्षेत्र में ओवरलोड दो ट्रक यूपी 32 ई एन 8742 व 8733 पकड़े गए। इनमे से एक ट्रक 18 घन मीटर व दूसरा 24 घन मीटर लोड था। जबकि दोनो की रवानगी सिर्फ 12 घन मीटर दिखाई गई थी। उधर, खनिज अधिकारी शैलेन्द्र मौर्या ने इन दोनों ट्रकों को बगैर जुर्माना किए रिलीज कर दिया वह भी बगैर जुर्माने के। नियमतः उन्हे इसकी सूचना परिवहन विभाग और जिलाधिकारी को देनी चाहिए जो उन्होंने मुनासिब नहीं समझा। दोनों ट्रक चौकी से छोड़ दिए गए। जिन खदानों से यह दोनो ट्रक रवाना किए गए थे उन पर जुर्माने आदि की कोई कार्यवाही नहीं की गई। इस सम्बन्ध में जब मीडिया के लोगों ने खनिज अधिकारी से सवाल जवाब किए तो वह भड़क गए। कहा कि ट्रकों को उन्होंने रिलीज किया है कोई क्या कर लेगा। खनिज अधिकारी की इस हरकत की फोन पर मौखिक शिकायत खजिन महानिदेशक व डीएम अमित सिंह बंसल से की गई है। दोनो अधिकारियों का कहना था कि मामला बेहद गंभीर है। वह इसकी जांच कराएंगे। यहां उल्लेखनीय है कि ‘अवधनामा मे खनिज बैरियर से राजस्व चोरी को प्रमुखता से छापा था कि विभागीय मिलीभगत से ओवरलोड ट्रको को बगैर कार्यवाही के निकाले जाने की खबरें प्रकाशित की थी । इसके बावजूद ओवरलोड दोनो ट्रकों को छोड़ा जाना इस बात की पुष्टि करता है कि खनिज अधिकारी सरकार को करोड़ों के राजस्व का नुकसान पहुंचाने से नहीं चूक रहे हैं । यही वजह है कि केन और बागेन नदी की बालू खदानों से बगैर खनिज प्रपत्रों वाले ओवरलोड ट्रक बड़ी मात्रा में खनिज बैरियरों से दिन रात निकाले जा रहे हैं। इन बैरियरों में खनिज अधिकारी के खासमखास बैरियर इंचार्ज की ड्यूटी रहती है ।यह राजस्व चोरी का खेल उसी के जरिए किया जा रहा है। रोजाना सरकार को लाखों करोड़ों के राजस्व का नुकसान पहुंचाया जा रहा है। उधर, उन बालू खदानों की ओटीपी फिर चालू कर दी गई है जिन्होंने खनिज विभाग में धनराशि जमा कर दी है। ऐसे में एक बार फिर से खदानों से बड़ी मात्रा में ट्रकों के जरिए बालू सप्लाई शुरू कर दी गई है।
बाक्स मे —
डीएम ने पाया अवैध भंडारण
बांदा। डीएम अमित सिंह बंसल ने भूरागढ़ क्षेत्र के दुरेड़ी गांव में आशीष सिंह जादौन के बालू भंडारण की जांच की। यहां एक मशीन खड़ी पाई गई। मौके पर डम्फर व पोकलैंड मशीन के निशान पाये जाने से नाराज जिलाधिकारी महोदय ने खनिज अधिकारी को जमकर लताड लगायी है , परंतु खनिज अधिकारी लगातार अपना खेल खेलने मे लगे हैं । अब देखना है कि जिलाधिकारी अमित सिंह बंसल राजस्व चोरी के मामले मे कैसे खनिज अधिकारी पर कार्यवाही करते हैं ।