मनोज तिवारी
प्रयागराज : कोरोना महामारी ने भले ही दुनिया की गति रोक दी हो लेकिन लेकिन राजनीती कभी रुकने का नाम नहीं लेती है , चाहे अब अमेरिका के राष्ट्रपति का चुनाव हो या विश्व में चीन को अलग थलग करने की राजनीती . इसी तरह से भारत में घरेलू राजनीती की बात करें तो कई राज्यों में इसी साल चुनाव है और उत्तर प्रदेश में देश साल बाद चुनाव होना है . उत्तर प्रदेश के चुनाव में भले ही देश साल का समय बचा हो लेकिन राजनीती की शुरुवात और हलचल तेज हो गयी है .
प्रयागराज की राजनीती में शहर पश्चिमी हमेशा सुर्ख़ियों में रहा . शहर पश्चिमी की राजनीती में कभी अतीक अहमद का दबदबा होता था जब वे लगातार कई बार निर्दल या वभिन्न दलों से चुनाव जीते . अतीक अहमद को चुनौती बसपा के प्रत्याशी राजू पाल ने दी जिसकी कम दिनों में ही हत्या से उपजी लहार से राजू पाल की पत्नी पूजा पाल तीन बार शहर पश्चिमी से विधायक रहीं .
2017 में समाजवादी पार्टी ने अपनी राजनीती में बदलाव किया और दबदबा रखने वाले अतीक अहमद को टिकट नहीं दिया , समाजवादी पार्टी ने छात्र नेता ऋचा सिंगझ को मैदान में उतारा तो बीजेपी ने बड़ा दांव खेलते हुए बड़े कद के नेता सिद्धार्थ नाथ सिंह को अपना प्रत्याशी बनाया . बहुजन समाज पार्टी से पूजा पाल ही प्रत्याशी रहीं . बहुत दिन बाद शहर पश्चिमी की जनता ने निर्विवाद नेता सिद्धार्थ नाथ सिंह को 85518 वोट दिए और सपा को 60182 वोट दिए जिससे 25336 वोट से सिद्धार्थ नाथ सिंह चुनाव जीतकर योगी सरकार में कद्दावर मंत्री और सरकार के प्रवक्ता हैं . तीन बार बहुजन समाज पार्टी से विधायक रही पूजा पाल को केवल 40499 वोट ही मिल पाया और बसपा तीसरे नंबर पर रही .
2017 के बाद से बहुत गंगा में पानी बाह चूका और शहर पश्चिमी की राजनीती में बड़ा परिवर्तन हो चूका है , बसपा नेता पूजा पाल समाजवादी पार्टी में आ चुकी हैं और अतीक अहमद गुजरात जेल में बंद हैं और भाई तथा लड़का फरार चल रहे हैं . बहुजन समाज पार्टी से सामने किसी की दावेदारी खुल कर तो नहीं आ रही है लेकिन कहा जाता है महानगर अध्यक्ष चौधरी सईद अहमद शहर पश्चिमी से लड़ने के इच्छुक हैं .
बीजेपी विधायक और मंत्री ने अपनी सरकार और अपनी योग्यता का भरपूर फायदा उठाया और शहर पश्चिमी में उनके काम देखे जा सकते हैं इसमें दो राय नहीं हैं . जहाँ काम के नाम पर वोट मिलते भी हैं और नहीं भी मिलते हैं वहीँ शहर पश्चिमी विधानसभा में एक बार फिर 2022 में बीजेपी और समाजवादी में ही सीधी टक्कर दिखाई दे रही है , प्रत्याशी कौन होगा समाजवादी पार्टी से यह समय बताएगा लेकिन बहुजन समाज पार्टी लड़ाई को त्रिकोणीय बनाएगी . कांग्रेस से संभावित प्रत्याशी के रूप में प्रयागराज के गाँधी कहे जाने वाले तस्लीमुद्दीन की दावेदारी रहेगी लेकिन बहुत फर्क बनती हुई कांग्रेस नहीं दिखाई देती हैं.
शहर पचिमी की जनता विकास को प्राथमिकता देगी की सहानुभूति को यह तो समय बताएगा लेकिन समाजवादी पार्टी में ऋचा सिंह की दावेदारी काम नहीं है वे लगातार शहर पश्चिमी में बनी रहती हैं और जनता की आवाज उठती रहती हैं . शहर पचिमी में एक फैक्टर और काम करेगा अतीक अहमद का अगर उनके परिवार से कोई चुनाव लड़ा तो बड़ा फर्क होगा और नहीं लड़ा तो भी अंदर खाने यह फर्क पड़ेगा की जिस बात को मुद्दा बना कर पूजा पाल चुनाव लड़ती थीं वह उनके पक्ष में रहेगा की वह बड़ा फैक्टर बसपा की तरफ शिफ्ट होगा , इस पर चर्चा बाद में होगी अभी चुनाव में वक्त है .